मुंबई: हर साल भारी बारिश के दौरान, मुंबई के कई इलाकों में पानी जमा होने के कारण बाढ़ जैसी स्थिति हो जाती है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नगर निगम आयुक्तों को आदेश दिया कि इस साल नालों की सफाई में कोई गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने मुंबई में नालों की सफाई पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री शिंदे ने नालों की सफाई के कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान विपक्ष ने नाले के काम को लेकर आलोचना की. हर साल भारी बारिश के दौरान मुंबई के मैदानी इलाकों में पानी जमा हो जाता है. इसका सबसे ज्यादा असर सड़क और रेल यातायात पर पड़ता है. मुंबई नगरपालिका द्वारा हर साल नालों की सफाई की जाती है. इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं.
मुंबई नगर निगम का दावा है कि नालों की सफाई की जा चुकी है. पहली बारिश में अक्सर नालों की सफाई की पोल खुल जाती है. इस वर्ष मुख्यमंत्री शिंदे ने बृहस्पतिवार को मानसून पूर्व जल निकासी कार्यों की समीक्षा की. यह निरीक्षण यात्रा मीठी नदी से शुरू हुई. आयुक्त ने मुख्यमंत्री को मीठी नदी से गाद निकाले जाने की जानकारी दी. मुख्यमंत्री शिंदे ने काम पर नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा, 'मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शहर के नालों को साफ करने के लिए इसकी गहरी खुदाई करें, बजाय इसके कि मीट्रिक टन में कितनी गाद निकाली गई. टूटे हुए फुटपाथों की मरम्मत की जानी चाहिए और सड़कों की सफाई की जानी चाहिए.' मुख्यमंत्री ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि बीएमसी ने रोड टेंडर के लिए ठेकेदारों को 600 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि दी थी.