नैनीताल : उत्तराखंड में एक बार फिर बादल फटने की घटना सामने आई है. नैनीताल के पास स्थित कैंची धाम क्षेत्र में दो जगहों पर बादल फटा है. पानी का सैलाब आने से मंदिर को नुकसान पहुंचने की जानकारी सामने आई है. स्थानीय लोगों के मुताबिक ऐतिहासिक बाबा नीम करौली महाराज के मंदिर के पास दो जगह पर बादल फटा है. जिससे क्षेत्र में तबाही का आलम देखने को मिल रहा है. मंदिर समिति के सदस्य नीरज तिवारी ने बताया कि देर शाम मंदिर की पिछली पहाड़ी पर बादल फटा. जिसका मलबा मंदिर की सुरक्षा दीवार को तोड़ता हुआ परिसर में घुस गया. हालांकि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है.
वहीं दूसरी ओर मंदिर से 50 मीटर की दूरी पर दूसरी पहाड़ी पर भी बादल फटा है. जिसका मलबा नैनीताल-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया है. जिसकी वजह से सड़क पूरी तरह से बंद हो गया है. मंदिर समिति के सदस्य नीरज तिवारी ने बताया कि देर शाम हुई बारिश के दौरान अचानक बादल फटने से क्षेत्र में अब दहशत का माहौल है और गांव के अधिकांश पेड़ मलबे की वजह से गिर गए हैं.
जिला प्रशासन की टीम मलबा हटाने में जुटी
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि कैंची धाम मंदिर के ऊपर से एक नाला जाता है. इस दौरान नाले में भारी मात्रा में पानी आ जाने से मलबा कई घरों के साथ-साथ मंदिर तक पहुंचा है. फिलहाल विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम मंदिर को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. जिला अधिकारी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कैंची धाम में बादल फटने की कोई ऐसी घटना नहीं है. नाले से अधिक पानी आ जाने के चलते पहाड़ से मलबा नीचे आया है. फिलहाल पीडब्ल्यूडी के अलावा पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मलबा हटाने में जुटी हुई है. जान माल को क्षति नहीं पहुंची है. हालांकि, मौके से जो तस्वीरें सामने आईं हैं, उससे साफ है कि इतना ज्यादा मलबा बिना बादल फटे नहीं आ सकता है.
15 जून को लगता है मेला
कैंची धाम नीम करौली बाबा धाम में हर साल 15 जून को मेला लगता है. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मेले पर रोक लगी हुई है. ऐसे में मंदिर परिसर खाली पड़ा हुआ था, जिससे बड़ी घटना टल गई.
कैंची धाम की मान्यता
शक्ति के केंद्र कैंची धाम स्थित बाबा नीम करौली महाराज का दरबार है. कैंची धाम मुख्य रूप से बाबा नीम करौली और हनुमान जी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि यहां आने पर व्यक्ति अपनी सभी समस्याओं के हल प्राप्त कर सकता है.
70 के दशक में 'एप्पल' मोबाइल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स को आध्यात्मिक शक्ति से लवरेज बाबा की शरण लेने पर जो आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ, उसे उन्होंने मौजूदा फेसबुक के संस्थापक जुकरबर्ग से साझा किया था. कुछ साल के अंतराल में ही जुकरबर्ग तब कैंची धाम (कैंची धाम) में बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे, जब वह मुश्किल दौर से गुजर रहे थे. जुकरबर्ग करीब सप्ताह भर बाबा की शरण में रहे. इस दौरान उन्हें जो आध्यात्मिक ज्ञान बाबा से मिला उसने जुकरबर्ग के जीवन में नए बदलाव व नई ऊर्जा की पटकथा लिख डाली.