कोलकाता : मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी द्वारा गठित इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के कार्यकर्ता दक्षिण 24 परगना के भांगर में एक जनसभा आयोजित करने से रोके जाने के बाद पुलिस से भिड़ गए. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले गठित पार्टी ने दावा किया कि झड़प के दौरान उसके कुछ सदस्यों को चोटें आई हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि भांगर में बसंती राजमार्ग पर आईएसएफ के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. यह घटना उस वक्त हुई जब पुलिस ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के लिए मुख्य मार्ग को अवरुद्ध करने से रोकने का प्रयास किया. झड़प में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया, जिसके बाद अन्य पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया.
हालांकि, भांगर के आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने उनके संगठन के सदस्यों पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया. सिद्दीकी ने कहा, 'शुरुआत में हमें बैठक के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन प्रशासन ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेतृत्व के कहने पर एक दिन पहले अनुमति वापस ले ली. पार्टी के सदस्यों और समर्थकों ने प्रस्तावित स्थल पद्मापुकुर मैदान में जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया.'
आईएसएफ नेता ने कहा, 'जब कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो उन पर अकारण लाठीचार्ज किया गया.'
उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने का संकल्प लिया.
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पुलिस अधिकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन अधिनियम का हवाला देते हुए आईएसएफ को अनुमति देने से इनकार किया गया था. टीएमसी के स्थानीय नेता कैसर अहमद ने दावा किया कि सिद्दीकी इलाके में शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं.