ETV Bharat / bharat

बिहार के पहले सीएम श्रीकृष्ण सिंह का रिकॉर्ड तोड़ने के करीब नीतीश

नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. वह राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं.

nitish
नीतीश कुमार
author img

By

Published : Nov 16, 2020, 6:55 PM IST

पटना : बिहार की राजनीति में एक नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जैसे राजग के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

69 वर्षीय नीतीश कुमार के साथ भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, उपनेता एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की.

नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं.

कुमार ने सबसे पहले 2000 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण उनकी सरकार सप्ताह भर चली और उन्हें केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री के रूप में वापसी करनी पड़ी थी.

पांच साल बाद वह जदयू-भाजपा गठबंधन की शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटे और 2010 में गठबंधन की भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री का सेहरा एक बार फिर से नीतीश कुमार के सिर पर बांधा गया.

मई 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन जीतन राम मांझी के बगावती तेवरों के कारण उन्हें फरवरी 2015 में फिर से कमान संभालनी पड़ी.

सातवीं बार नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, देवेन्द्र फडणवीस, सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद थे.

भाजपा कोटे से सात विधायकों और जनता दल (यू) कोटे से पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसके अलावा 'हम' पार्टी से संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.

इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, जिसमें सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं.

नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शपथ लेने वालों में जद(यू) कोटे से विजय कुमार चौधरी का नाम प्रमुख है. इसके अलावा सुपौल से जद(यू) विधायक बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधान पार्षद अशोक चौधरी, तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी तथा पुलपरास से विधायक शीला कुमारी शामिल हैं.

भाजपा के कोटे से नीतीश सरकार में वरिष्ठ नेता एवं विधान पार्षद मंगल पांडेय ने शपथ ग्रहण की. मंगल पांडेय पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे.

इसके अलावा आरा से भाजपा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह तथा राजनगर से विधायक रामप्रीत पासवान ने भी शपथ ग्रहण की. रामप्रीत पासवान ने मैथिली में शपथ ली.

नीतीश सरकार में दरभंगा के जाले सीट से विधायक जीवेश कुमार ने भी मैथिली में शपथ ली.

औराई से भाजपा विधायक रामसूरत राय ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने शपथ ग्रहण की. वहीं विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. सहनी ने इस बार सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. वीआईपी पार्टी को चुनाव में चार सीटें मिलीं.

बिहार में हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं, जिसमें नीतीश कुमार की जद(यू) को 43 और भाजपा को जद(यू) से 31 सीट अधिक (74 सीट) हासिल हुई.

पटना : बिहार की राजनीति में एक नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जैसे राजग के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

69 वर्षीय नीतीश कुमार के साथ भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसाद, उपनेता एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की.

नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं, जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं.

कुमार ने सबसे पहले 2000 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण उनकी सरकार सप्ताह भर चली और उन्हें केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री के रूप में वापसी करनी पड़ी थी.

पांच साल बाद वह जदयू-भाजपा गठबंधन की शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटे और 2010 में गठबंधन की भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री का सेहरा एक बार फिर से नीतीश कुमार के सिर पर बांधा गया.

मई 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन जीतन राम मांझी के बगावती तेवरों के कारण उन्हें फरवरी 2015 में फिर से कमान संभालनी पड़ी.

सातवीं बार नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, देवेन्द्र फडणवीस, सुशील कुमार मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेता मौजूद थे.

भाजपा कोटे से सात विधायकों और जनता दल (यू) कोटे से पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इसके अलावा 'हम' पार्टी से संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.

इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला, जिसमें सुशील कुमार मोदी, नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं.

नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शपथ लेने वालों में जद(यू) कोटे से विजय कुमार चौधरी का नाम प्रमुख है. इसके अलावा सुपौल से जद(यू) विधायक बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधान पार्षद अशोक चौधरी, तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी तथा पुलपरास से विधायक शीला कुमारी शामिल हैं.

भाजपा के कोटे से नीतीश सरकार में वरिष्ठ नेता एवं विधान पार्षद मंगल पांडेय ने शपथ ग्रहण की. मंगल पांडेय पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे.

इसके अलावा आरा से भाजपा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह तथा राजनगर से विधायक रामप्रीत पासवान ने भी शपथ ग्रहण की. रामप्रीत पासवान ने मैथिली में शपथ ली.

नीतीश सरकार में दरभंगा के जाले सीट से विधायक जीवेश कुमार ने भी मैथिली में शपथ ली.

औराई से भाजपा विधायक रामसूरत राय ने भी मंत्री पद की शपथ ली.

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने शपथ ग्रहण की. वहीं विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. सहनी ने इस बार सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे. वीआईपी पार्टी को चुनाव में चार सीटें मिलीं.

बिहार में हाल ही में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं, जिसमें नीतीश कुमार की जद(यू) को 43 और भाजपा को जद(यू) से 31 सीट अधिक (74 सीट) हासिल हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.