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छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने किया राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ - national Tribal Dance Festival 2022

Bhupesh Baghel inaugurates Rajyotsava सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को राज्यस्थापना के 22 साल होने पर बधाई दी. साथ ही आदिवासी नृत्य महोत्सव के तीसरे वर्ष पर खुशी जताई. सीएम ने कहा "छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश है. इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की परंपरा को बचाएं रखना है." national Tribal Dance Festival

Bhupesh Baghel inaugurates Rajyotsava
भूपेश बघेल ने किया राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ
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Published : Nov 1, 2022, 2:34 PM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव का शुभारंभ किया. अरपा पैरी के धार राज्यगीत के साथ राज्योत्सव 2022 की शुरुआत हुई. सीएम भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने आदिवासी नगाड़ा बजाकर आदिवासी नृत्य महोत्सव की विधिवत शुरुआत की. इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. chhattisgarh rajya utsav 2022

आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ

आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ: साइंस कॉलेज मैदान पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सभी मंत्रियों का राजकीय गमछा ओढ़ाकर स्वागत किया गया. सीएम ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान अलग अलग राज्यों और देशों से आए कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर सीएम का स्वागत किया. इस बीच मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पोस्टल स्टैम्प का विमोचन किया. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव पर कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने जनजातीय समूह का प्रतीक चिह्न मांदर भेंट किया.

Bhupesh Baghel inaugurates Rajyotsava
राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ

Chhattisgarh Rajyotsav 2022: 535 साल पहले छत्तीसगढ़ का किया गया था नामकरण, राज्य बने हुए 22 साल

आदिवासी कलाकारों ने निकाली झांकी: आदिवासी नृत्य महोत्सव के शुभारंभ के बाद अलग अलग देशों और राज्यों से आए कलाकारों ने झांकी निकाली. सबसे पहले इंडोनेशिया, मालदीव, मोजाम्बिक, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, रुस, रवांडा, सर्बिया और टोंगो गणराज्य के नर्तक दल मंच के सामने से गुजरे. इसके बाद भारत के अलग अलग राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपनी संस्कृति की झलक पेश की. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू कश्मीर, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लद्दाख सहित विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए वहां मौजदू लोगों का मन मोह लिया.

Baghel inaugurates Tribal Dance Festival
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ

दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य कलाएं एक जैसी: कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद अपने उद्भोदन में सीएम ने कहा " दुनियाभर के आदिवासी समाज के नृत्य की कलाएं बहुत हद तक समान हैं. आदिवासियों की छोटी सी इच्छा यही है कि प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का समान अधिकार हो और मिलजुलकर संरक्षण करें. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्देश्य आदिम संस्कृति को बचाये रखना है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बचाये रखने के लिए हमने बहुत कार्य किया है. आज का क्षण हमारे लिए आत्म गौरव का है."

Bhupesh Baghel inaugurates Rajyotsava
1500 कलाकार दे रहे प्रस्तुति


आदिवासी नृत्य महोत्सव से आदिवासियों की संस्कृति का होगा प्रसार: बघेल ने आगे कहा "राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह का ये तीसरा आयोजन है, लेकिन इसमें देश विदेश के 1500 कलाकार प्रस्तुति देंगे. इससे आदिवासी संस्कृति के प्रसार और विनिमय का दायरा बढ़ेगा. मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है. दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है. आदिम नृत्य की यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आई है, इस तरह से हम आज यहां पहुंचे हैं."


छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश: "समय के बदलाव के साथ जीवन के तौर तरीके में बदलाव आया है. इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की परंपरा को बचाए रखने और पूरी दुनिया की आदिम संस्कृति आगे बढ़ाने और उनका संवर्धन करने से है. प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का एक जैसा अधिकार हो, सभी प्रकृति का संरक्षण करें. विकास की गलत अवधारणा के कारण आज प्रकृति खतरे में पड़ गयी है.छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश है. राज्य के आंदोलन में जिन मूल्यों को लेकर आंदोलन हुआ, हमारी सरकार उस सोच को लेकर आगे बढ़ रही है."

