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अडाणी से जुड़े 2 ऑफश्योर फंड IT के रडार पर थे, JPC की मांग दोहराई: कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को एक बार फिर अडाणी समूह पर गंभीर आरोप लगाये. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 'वित्तीय गड़बड़ी' के मामले में सिर्फ जेपीसी ही जांच करके सच का पता लगा सकती है.

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Published : May 30, 2023, 2:11 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अडाणी समुह से जुड़े ऑफश्योर फंड भारतीय कर अधिकारियों के रडार थे. अधिकारी इसकी जांच कम से कम 2014 से कर रहे है. इस मामले में अडाणी को एक या दो नियमित नोटिस भी भेजे गये. लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई. कांग्रेस ने कहा कि एक जेपीसी ही पूरे मामले में सच्चाई का पता लगा सकती है. कांग्रेस ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि मॉरीशस कम से कम दो कंपनियां हैं जिन्होंने अडाणी समूह में निवेश किया था.

  • https://t.co/urYFgnTtuZ

    This is now a familiar pattern: two offshore Adani-linked funds appear to have been on the radar of Indian tax authorities since at least 2014, with no action evident other than one or two routine notices for information.

    Like SEBI, was the otherwise…

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह के बारे में दावा किया गया था कि एक दशक से अधिक समय से अडाणी समूह की ये कंपनियां भारतीय कर अधिकारियों के रडार पर थीं. मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह अब एक परिचित पैटर्न है. दो ऑफश्योर अडाणी-लिंक्ड फंड कम से कम 2014 से भारतीय कर अधिकारियों के रडार पर हैं. जिनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. रमेश ने ट्विटर पर तंज किया कि क्या सेबी की तरह अतिसक्रिय आयकर विभाग भी मित्र काल के दौरान नौकरी पर सोने को मजबूर था?

उन्होंने कहा कि इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि केवल एक जेपीसी ही यह पता लगा सकती है कि अडाणी में निवेश किए गए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंड कहां से आए. उनका हिसाब-किताब क्या है. कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि अडाणी समूह 'वित्तीय गड़बड़ी' में शामिल है. जैसा कि अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा रिपोर्ट किया गया है. शॉर्ट-सेलर ने धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-कीमत में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे. जिसके कारण अडाणी समूह के शेयरों का स्टॉक क्रैश हो गया था.

पढ़ें : LIC-Adani News: अडाणी ग्रुप में निवेश का LIC को फायदा, 3 दिनों में 6200 करोड़ रुपये का हुआ मुनाफा

पढ़ें : Adani Group के शेयरों ने पकड़ी रफ्तार, अमीरों की टॉप-20 लिस्ट में शामिल हुए अडाणी

पढ़ें :Adani-Hindenburg Case: एससी समिति की रिपोर्ट, अडाणी के शेयरों में संदिग्ध सौदों के लिए 6 इकाइयां जांच के घेरे में

हालांकि, अडाणी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है. कांग्रेस पहले अडाणी मुद्दे पर 100 सवालों का एक सेट लेकर आई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए कह रही थी.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अडाणी समुह से जुड़े ऑफश्योर फंड भारतीय कर अधिकारियों के रडार थे. अधिकारी इसकी जांच कम से कम 2014 से कर रहे है. इस मामले में अडाणी को एक या दो नियमित नोटिस भी भेजे गये. लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई. कांग्रेस ने कहा कि एक जेपीसी ही पूरे मामले में सच्चाई का पता लगा सकती है. कांग्रेस ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि मॉरीशस कम से कम दो कंपनियां हैं जिन्होंने अडाणी समूह में निवेश किया था.

  • https://t.co/urYFgnTtuZ

    This is now a familiar pattern: two offshore Adani-linked funds appear to have been on the radar of Indian tax authorities since at least 2014, with no action evident other than one or two routine notices for information.

    Like SEBI, was the otherwise…

    — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडाणी समूह के बारे में दावा किया गया था कि एक दशक से अधिक समय से अडाणी समूह की ये कंपनियां भारतीय कर अधिकारियों के रडार पर थीं. मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह अब एक परिचित पैटर्न है. दो ऑफश्योर अडाणी-लिंक्ड फंड कम से कम 2014 से भारतीय कर अधिकारियों के रडार पर हैं. जिनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. रमेश ने ट्विटर पर तंज किया कि क्या सेबी की तरह अतिसक्रिय आयकर विभाग भी मित्र काल के दौरान नौकरी पर सोने को मजबूर था?

उन्होंने कहा कि इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि केवल एक जेपीसी ही यह पता लगा सकती है कि अडाणी में निवेश किए गए 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के फंड कहां से आए. उनका हिसाब-किताब क्या है. कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि अडाणी समूह 'वित्तीय गड़बड़ी' में शामिल है. जैसा कि अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा रिपोर्ट किया गया है. शॉर्ट-सेलर ने धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-कीमत में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे. जिसके कारण अडाणी समूह के शेयरों का स्टॉक क्रैश हो गया था.

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हालांकि, अडाणी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है. कांग्रेस पहले अडाणी मुद्दे पर 100 सवालों का एक सेट लेकर आई थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए कह रही थी.

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