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दिल्ली में योगी : मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी या असंतोष दबाने की कवायद?

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Published : Jun 10, 2021, 7:39 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली पहुंचने से अटकलों का बाजार गर्म है. पार्टी ने संगठन महामंत्री बीएल संतोष को पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश भेजा था. उनकी रिपोर्ट के बाद ही सीएम योगी को आलाकमान ने दिल्ली तलब किया है. वहीं, अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचीं हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में कयास का दौर लाजमी है. 'ईटीवी भारत' की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
दिल्ली में योगी

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गुरुवार को दिल्ली बुलाए गए. यूपी से दिल्ली पहुंचते ही योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. लगभग डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के खत्म होने से पहले ही अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचीं. अपने दो दिवसीय दौरे में योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे. इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरुवार को आनन-फानन में दिल्ली पहुंचते ही राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया. हालांकि पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई कवायद नहीं चल रही.

12 जून को हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार

सूत्रों की माने तो इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर योगी आदित्यनाथ सीधे लखनऊ लौट जाएंगे. यह जानकारी भी सामने आ रही है कि 12 जून को उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन ने अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं. इसलिए यह कवायद लगाई जा रही है कि 12 जून को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि होनी अभी बाकी है.

2020 की तैयारी : जातिगत समीकरण पर जोर

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो पार्टी फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन से ज्यादा मंत्रिमंडल में सभी जाति संप्रदाय के लोगों को समाहित करने पर बल दे रही है ताकि 2022 के चुनाव में जातिगत राजनीतिक समीकरण में विपक्ष के मुकाबले, पार्टी यह कह सके राज्य के मंत्रिमंडल में उन्होंने सभी जातियों को तरजीह दी है.

साथ ही योगी आदित्यनाथ मोदी और शाह से मुलाकात में 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. इसके अलावा यूपी में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर भी चर्चा होने की संभावना है.

आलाकमान को सौंपी थी रिपोर्ट
पिछले हफ्ते संगठन के महामंत्री बीएल संतोष (BL Santhosh) ने लखनऊ में रहकर तीन दिन तक योगी सरकार के मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की थी. उसके बाद रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी थी.

रिपोर्ट में सामने आई तालमेल में कमी!

अंदर खाने यह चर्चा है कि इस रिपोर्ट में कुछ ऐसी बातें कही गई हैं जिसमें साफ-साफ यह निकल कर आता है कि योगी सरकार और संगठन में तालमेल का काफी अभाव है. सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों के बीच भी तालमेल को लेकर लगातार असंतोष गाहे-बगाहे सामने आ रहा है.

प्रधानमंत्री के सामने सीएम रखेंगे पक्ष

मुख्य तौर पर जिन बिंदुओं को लेकर इस रिपोर्ट में आपत्ति दर्ज की गई है उनको लेकर आलाकमान सीएम योगी को पार्टी को साथ लेकर चलने की सलाह दे सकते है. इसके अलावा विधायकों और सांसदों की नाराजगी पर भी आलाकमान योगी को चेतावनी दे सकते हैं. उन्हें पार्टी को साथ लेकर चलने की सलाह दी जा सकती है. साथ यह भी बात निकल कर सामने आ रही है कि कोविड-19 के दौरान उत्तर प्रदेश को लेकर जो सोशल मीडिया और ग्लोबल मीडिया में जो भी तस्वीरें वायरल हुईं. ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से जो त्राहिमाम मचा, उन तमाम बातों को लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं.

राधामोहन ने राज्यपाल से की थी मुलाकात
पिछले दिनों जब संगठन राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने अपने लखनऊ के प्रवास के दौरान विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी उसके बाद ही उत्तर प्रदेश को लेकर पार्टी में हलचल तेज हो गई थी.

यूपी के प्रभारी राधा मोहन सिंह लखनऊ दौरे पर भी भेजे गए थे. पिछले रविवार को प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन और विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही लगातार मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें भी तेज हो गई थीं.
लंबे समय से चल रहा असंतोष
देखा जाए तो उत्तर प्रदेश सरकार में संगठन और पार्टी के बीच असंतोष काफी लंबे समय से चला आ रहा है. पिछले साल भी पार्टी के बड़ी संख्या में विधायक और लगभग 18 मंत्रियों ने विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिया था. केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में आने के बाद समझा-बुझाकर उस तात्कालिक संकट को दबा दिया गया था.

