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कांग्रेस ने फिर से स्मृति पर किया हमला, बोली- पैथोलॉजिकल लायर - कांग्रेस प्रवक्ता गिरीश चोडनकर

कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर फिर से तीखा हमला किया है. पार्टी ने उन्हें 'पैथोलॉजिकल लायर' तक बता दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि स्मृति के परिवार को जीएसटी नंबर अलॉट किया गया है और यह नंबर उस कंपनी को आवंटित जीएसटी नंबर से मिलता है, जिसे कथित तौर पर उनके पति चलाते हैं. हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस नेताओं के स्टैंड को गलत बताया है. (smriti irani a pathological liar).

smriti irani, minister
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
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Published : Aug 3, 2022, 5:31 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने भले ही स्मृति ईरानी को राहत प्रदान कर दी हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी का रूख अब भी नहीं बदला है. पार्टी के एक नेता ने उन्हें 'पैथोलॉजिकल लायर' (आदतन झूठ बोलने की बीमारी से ग्रसित) बताया है. (smriti irani a pathological liar).

कांग्रेस ने बुधवार को सिली सोल्स कैफे और बार मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि उनके परिवार की कंपनी, एटऑल फूड एंड बेवरेज को जीएसटी नंबर अलॉट किया गया है. पार्टी ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को पूरी स्थिति पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता गिरीश चोडनकर ने दावा किया, 'स्मृति ईरानी और उनका परिवार सिली सोल्स कैफे और बार को चलाता है. वह इसे नहीं छिपा सकती हैं. यह एक ओपन एंड शट केस की तरह है. वह पैथोलॉजिकल लायर हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि बार का पता वही है जो कंपनी में सूचीबद्ध है, जिसे कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री के पति द्वारा चलाया जाता है. इसके अलावा, कंपनी को आवंटित जीएसटी नंबर सिली सोल्स को आवंटित के समान है.

आपको बता दें कि इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई, जब सिली सोल्स को कारण बताओ नोटिस दिया गया. आरोप यह लगा कि रेस्तरां के लाइसेंस को जिनके नाम पर नवीनीकृत किया गया, उनकी मौत हो चुकी है. आरोप स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर लगा. इसके जवाब में स्मृति ईरानी ने तुरंत ही कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करा दिया.

चोडनकर ने कहा कि स्मृति ईरानी पहले भी कई मौकों पर झूठ बोल चुकी हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में स्मृति ईरानी ने लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करते हुए शैक्षणिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स (पार्ट-वन) की डिग्री को बताया. यह डिग्री 1994 में ली गई थी. जबकि दिल्ली के चांदनी चौक से प्रस्तुत अपने 2004 के हलफनामे में उन्होंने 1996 में डीयू के स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से बीए पूरा करने का दावा किया.

इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेताओं ने झूठे, तीखे और जुझारू व्यक्तिगत हमलों का एक अभियान शुरू करने की साजिश रची. कोर्ट ने 29 जुलाई को तीन कांग्रेस नेताओं - जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा - को विवादास्पद मुद्दे के बारे में अपने ट्वीट्स को हटाने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी कि यदि नेता 24 घंटे के भीतर ट्वीट्स को हटाने में विफल रहे, तो ट्विटर उन्हें हटा देगा.

ये भी पढ़ें : गोवा में बार चलाने वाले बयान पर भड़कीं स्मृति, कहा- सोनिया-राहुल की लूट पर मेरे रुख के चलते बेटी को निशाना बनाया

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने भले ही स्मृति ईरानी को राहत प्रदान कर दी हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी का रूख अब भी नहीं बदला है. पार्टी के एक नेता ने उन्हें 'पैथोलॉजिकल लायर' (आदतन झूठ बोलने की बीमारी से ग्रसित) बताया है. (smriti irani a pathological liar).

कांग्रेस ने बुधवार को सिली सोल्स कैफे और बार मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि उनके परिवार की कंपनी, एटऑल फूड एंड बेवरेज को जीएसटी नंबर अलॉट किया गया है. पार्टी ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को पूरी स्थिति पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता गिरीश चोडनकर ने दावा किया, 'स्मृति ईरानी और उनका परिवार सिली सोल्स कैफे और बार को चलाता है. वह इसे नहीं छिपा सकती हैं. यह एक ओपन एंड शट केस की तरह है. वह पैथोलॉजिकल लायर हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि बार का पता वही है जो कंपनी में सूचीबद्ध है, जिसे कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री के पति द्वारा चलाया जाता है. इसके अलावा, कंपनी को आवंटित जीएसटी नंबर सिली सोल्स को आवंटित के समान है.

आपको बता दें कि इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई, जब सिली सोल्स को कारण बताओ नोटिस दिया गया. आरोप यह लगा कि रेस्तरां के लाइसेंस को जिनके नाम पर नवीनीकृत किया गया, उनकी मौत हो चुकी है. आरोप स्मृति ईरानी और उनकी बेटी पर लगा. इसके जवाब में स्मृति ईरानी ने तुरंत ही कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करा दिया.

चोडनकर ने कहा कि स्मृति ईरानी पहले भी कई मौकों पर झूठ बोल चुकी हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में स्मृति ईरानी ने लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करते हुए शैक्षणिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स (पार्ट-वन) की डिग्री को बताया. यह डिग्री 1994 में ली गई थी. जबकि दिल्ली के चांदनी चौक से प्रस्तुत अपने 2004 के हलफनामे में उन्होंने 1996 में डीयू के स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से बीए पूरा करने का दावा किया.

इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस नेताओं ने झूठे, तीखे और जुझारू व्यक्तिगत हमलों का एक अभियान शुरू करने की साजिश रची. कोर्ट ने 29 जुलाई को तीन कांग्रेस नेताओं - जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा - को विवादास्पद मुद्दे के बारे में अपने ट्वीट्स को हटाने का निर्देश दिया था और चेतावनी दी कि यदि नेता 24 घंटे के भीतर ट्वीट्स को हटाने में विफल रहे, तो ट्विटर उन्हें हटा देगा.

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