जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को केन्द्र सरकार और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत हार तो हमेशा लगी रहती है, लेकिन ये लोग तो चुनी हुई सरकारों को गिराने के काम में लग जाते हैं. सीएम गहलोत ने आरोप लगाया कि हमारी सरकार को गिराने में दो लोगों का हाथ था, एक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दूसरा जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत. उन्होंने कहा कि गजेन्द्र सिंह केन्द्र में पानी के मंत्री है, लेकिन लगता है कि उनकी हैसियत नहीं है पीएम मोदी के सामने अपनी बात रख सकें वो भी तब जब प्रधानमंत्री ने खुद ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की घोषणा की थी. लेकिन अगर आपकी घोषित घोषणा को लागू करवाने की औकात नहीं है तो आप किस बात के मंत्री हैं.
गहलोत ने कहा कि देश में 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय महत्व का दर्जा मिला है, वे अपने मंत्रालय से एक योजना को ओर राष्ट्रीय योजना नहीं बनवा सके, मुझे तो लगता है कि इनके पीएम मोदी के सामने जाने की हैसियत ही नहीं है. वो भी तब जब पीएम मोदी अजमेर और जयपुर की रैली में घोषणा करके गए. उन्होंने कहा कि हमने थोड़े ही कहा था, राजनीति से संन्यास ले लो, खुद ने ही कहा था कि अगर पीएम बोले होंगे तो संन्यास ले लूंगा. हमने अजमेर और जयपुर के वीडियो जारी कर दिए.
चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिशः सीएम गहलोत ने कहा कि चुनावों में हार जीत तो लगी रहती है. लेकिन ये लोग तो चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम करते है. हमारी सरकार को गिराने में दो लोगों का हाथ था, एक अमित शाह और दूसरा गजेंद्र सिंह शेखावत का. गहलोत यहीं नही रुके उन्होंने कहा कि हमारे एमएलए को ले गए. इनके अलावा एक धर्मेंद्र प्रधान था जो बार बार जाकर गुड़गांव चैक कर रहा था. गजेंद्र सिंह जोधपुर से एमपी हैं, मैं जोधपुर से एमएलए हूं लेकिन फिर भी यह जोधपुर वालों को हटाना चाहते थे.
जरूरतमंद वर्गों के हितों की योजनाः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों, वंचितों, किसान और मजदूर सहित सभी जरूरतमंद वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर जो योजनाएं बनाई हैं. उनसे इन वर्गों के लिए समान भागीदारी के साथ आगे बढ़ने की राह आसान हुई है. गहलोत सोमवार शाम को बिडला सभागार में महात्मा ज्योतिबा फुले और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के संयुक्त जयंती समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने की अनिवार्यता, थानों में स्वागत कक्ष निर्माण, महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की प्रभावी तफ्तीश के लिए प्रत्येक जिले में विशेष यूनिट के गठन जैसे फैसलों से सबसे ज्यादा राहत गरीब, उपेक्षित और वंचित वर्ग को मिली है. उन्हें न्याय मिलना आसान हुआ है. इससे पहले कई बार थानों में उनकी सुनवाई नहीं होने की शिकायत सामने आती थी.
अब जल्द हो रही महिला अपराधों की तफ्तीशः गहलोत ने कहा कि अपराध नियंत्रण की दिशा में (Crime in Rajasthan) सरकार के इन प्रयासों से इस्तगासों के माध्यम से मुकदमा दर्ज होने की संख्या 33.4 प्रतिशत से घटकर 16 प्रतिशत रह गई है. महिलाओं से संबंधित अपराधों की तफ्तीश का औसत समय 274 दिन से घटकर 79 दिन ही रह गया है. प्रदेश के अधिकतर थानों में स्वागत कक्ष बन चुके हैं. पॉक्सो प्रकरणों में 7 अपराधियों को फांसी और 137 को उम्रकैद की सजा दिलाने में सफलता मिली है.
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