विधानसभा चुनाव के लिए होमवर्क

उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव 2022 में है, जिसे लेकर पार्टी काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. जिस तरह पश्चिम बंगाल में पार्टी अपने अनुमान के मुताबिक खरी नहीं उतर पाई ऐसा उत्तर प्रदेश में ना दोहराया जाए इस बात को लेकर पार्टी ने राज्य के प्रति अपना होमवर्क करना अभी से शुरू कर दिया है. पार्टी और सरकार के बीच किसी भी तरह का तालमेल में अभाव ना हो और असंतुष्ट नेताओं की संख्या विधानसभा चुनाव तक बढ़ती न जाए इस पर विराम लगाने के लिए ही पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाया है.
मंत्रिमंडल विस्तार चाहती है पार्टी!
पार्टी राज्य में वर्तमान मुख्यमंत्री के ना चाहने के बावजूद भी मंत्रिमंडल विस्तार करना चाहती है ताकि कुछ अन्य चेहरों को भी समाहित किया जा सके. प्रमुख तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व अधिकारी और प्रधानमंत्री के विश्वस्त रहे अशोक शर्मा का नाम भी मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों की लिस्ट में सामने आ रहा है. हाल ही में उन्हें एमएलसी बनाया गया है.

ये रूटीन एक्सरसाइज : सुदेश वर्मा

पिछले काफी दिनों से पार्टी का सहयोगी रहा अपना दल भी काफी उपेक्षित महसूस कर रहा था. अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और अमित शाह की मुलाकात ने उन अटकलों को और तेज कर दिया है. इस मुद्दे पर पार्टी के प्रवक्ता कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं.

पढ़ें-गृह मंत्री के आवास से रवाना हुए सीएम योगी, कल पीएम से करेंगे मुलाकात

उत्तर प्रदेश के चुनाव के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के प्रवक्ता सुदेश वर्मा का कहना है कि 2022 का चुनाव पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पार्टी अपनी तैयारियों की शुरुआत कर चुकी है. इसे किसी भी असंतोष से जोड़कर देखा जाना गलत है. पार्टी समय-समय पर अपने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करती रहती है और यह एक रूटीन एक्सरसाइज है.

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गुरुवार को दिल्ली बुलाए गए. यूपी से दिल्ली पहुंचते ही योगी आदित्यनाथ ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. लगभग डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के खत्म होने से पहले ही अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल भी अमित शाह से मुलाकात करने पहुंचीं. अपने दो दिवसीय दौरे में योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे. इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरुवार को आनन-फानन में दिल्ली पहुंचते ही राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया. हालांकि पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई कवायद नहीं चल रही.

12 जून को हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार

सूत्रों की माने तो इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात कर योगी आदित्यनाथ सीधे लखनऊ लौट जाएंगे. यह जानकारी भी सामने आ रही है कि 12 जून को उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन ने अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं. इसलिए यह कवायद लगाई जा रही है कि 12 जून को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि होनी अभी बाकी है.

2020 की तैयारी : जातिगत समीकरण पर जोर

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों की माने तो पार्टी फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन से ज्यादा मंत्रिमंडल में सभी जाति संप्रदाय के लोगों को समाहित करने पर बल दे रही है ताकि 2022 के चुनाव में जातिगत राजनीतिक समीकरण में विपक्ष के मुकाबले, पार्टी यह कह सके राज्य के मंत्रिमंडल में उन्होंने सभी जातियों को तरजीह दी है.

साथ ही योगी आदित्यनाथ मोदी और शाह से मुलाकात में 2022 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं. इसके अलावा यूपी में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम पर भी चर्चा होने की संभावना है.

आलाकमान को सौंपी थी रिपोर्ट
पिछले हफ्ते संगठन के महामंत्री बीएल संतोष (BL Santhosh) ने लखनऊ में रहकर तीन दिन तक योगी सरकार के मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की थी. उसके बाद रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी थी.

रिपोर्ट में सामने आई तालमेल में कमी!

अंदर खाने यह चर्चा है कि इस रिपोर्ट में कुछ ऐसी बातें कही गई हैं जिसमें साफ-साफ यह निकल कर आता है कि योगी सरकार और संगठन में तालमेल का काफी अभाव है. सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों के बीच भी तालमेल को लेकर लगातार असंतोष गाहे-बगाहे सामने आ रहा है.

