नई दिल्ली : गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस (Congress) ने लगभग 40 शहरी विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर नए चेहरों को खड़ा करने का मन बनाया है (Congress banks on fresh faces to fight BJP). ये वह सीटें हैं जिन पर पार्टी वर्षों से हार रही है. इनमें से अधिकांश शहरी सीटें हैं जैसे अहमदाबाद में 12, सूरत में 8, वडोदरा में 5, राजकोट में 3, भावनगर में 3 और जामनगर में 3 सीटें.
कठिन सीटों पर नए चेहरों को उतारने के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के विचार से प्रेरित होकर, राज्य इकाई ने पिछले कुछ हफ्तों में टिकट के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. बाद में वरिष्ठ नेताओं ने उन उम्मीदवारों को शॉर्ट-लिस्ट करने के लिए ब्लॉक स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक प्राप्त किया. अहमदाबाद में पिछले दो दिनों में उन पर व्यापक रूप से चर्चा हुई.
गुजरात के AICC प्रभारी रघु शर्मा ने टिकटों के बंटवारे को लेकर राज्य चुनाव समिति के विचारों को सुना. जिस पर अब केरल के नेता रमेश चेन्नीथला की अध्यक्षता वाली पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी चर्चा करेगी. बाद में अगले सप्ताह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा इसे मंजूरी दी जाएगी. सोनिया गांधी पार्टी अध्यक्ष के रूप में सीईसी की अध्यक्षता करेंगी.
हालांकि पार्टी 17 अक्टूबर को नए अध्यक्ष का चुनाव करने वाली है, लेकिन नतीजे 19 अक्टूबर को आएंगे और नया व्यक्ति कुछ दिनों के बाद कार्यभार संभालेगा. पद ग्रहण करने के बाद नए अध्यक्ष की सीईसी में भूमिका होगी. तदनुसार, पार्टी पदाधिकारी 20 अक्टूबर से पहले लगभग 50/182 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने की योजना बना रहे हैं. एआईसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने और उम्मीदवारों पर चर्चा की है, लेकिन शुरुआत में केवल 50 की घोषणा करेंगे.'
सूत्रों के मुताबिक ये 50 सीटें ऐसी हैं जहां एक ही योग्य उम्मीदवार की पहचान की गई है जबकि अन्य सीटों पर एक से अधिक कैंडिडेट हैं. ऐसे में स्क्रीनिंग और केंद्रीय चुनाव समितियों में कुछ और चर्चा की आवश्यकता हो सकती है. गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अमित चावड़ा (Amit Chavda ) ने कहा, 'नए लोगों, युवाओं और महिलाओं को उन सीटों पर मौका दिया जाएगा जो पार्टी कई सालों से हार रही है.'
पिछले दो दिनों के दौरान चर्चा में राज्य चुनाव पैनल के कुछ सदस्यों ने यह सुझाव भी दिया कि 70 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाना चाहिए, युवा और महिला उम्मीदवारों को उनके स्थान पर तरजीह दी जानी चाहिए. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि सुझाव पर अभी तक कोई अंतिम राय नहीं ली गई है.
सूत्रों के अनुसार इन सदस्यों के विचार उदयपुर घोषणापत्र के अनुरूप हैं जिसमें 50 वर्ष से कम आयु के सभी पदाधिकारियों में से आधे को पार्टी और चुनावी भूमिकाओं में अधिक युवा और नए चेहरों को जगह देने का निर्णय लिया गया था. हाल ही में, अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में से एक मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर वह पार्टी प्रमुख बनते हैं, तो वह उदयपुर घोषणापत्र को आगे बढ़ाएंगे.
आने वाले चुनाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो पिछले 27 वर्षों से सत्ता में रही भाजपा के खिलाफ वापसी करने के लिए नजर बनाए हुए है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि जीतने योग्य उम्मीदवार को चुनने के साथ-साथ प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए टिकटों का चयन सावधानी से किया जा रहा है. 'आप' भी इस बार मुकाबला करने मैदान में उतरी है, ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं. हालांकि कांग्रेस और भाजपा दोनों 'नए खिलाड़ी' को उतनी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
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