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यूपीए सरकार की छवि को खराब करने और उसे गिराने के लिए कई स्तरों वाली गहरी साजिश रची गई: खुर्शीद

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि टू जी घोटाले में पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) विनोद राय की माफी से पता चलता है कि तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की छवि को खराब करने और उसे गिराने के लिए कई स्तरों वाली गहरी साजिश रची गई थी.

खुर्शीद
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Published : Nov 5, 2021, 8:31 PM IST

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कहा कि टू जी घोटाले में पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) विनोद राय की माफी से पता चलता है कि तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की छवि को खराब करने और उसे गिराने के लिए कई स्तरों वाली गहरी साजिश रची गई थी.

खुर्शीद ने यहां प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि इस मुद्दे के कारण भारत की आर्थिक प्रगति की कहानी सबके सामने नहीं आ पाई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राय से बिना शर्त माफी मांगने को कहती रही है.

राय ने हाल ही में कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद संजय निरूपम से बिना शर्त माफी मांगी थी. राय ने दावा किया था कि निरूपम उन सांसदों में से एक थे जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम टू जी नीलामी की सरकारी ऑडिट रिपोर्ट से बाहर रखने के लिए राय पर दबाव बनाया था. राय के दावे के बाद निरूपम ने उनके विरुद्ध मनहानि का मामला दायर किया था जिसमें राय को माफी मांगनी पड़ी.

खुर्शीद ने यहां संवाददाताओं से कहा,'क्या अब ऐसा नहीं लगता कि तत्कालीन सीएजी श्री विनोद राय अवैध काम करने को प्रोत्साहित करने वाले एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे? मुझे याद है, राय ने वह सीएजी रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें टू जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस प्रदान करने के मामले में 1.76 लाख करोड़ के सनसनीखेज नुकसान का जिक्र था. वह रिपोर्ट काल्पनिक थी.'

यह भी पढ़ें- टी-20 विश्व कप 2021, भारत vs स्कॉटलैंड: भारत ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

खुर्शीद ने कहा कि राय टू जी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट के समर्थन में कभी साक्ष्य पेश नहीं कर पाए. उन्होंने कहा,'यह मात्र संयोग नहीं है कि तत्कालीन सीएजी राय को राज्यमंत्री का दर्जा देकर शक्तिशाली 'बैंकिंग भर्ती बोर्ड' का अध्यक्ष बनाया गया था. राय ने बोर्ड के अध्यक्ष रहते न तो कभी 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक घोटाले के बारे में एक शब्द बोला और न ही नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, ललित मोदी, विजय माल्या के भागने या हजारों करोड़ रुपये के घोटालों पर कुछ कहा.'

खुर्शीद ने कहा कि देश के लिए एक लाभकारी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया और उसमें वे सफल हुए. उन्होंने कहा,'अब तो बस खुलासा हो रहा है. जब तक सच सामने नहीं आ जाता तब तक किस प्रकार इतिहास को बार-बार लिखा जाएगा यह स्पष्ट होता जा रहा है और राय द्वारा दायर हलफनामे से इसकी पुष्टि हो चुकी है.'

खुर्शीद ने कहा,'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, श्री विनोद राय और अन्य को देश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.' खुर्शीद ने कहा कि देश को पता चलना चाहिए कि सच सामने आ चुका है और मनमोहन सिंह सरकार को अस्थिर करने और उसे गिराने की साजिश का पर्दाफाश हो गया है.

(भाषा)

तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कहा कि टू जी घोटाले में पूर्व नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) विनोद राय की माफी से पता चलता है कि तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की छवि को खराब करने और उसे गिराने के लिए कई स्तरों वाली गहरी साजिश रची गई थी.

खुर्शीद ने यहां प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्यों से मुलाकात की और कहा कि इस मुद्दे के कारण भारत की आर्थिक प्रगति की कहानी सबके सामने नहीं आ पाई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राय से बिना शर्त माफी मांगने को कहती रही है.

राय ने हाल ही में कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद संजय निरूपम से बिना शर्त माफी मांगी थी. राय ने दावा किया था कि निरूपम उन सांसदों में से एक थे जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम टू जी नीलामी की सरकारी ऑडिट रिपोर्ट से बाहर रखने के लिए राय पर दबाव बनाया था. राय के दावे के बाद निरूपम ने उनके विरुद्ध मनहानि का मामला दायर किया था जिसमें राय को माफी मांगनी पड़ी.

खुर्शीद ने यहां संवाददाताओं से कहा,'क्या अब ऐसा नहीं लगता कि तत्कालीन सीएजी श्री विनोद राय अवैध काम करने को प्रोत्साहित करने वाले एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे? मुझे याद है, राय ने वह सीएजी रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें टू जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस प्रदान करने के मामले में 1.76 लाख करोड़ के सनसनीखेज नुकसान का जिक्र था. वह रिपोर्ट काल्पनिक थी.'

यह भी पढ़ें- टी-20 विश्व कप 2021, भारत vs स्कॉटलैंड: भारत ने जीता टॉस, गेंदबाजी का फैसला

खुर्शीद ने कहा कि राय टू जी स्पेक्ट्रम रिपोर्ट के समर्थन में कभी साक्ष्य पेश नहीं कर पाए. उन्होंने कहा,'यह मात्र संयोग नहीं है कि तत्कालीन सीएजी राय को राज्यमंत्री का दर्जा देकर शक्तिशाली 'बैंकिंग भर्ती बोर्ड' का अध्यक्ष बनाया गया था. राय ने बोर्ड के अध्यक्ष रहते न तो कभी 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक घोटाले के बारे में एक शब्द बोला और न ही नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, ललित मोदी, विजय माल्या के भागने या हजारों करोड़ रुपये के घोटालों पर कुछ कहा.'

खुर्शीद ने कहा कि देश के लिए एक लाभकारी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया गया और उसमें वे सफल हुए. उन्होंने कहा,'अब तो बस खुलासा हो रहा है. जब तक सच सामने नहीं आ जाता तब तक किस प्रकार इतिहास को बार-बार लिखा जाएगा यह स्पष्ट होता जा रहा है और राय द्वारा दायर हलफनामे से इसकी पुष्टि हो चुकी है.'

खुर्शीद ने कहा,'प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, श्री विनोद राय और अन्य को देश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए.' खुर्शीद ने कहा कि देश को पता चलना चाहिए कि सच सामने आ चुका है और मनमोहन सिंह सरकार को अस्थिर करने और उसे गिराने की साजिश का पर्दाफाश हो गया है.

(भाषा)

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