प्रधानमंत्री के सामने सीएम रखेंगे पक्ष

मुख्य तौर पर जिन बिंदुओं को लेकर इस रिपोर्ट में आपत्ति दर्ज की गई है उनको लेकर आलाकमान सीएम योगी को पार्टी को साथ लेकर चलने की सलाह दे सकते है. इसके अलावा विधायकों और सांसदों की नाराजगी पर भी आलाकमान योगी को चेतावनी दे सकते हैं. उन्हें पार्टी को साथ लेकर चलने की सलाह दी जा सकती है. साथ यह भी बात निकल कर सामने आ रही है कि कोविड-19 के दौरान उत्तर प्रदेश को लेकर जो सोशल मीडिया और ग्लोबल मीडिया में जो भी तस्वीरें वायरल हुईं. ऑक्सीजन और बेड की कमी की वजह से जो त्राहिमाम मचा, उन तमाम बातों को लेकर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के सामने अपना पक्ष रख सकते हैं.

राधामोहन ने राज्यपाल से की थी मुलाकात
पिछले दिनों जब संगठन राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने अपने लखनऊ के प्रवास के दौरान विधायकों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी उसके बाद ही उत्तर प्रदेश को लेकर पार्टी में हलचल तेज हो गई थी.

यूपी के प्रभारी राधा मोहन सिंह लखनऊ दौरे पर भी भेजे गए थे. पिछले रविवार को प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल आनंदीबेन और विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी, जिसके बाद से ही लगातार मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें भी तेज हो गई थीं.
लंबे समय से चल रहा असंतोष
देखा जाए तो उत्तर प्रदेश सरकार में संगठन और पार्टी के बीच असंतोष काफी लंबे समय से चला आ रहा है. पिछले साल भी पार्टी के बड़ी संख्या में विधायक और लगभग 18 मंत्रियों ने विधानसभा में अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दिया था. केंद्रीय नेतृत्व के संज्ञान में आने के बाद समझा-बुझाकर उस तात्कालिक संकट को दबा दिया गया था.

विधानसभा चुनाव के लिए होमवर्क

उत्तर प्रदेश का विधान सभा चुनाव 2022 में है, जिसे लेकर पार्टी काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. जिस तरह पश्चिम बंगाल में पार्टी अपने अनुमान के मुताबिक खरी नहीं उतर पाई ऐसा उत्तर प्रदेश में ना दोहराया जाए इस बात को लेकर पार्टी ने राज्य के प्रति अपना होमवर्क करना अभी से शुरू कर दिया है. पार्टी और सरकार के बीच किसी भी तरह का तालमेल में अभाव ना हो और असंतुष्ट नेताओं की संख्या विधानसभा चुनाव तक बढ़ती न जाए इस पर विराम लगाने के लिए ही पार्टी ने राज्य के मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाया है.
मंत्रिमंडल विस्तार चाहती है पार्टी!
पार्टी राज्य में वर्तमान मुख्यमंत्री के ना चाहने के बावजूद भी मंत्रिमंडल विस्तार करना चाहती है ताकि कुछ अन्य चेहरों को भी समाहित किया जा सके. प्रमुख तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व अधिकारी और प्रधानमंत्री के विश्वस्त रहे अशोक शर्मा का नाम भी मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों की लिस्ट में सामने आ रहा है. हाल ही में उन्हें एमएलसी बनाया गया है.

ये रूटीन एक्सरसाइज : सुदेश वर्मा

पिछले काफी दिनों से पार्टी का सहयोगी रहा अपना दल भी काफी उपेक्षित महसूस कर रहा था. अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और अमित शाह की मुलाकात ने उन अटकलों को और तेज कर दिया है. इस मुद्दे पर पार्टी के प्रवक्ता कुछ भी बोलने से मना कर रहे हैं.

पढ़ें-गृह मंत्री के आवास से रवाना हुए सीएम योगी, कल पीएम से करेंगे मुलाकात

उत्तर प्रदेश के चुनाव के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के प्रवक्ता सुदेश वर्मा का कहना है कि 2022 का चुनाव पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पार्टी अपनी तैयारियों की शुरुआत कर चुकी है. इसे किसी भी असंतोष से जोड़कर देखा जाना गलत है. पार्टी समय-समय पर अपने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करती रहती है और यह एक रूटीन एक्सरसाइज है.

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