नई दिल्ली : भारत ने गंभीर आर्थिक संकट और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे श्रीलंका को शुक्रवार को तीन अरब श्रीलंकाई रुपये से अधिक मूल्य की एक बड़ी मानवीय सहायता खेप सौंपी (Humanitarian Consignment worth more than SLR 3 billion). श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले, श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री केहेलिया रामबुकवेला, व्यापार मंत्री नलिन फर्नांडो और द्वीपीय देश की संसद के कई सदस्यों ने खेप को प्राप्त किया.
खेप में भारत के लोगों द्वारा दान में दिया गया 14,700 मीट्रिक टन चावल, 250 मीट्रिक टन दूध का पाउडर और 38 मीट्रिक टन दवाइयां शामिल हैं. भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि मानवीय सहायता की बड़ी खेप भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच जुड़ाव तथा श्रीलंका में अपने बंधुओं के कल्याण के लिए भारत के लोगों की चिंताओं को रेखांकित करती है. इसमें कहा गया है कि यह आपूर्ति आने वाले दिनों में श्रीलंका सरकार द्वारा देश के लोगों के बीच बांटी जाएगी.
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From the people of #India to the people of #SriLanka!!! High Commissioner,Hon'ble Ministers @Keheliya_R, Nalin Fernando, MPs, various dignitaries and officials welcomed a large humanitarian consignment worth more than SLR 3 billion from #Tuticorn today. (1/2) pic.twitter.com/pMOF8kJppx
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तमिलनाडु सरकार द्वारा 40,000 मीट्रिक टन चावल, 500 मीट्रिक टन दूध पाउडर और दवाओं की बड़ी प्रतिबद्धता के तहत यह दूसरी खेप है. 2022 में श्रीलंका के लोगों को भारत की अभूतपूर्व आर्थिक, वित्तीय और मानवीय सहायता 3.5 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक है. 1.5 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की तीन क्रेडिट लाइनों और लगभग 2 बिलियन अमरीकी डालर के विदेशी मुद्रा समर्थन के अलावा दवाओं की आपूर्ति की गई है. श्रीलंका के मछुआरों के बीच केरोसिन ऑयल का वितरण, जरूरतमंद वर्गों को सूखा राशन सौंपना आदि भी शामिल है.
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले विदेश सचिव विनय क्वात्रा के नेतृत्व में भारत के वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे सहित देश के शीर्ष नेतृत्व से यहां मुलाकात की थी. बैठक के दौरान भारत ने श्रीलंका को आश्वस्त किया था कि नई दिल्ली द्वीपीय देश को अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद करने के लिए तैयार है. श्रीलंका 1948 में अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. श्रीलंका का विदेशी कर्ज बढ़ कर 51 अरब डॉलर हो गया है.
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