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मुंबई में पेंगुइन पर खर्च होंगे 15 कराेड़, विपक्ष ने की टेंडर रद्द करने की मांग

मुंबई नगर निगम ने पेंगुइन पर तीन साल में 15 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. इसके लिए बाकायदा टेंडर भी निकाल दिया गया है. विपक्ष इसे मुद्द बना रहा है. विपक्ष का कहना है कि कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति खराब है ऐसे में इतनी रकम क्यों खर्च की जा रही है.

हम्बोल्ट पेंगुइन
हम्बोल्ट पेंगुइन
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Published : Sep 6, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Sep 7, 2021, 5:58 AM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में पेंगुइन (penguins) को लेकर राजनीति तेज है. कोरोना के कारण लॉकडाउन से नगर निगम का आर्थिक गणित बिगड़ गया है ऐसे में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने अगले तीन वर्षों के लिए पेंगुइन पर 15 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. विपक्ष के नेता रवि राजा ने इस पर सवाल उठाया है कि करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने टेंडर रद्द करने की भी मांग की है. हालांकि मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर (Kishori Pednekar) ने स्पष्ट किया है कि पेंगुइन की कीमत बिल्कुल तय की जाएगी.

दरअसल 2017 में हम्बोल्ट पेंगुइन (Humboldt penguins) दक्षिण कोरिया से नगर निगम के भायखला रानीबाग में लाए गए थे. इनके लिए विशेष वातानुकूलित कक्ष बनाया गया है. पेंगुइन की खरीद और इस कक्षा के लिए कुल 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए. उसके बाद 3 साल के मेंटेनेंस पर 11 करोड़ रुपए खर्च किए गए. अगले तीन साल तक फिर से 15 करोड़ रुपये खर्च करने की उम्मीद है.

टेंडर की गई राशि पेंगुइन प्रदर्शनी के रखरखाव और एयर कंडीशनिंग सुविधाओं, लाइफ सपोर्ट और इलेक्ट्रिकल सिस्टम, पशु चिकित्सा अधिकारियों की सेवाओं और पेंगुइन के लिए भोजन मछली की आपूर्ति पर खर्च की जाएगी.

पेंगुइन की दैनिक देखभाल के लिए विशेष पशु चिकित्सा अधिकारी और डॉक्टर नियुक्त किए जाते हैं. पेंगुइन को प्रतिदिन विशेष भोजन, विशेष प्रकार की मछली और अन्य पूरक आहार दिए जाते हैं. पिछले तीन वर्षों में एक नवजात और एक नर पेंगुइन की मौत हो गई है. कांग्रेस के कार्पोरेटर रवि राजा का आरोप है कि ठेकेदार से फायदा लेकर मनमाने ढंग से टेंडर दिया जा रहा है.

पेंगुइन देखने के लिए तय है शुल्क

शुरू में, रानीबाग में पेंगुइन देखने के लिए आने वाले बच्चों के लिए 2 रुपये व वयस्कों के लिए यह 5 रुपये शुल्क लिया जाता था. बाद में, हालांकि शुल्क को 5 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया था. क्योंकि पेंगुइन हॉल का मासिक बिजली बिल 10 लाख रुपये से अधिक था. प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी और कांग्रेस ने इसका विरोध किया. फलस्वरूप विरोध के बाद फीस बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गई. इस वजह से वर्तमान में 12 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए 50 रुपये और तीन से 12 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए 25 रुपये का शुल्क निर्धारित है. वहीं नगरपालिका स्कूल के छात्र एक शैक्षिक यात्रा के लिए पेंगुइन मुफ्त में देख सकते हैं.

एक पेगुइन पर एक दिन में 20 हजार रुपये खर्च हो रहे

दरअसल एक पेंगुइन पर एक दिन का खर्च करीब 20 हजार रुपये आ रहा है. यहां सात पेंगुइन हैं. कोरोना काल में नगर पालिका की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. ऐसे में नगर निगम में विपक्ष के नेता रवि राजा ने पूछा है कि ऐसे मामले में 15 करोड़ रुपये का टेंडर क्यों जारी किया गया. उन्होंने मांग की है कि पेंगुइन के रखरखाव का टेंडर रद्द किया जाए. रवि राजा ने सत्तारूढ़ शिवसेना की आलोचना की है. वहीं, नगर निगम का कहना है कि पेंगुइन से राजस्व बढ़ रहा है. अगर विरोधियों को लगता है कि पेंगुइन की कीमत बहुत अधिक है, तो यह तय हो जाएगा. मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि पेंगुइन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

