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बागी विधायकों की घर वापसी के लिए रणनीति बनाने में जुटे सीएम अमरिंदर

पंजाब में विधानसभा चुनाव (2017) से पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी से भूलथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने सुखपाल सिंह खैहरा दोबारा घर वापसी करने जा रहे हैं. पांच महीने पहले जस्टिस रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सुखपाल की बैठक कराई थी.

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह
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Published : May 26, 2021, 6:43 PM IST

अमृतसर : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार चुनौती दे रहे बागियों के खिलाफ अब बड़ा गेम प्लान तैयार करने में लगे हैं. कांग्रेसी विधायक सुरजीत धीमान की तरफ से सरकार गिराने वाले बयान के बाद लगातार पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो रही है.

बीते दिन कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर तकरीबन नौ विधायकों ने बैठक की, तो वहीं इस पर कैप्टन खेमे के कैबिनेट मंत्री सुखविंदर सिंह सुख सरकारिया, तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा और राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है.

ये भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर लगाम : कांग्रेस ने पूछा- क्या हम तानाशाही शासन में रह रहे हैं?

हालांकि, कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू, ओपी सोनी विजेंद्र सिंगला, सुंदर शाम अरोड़ा ने हाईकमान को नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही थी, लेकिन ज्यादातर विधायक इस पर अब चुप्पी साध कर बैठे हैं.

सुखपाल खैहरा कांग्रेस में जल्द होंगे शामिल : सूत्र

विधानसभा चुनाव (2017) से पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी से भूलथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने सुखपाल सिंह खैहरा दोबारा घर वापसी करने जा रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, पांच महीने पहले जस्टिस रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ सुखपाल की बैठक कराई थी और बीते तीन दिन पहले सिसवा फार्म हाउस पर खैहरा ने मुख्यमंत्री के साथ डिनर भी किया था.

नेता विपक्ष रहते हुए सुखपाल सिंह खैरा लगातार मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते थे, लेकिन बीते पांच महीने से खैहरा ने राज्य सरकार के खिलाफ एक भी बयान नहीं दिया. अब माना जा रहा है कि खैहरा इस बार अपनी पुरानी सीट की बजाय नई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

पंजाब में सक्रिय हुए प्रशांत किशोर और हरीश रावत

मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल एडवाइजर प्रशांत किशोर ने हाल ही में राहुल गांधी के साथ मुलाकात की और पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद लगभग 300 लोगों की टीम पंजाब में काम शुरू कर चुकी है. वहीं, वहीं पंजाब के इंचार्ज हरीश रावत उनके साथ मिलकर बागी विधायकों को एकजुट करने का काम करेंगे.

नवजोत सिंह सिद्धू पहुंचे दिल्ली दरबार

बेअदबी और फायरिंग मामले पर सीएम को घेर रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी लगातार दिल्ली स्थित हाईकमान के साथ रिश्ते कायम करने में लगे हैं और मुख्यमंत्री को इस बात चुनौती दी कि वह यह साबित करके दिखाएं कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की है. इधर, सीएम अमरिंदर ने भी पार्टी में सुखपाल सिंह खैहरा समेत बागी नेताओं की वापसी की खबर देकर सिद्धू की चिंता बढ़ा दी है.

विधायकों के साथ बैठक करेंगे सीएम

इधर, हाईकमान के दखल से पहले मुख्यमंत्री सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बृहस्पतिवार को बैठक करेंगे. बैठक में सीएम विकास कार्य और फंड की जरूरत पर फीडबैक लेंगे. बता दें, मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव (2022) के लिए नौजवान चेहरों की तलाश कर रहे हैं, जिसे लेकर सर्वे भी कराए जा रहे हैं.

ये भी पढे़ं : वॉट्सएप को केंद्र का जवाब- निजता के अधिकार का उल्लंघन करने की मंशा नहीं

सीएम का बड़ा सियासी दांव-पेंच

परगट सिंह के मुताबिक, 79 विधायकों में से तकरीबन 30-35 विधायक मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में सीएम हाईकमान से अपनी बात मनवाने में लगे हैं और वह पार्टी को छोड़कर गए सभी विधायकों की घर वापसी कराने की तैयार कर रहे हैं.