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव का शुभारंभ किया. अरपा पैरी के धार राज्यगीत के साथ राज्योत्सव 2022 की शुरुआत हुई. सीएम भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने आदिवासी नगाड़ा बजाकर आदिवासी नृत्य महोत्सव की विधिवत शुरुआत की. इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. chhattisgarh rajya utsav 2022

आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ

आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ: साइंस कॉलेज मैदान पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सभी मंत्रियों का राजकीय गमछा ओढ़ाकर स्वागत किया गया. सीएम ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की. इस दौरान अलग अलग राज्यों और देशों से आए कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर सीएम का स्वागत किया. इस बीच मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पोस्टल स्टैम्प का विमोचन किया. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव पर कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने जनजातीय समूह का प्रतीक चिह्न मांदर भेंट किया.

Bhupesh Baghel inaugurates Rajyotsava
राज्योत्सव और राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ

Chhattisgarh Rajyotsav 2022: 535 साल पहले छत्तीसगढ़ का किया गया था नामकरण, राज्य बने हुए 22 साल

आदिवासी कलाकारों ने निकाली झांकी: आदिवासी नृत्य महोत्सव के शुभारंभ के बाद अलग अलग देशों और राज्यों से आए कलाकारों ने झांकी निकाली. सबसे पहले इंडोनेशिया, मालदीव, मोजाम्बिक, मंगोलिया, न्यूजीलैंड, रुस, रवांडा, सर्बिया और टोंगो गणराज्य के नर्तक दल मंच के सामने से गुजरे. इसके बाद भारत के अलग अलग राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपनी संस्कृति की झलक पेश की. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू कश्मीर, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लद्दाख सहित विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए वहां मौजदू लोगों का मन मोह लिया.

Baghel inaugurates Tribal Dance Festival
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ

दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य कलाएं एक जैसी: कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद अपने उद्भोदन में सीएम ने कहा " दुनियाभर के आदिवासी समाज के नृत्य की कलाएं बहुत हद तक समान हैं. आदिवासियों की छोटी सी इच्छा यही है कि प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का समान अधिकार हो और मिलजुलकर संरक्षण करें. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्देश्य आदिम संस्कृति को बचाये रखना है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बचाये रखने के लिए हमने बहुत कार्य किया है. आज का क्षण हमारे लिए आत्म गौरव का है."

Bhupesh Baghel inaugurates Rajyotsava
1500 कलाकार दे रहे प्रस्तुति


आदिवासी नृत्य महोत्सव से आदिवासियों की संस्कृति का होगा प्रसार: बघेल ने आगे कहा "राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह का ये तीसरा आयोजन है, लेकिन इसमें देश विदेश के 1500 कलाकार प्रस्तुति देंगे. इससे आदिवासी संस्कृति के प्रसार और विनिमय का दायरा बढ़ेगा. मनुष्य का इतिहास जितना पुराना है उतना ही पुराना नृत्य का इतिहास है. दुनियाभर के आदिवासियों की नृत्य शैली, वाद्ययंत्र में समानता है. आदिम नृत्य की यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आई है, इस तरह से हम आज यहां पहुंचे हैं."


छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश: "समय के बदलाव के साथ जीवन के तौर तरीके में बदलाव आया है. इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की परंपरा को बचाए रखने और पूरी दुनिया की आदिम संस्कृति आगे बढ़ाने और उनका संवर्धन करने से है. प्रकृति पर पूरी मनुष्यता का एक जैसा अधिकार हो, सभी प्रकृति का संरक्षण करें. विकास की गलत अवधारणा के कारण आज प्रकृति खतरे में पड़ गयी है.छत्तीसगढ़ आदिवासियों और किसानों का प्रदेश है. राज्य के आंदोलन में जिन मूल्यों को लेकर आंदोलन हुआ, हमारी सरकार उस सोच को लेकर आगे बढ़ रही है."

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