पढ़ें- लुप्त हो रहीं हैं एम्परर पेंगुइन की 98 फीसदी बस्तियां

मुंबई : महाराष्ट्र में पेंगुइन (penguins) को लेकर राजनीति तेज है. कोरोना के कारण लॉकडाउन से नगर निगम का आर्थिक गणित बिगड़ गया है ऐसे में बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने अगले तीन वर्षों के लिए पेंगुइन पर 15 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है. विपक्ष के नेता रवि राजा ने इस पर सवाल उठाया है कि करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने टेंडर रद्द करने की भी मांग की है. हालांकि मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर (Kishori Pednekar) ने स्पष्ट किया है कि पेंगुइन की कीमत बिल्कुल तय की जाएगी.

दरअसल 2017 में हम्बोल्ट पेंगुइन (Humboldt penguins) दक्षिण कोरिया से नगर निगम के भायखला रानीबाग में लाए गए थे. इनके लिए विशेष वातानुकूलित कक्ष बनाया गया है. पेंगुइन की खरीद और इस कक्षा के लिए कुल 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए. उसके बाद 3 साल के मेंटेनेंस पर 11 करोड़ रुपए खर्च किए गए. अगले तीन साल तक फिर से 15 करोड़ रुपये खर्च करने की उम्मीद है.

टेंडर की गई राशि पेंगुइन प्रदर्शनी के रखरखाव और एयर कंडीशनिंग सुविधाओं, लाइफ सपोर्ट और इलेक्ट्रिकल सिस्टम, पशु चिकित्सा अधिकारियों की सेवाओं और पेंगुइन के लिए भोजन मछली की आपूर्ति पर खर्च की जाएगी.

पेंगुइन की दैनिक देखभाल के लिए विशेष पशु चिकित्सा अधिकारी और डॉक्टर नियुक्त किए जाते हैं. पेंगुइन को प्रतिदिन विशेष भोजन, विशेष प्रकार की मछली और अन्य पूरक आहार दिए जाते हैं. पिछले तीन वर्षों में एक नवजात और एक नर पेंगुइन की मौत हो गई है. कांग्रेस के कार्पोरेटर रवि राजा का आरोप है कि ठेकेदार से फायदा लेकर मनमाने ढंग से टेंडर दिया जा रहा है.

पेंगुइन देखने के लिए तय है शुल्क

शुरू में, रानीबाग में पेंगुइन देखने के लिए आने वाले बच्चों के लिए 2 रुपये व वयस्कों के लिए यह 5 रुपये शुल्क लिया जाता था. बाद में, हालांकि शुल्क को 5 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया था. क्योंकि पेंगुइन हॉल का मासिक बिजली बिल 10 लाख रुपये से अधिक था. प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी और कांग्रेस ने इसका विरोध किया. फलस्वरूप विरोध के बाद फीस बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गई. इस वजह से वर्तमान में 12 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए 50 रुपये और तीन से 12 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए 25 रुपये का शुल्क निर्धारित है. वहीं नगरपालिका स्कूल के छात्र एक शैक्षिक यात्रा के लिए पेंगुइन मुफ्त में देख सकते हैं.

एक पेगुइन पर एक दिन में 20 हजार रुपये खर्च हो रहे

दरअसल एक पेंगुइन पर एक दिन का खर्च करीब 20 हजार रुपये आ रहा है. यहां सात पेंगुइन हैं. कोरोना काल में नगर पालिका की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. ऐसे में नगर निगम में विपक्ष के नेता रवि राजा ने पूछा है कि ऐसे मामले में 15 करोड़ रुपये का टेंडर क्यों जारी किया गया. उन्होंने मांग की है कि पेंगुइन के रखरखाव का टेंडर रद्द किया जाए. रवि राजा ने सत्तारूढ़ शिवसेना की आलोचना की है. वहीं, नगर निगम का कहना है कि पेंगुइन से राजस्व बढ़ रहा है. अगर विरोधियों को लगता है कि पेंगुइन की कीमत बहुत अधिक है, तो यह तय हो जाएगा. मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि पेंगुइन पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

पढ़ें- लुप्त हो रहीं हैं एम्परर पेंगुइन की 98 फीसदी बस्तियां

Last Updated : Sep 7, 2021, 5:58 AM IST
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