अमृतसर : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लगातार चुनौती दे रहे बागियों के खिलाफ अब बड़ा गेम प्लान तैयार करने में लगे हैं. कांग्रेसी विधायक सुरजीत धीमान की तरफ से सरकार गिराने वाले बयान के बाद लगातार पंजाब की राजनीति में हलचल तेज हो रही है.

बीते दिन कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर तकरीबन नौ विधायकों ने बैठक की, तो वहीं इस पर कैप्टन खेमे के कैबिनेट मंत्री सुखविंदर सिंह सुख सरकारिया, तृप्त राजेंद्र सिंह बाजवा और राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी का अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है.

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हालांकि, कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू, ओपी सोनी विजेंद्र सिंगला, सुंदर शाम अरोड़ा ने हाईकमान को नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही थी, लेकिन ज्यादातर विधायक इस पर अब चुप्पी साध कर बैठे हैं.

सुखपाल खैहरा कांग्रेस में जल्द होंगे शामिल : सूत्र

विधानसभा चुनाव (2017) से पहले कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी से भूलथ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने सुखपाल सिंह खैहरा दोबारा घर वापसी करने जा रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, पांच महीने पहले जस्टिस रणजीत सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ सुखपाल की बैठक कराई थी और बीते तीन दिन पहले सिसवा फार्म हाउस पर खैहरा ने मुख्यमंत्री के साथ डिनर भी किया था.

नेता विपक्ष रहते हुए सुखपाल सिंह खैरा लगातार मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर बयानबाजी करते थे, लेकिन बीते पांच महीने से खैहरा ने राज्य सरकार के खिलाफ एक भी बयान नहीं दिया. अब माना जा रहा है कि खैहरा इस बार अपनी पुरानी सीट की बजाय नई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

पंजाब में सक्रिय हुए प्रशांत किशोर और हरीश रावत

मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल एडवाइजर प्रशांत किशोर ने हाल ही में राहुल गांधी के साथ मुलाकात की और पश्चिम बंगाल के चुनाव के बाद लगभग 300 लोगों की टीम पंजाब में काम शुरू कर चुकी है. वहीं, वहीं पंजाब के इंचार्ज हरीश रावत उनके साथ मिलकर बागी विधायकों को एकजुट करने का काम करेंगे.

नवजोत सिंह सिद्धू पहुंचे दिल्ली दरबार

बेअदबी और फायरिंग मामले पर सीएम को घेर रहे नवजोत सिंह सिद्धू भी लगातार दिल्ली स्थित हाईकमान के साथ रिश्ते कायम करने में लगे हैं और मुख्यमंत्री को इस बात चुनौती दी कि वह यह साबित करके दिखाएं कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की है. इधर, सीएम अमरिंदर ने भी पार्टी में सुखपाल सिंह खैहरा समेत बागी नेताओं की वापसी की खबर देकर सिद्धू की चिंता बढ़ा दी है.

विधायकों के साथ बैठक करेंगे सीएम

इधर, हाईकमान के दखल से पहले मुख्यमंत्री सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बृहस्पतिवार को बैठक करेंगे. बैठक में सीएम विकास कार्य और फंड की जरूरत पर फीडबैक लेंगे. बता दें, मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव (2022) के लिए नौजवान चेहरों की तलाश कर रहे हैं, जिसे लेकर सर्वे भी कराए जा रहे हैं.

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सीएम का बड़ा सियासी दांव-पेंच

परगट सिंह के मुताबिक, 79 विधायकों में से तकरीबन 30-35 विधायक मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में सीएम हाईकमान से अपनी बात मनवाने में लगे हैं और वह पार्टी को छोड़कर गए सभी विधायकों की घर वापसी कराने की तैयार कर रहे हैं.

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