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पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी का फूलप्रुफ प्लान, पढ़ें खबर

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की बिसात बिछ चुकी है. राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव काफी रोचक होगा.

west bengal election 2021
पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी का फूलप्रुफ प्लान
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Published : Mar 3, 2021, 3:20 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 4:23 PM IST

कोलकाका: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों के एलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. इसके साथ ही पार्टियों ने बुधवार को उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

ऐसी स्थिति में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 सबसे कठिन होगा और सभी पार्टियों के लिए मुसीबतों भरा होगा. पश्चिम बंगाल चुनाव में चुनौती को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने पहले से ही घोषणा कर दी है कि राज्य में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी बड़े नेता चुनाव प्रचार के हिस्से होंगे. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चुनाव प्रचार का सारा दारोमदार सिर्फ सीएम ममता बनर्जी के कंधों पर टिका है.

वहीं, अगर तृणमूल कांग्रेस पार्टी के दूसरे चेहरों की बात करें तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बंदोपाध्याय, सुब्रत बख्शी, पार्थो चट्टोपाध्याय, फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास, सुब्रत मुखर्जी, सौगता रॉय, चंद्रिमा भट्टाचार्य, देब, नुसरत जहां और मिमी चक्रबर्ती हैं, जो चुनाव प्रचार कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ने फैसला लिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान वह राज्य में करीब 300 जनसभाएंं और रैलियां करेंगी.

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी का मुख्य उद्देश्य राज्य की 294 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में कम से कम एक रैली और सार्वजनिक बैठक करना है. वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने इन 42 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्येक मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की थी. इसके उल्टे ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से दूरी बनाई है क्योंकि उन्होंने वहां की जनता को जीत सुनिश्चित करने का काम पहले से ही दे रखा है. बता दें, राज्य में विधानसभा की 294 विधानसभा सीटें हैं.

पढ़ें: बांग्ला फिल्म अभिनेत्री सयंतिका बनर्जी टीएमसी में हुईं शामिल

तृणमूल के एक शीर्ष नेता ने कहा कि सुब्रत मुखोपाध्याय, कुणाल घोष और सुब्रत बख्शी जैसे पार्टी नेताओं को नंदीग्राम में उनके चुनाव प्रचार का काम सौंपा गया है. बता दें, 12 मार्च को नंदीग्राम के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है और इसलिए इससे पहले कि मुख्यमंत्री सिर्फ एक बार वहां जा सकती हैं. जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी नंदीग्राम से अपना नामांकन दाखिल करते समय जुलूस का नेतृत्व करेंगी.

कोलकाका: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 की तारीखों के एलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. इसके साथ ही पार्टियों ने बुधवार को उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

ऐसी स्थिति में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 सबसे कठिन होगा और सभी पार्टियों के लिए मुसीबतों भरा होगा. पश्चिम बंगाल चुनाव में चुनौती को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने पहले से ही घोषणा कर दी है कि राज्य में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी बड़े नेता चुनाव प्रचार के हिस्से होंगे. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चुनाव प्रचार का सारा दारोमदार सिर्फ सीएम ममता बनर्जी के कंधों पर टिका है.

वहीं, अगर तृणमूल कांग्रेस पार्टी के दूसरे चेहरों की बात करें तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बंदोपाध्याय, सुब्रत बख्शी, पार्थो चट्टोपाध्याय, फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास, सुब्रत मुखर्जी, सौगता रॉय, चंद्रिमा भट्टाचार्य, देब, नुसरत जहां और मिमी चक्रबर्ती हैं, जो चुनाव प्रचार कर सकते हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ने फैसला लिया है कि चुनाव प्रचार के दौरान वह राज्य में करीब 300 जनसभाएंं और रैलियां करेंगी.

तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी का मुख्य उद्देश्य राज्य की 294 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में कम से कम एक रैली और सार्वजनिक बैठक करना है. वहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने इन 42 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्येक मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की थी. इसके उल्टे ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से दूरी बनाई है क्योंकि उन्होंने वहां की जनता को जीत सुनिश्चित करने का काम पहले से ही दे रखा है. बता दें, राज्य में विधानसभा की 294 विधानसभा सीटें हैं.

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तृणमूल के एक शीर्ष नेता ने कहा कि सुब्रत मुखोपाध्याय, कुणाल घोष और सुब्रत बख्शी जैसे पार्टी नेताओं को नंदीग्राम में उनके चुनाव प्रचार का काम सौंपा गया है. बता दें, 12 मार्च को नंदीग्राम के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख है और इसलिए इससे पहले कि मुख्यमंत्री सिर्फ एक बार वहां जा सकती हैं. जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी नंदीग्राम से अपना नामांकन दाखिल करते समय जुलूस का नेतृत्व करेंगी.

Last Updated : Mar 3, 2021, 4:23 PM IST
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