पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपना कार्यकाल समाप्त होने पर आज पणजी स्थित राजभवन में राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई को अपना त्यागपत्र सौंपा. इससे पहले शुक्रवार को गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठक की थी, जिसमें 14 मार्च को मौजूदा विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करने का फैसला लिया गया. वहीं इस बीच, ऐसा भी प्रतीत हो रहा है की नई सरकार बनाने के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) से समर्थन मांगने को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं.
कहा जा रहा है कि भाजपा के कुछ नवनिर्वाचित विधायक, एमजीपी का समर्थन स्वीकार करने के खिलाफ हैं. एमजीपी ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था. बृहस्पतिवार को परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा बहुमत के आंकड़े से केवल एक सीट पीछे रह गई. ऐसे में, एमजीपी ने भाजपा को समर्थन की पेशकश की.
भाजपा ने विधानसभा की 40 में से 20 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि एमजीपी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है. बहुमत के आंकड़े से केवल एक सीट दूर भाजपा ने कहा है कि उसे एमजीपी के दो और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है. स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहा की भाजपा मंत्रियों ने एक बार फिर से पार्टी में विश्वास व्यक्त करने के लिए राज्य के लोगों को धन्यवाद देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा, हम पार्टी की शानदार जीत के लिए लोगों को धन्यवाद देने के लिए मिले थे. बैठक के दौरान, राज्य के लोगों को धन्यवाद देने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया.' राणे ने यह भी कहा कि, 'मुख्यमंत्री सावंत की अध्यक्षता में हुई बैठक में सोमवार को गोवा के राज्यपाल को सदन भंग करने की सिफारिश करने का फैसला किया गया.' बता दें की भाजपा लगातार तीसरी बार गोवा में अपनी सरकार बनाएगी.
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वहीं निवर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को समाप्त होने वाला है और इसके विघटन से नई विधानसभा के गठन और अगली सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा. सूत्रों के मुताबिक गोवा में कुछ नवनिर्वाचित भाजपा विधायक सरकार गठन के लिए एमजीपी के समर्थन को स्वीकार करने के खिलाफ हैं. इसपर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सदानंद शेत तानावडे ने अगली सरकार बनाने के लिए पार्टी को समर्थन देने के एमजीपी के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा की फैसला पार्टी नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा.
भाजपा के सूत्रों ने कहा है की पोंडा के विधायक रवि नाइक, प्रोल के विधायक गोविंद गौडे और दाबोलिम के विधायक मौविन गोडिन्हो सहित कुछ विधायकों ने एमजीपी को सरकार में शामिल करने पर सख्त आपत्ति जताई है.
(पीटीआई-भाषा)