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प्रधान न्यायाधीश ने तेलुगु में अनूदित महात्मा गांधी की आत्मकथा का विमोचन किया - The Story of My Experiments with Truth

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आत्मकथा का तेलुगु अनुवाद सत्य शोधना का विमोचन किया. उन्होंने पुस्तक को तेलुगु में प्रकाशित किए जाने की सराहना की.

mahatma gandhi autobiography telugu
महात्मा गांधी आत्मकथा तेलुगु
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Published : Aug 19, 2022, 10:25 PM IST

तिरुपति: भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने शुक्रवार को महात्मा गांधी की आत्मकथा 'द स्टोरी ऑफ माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ' का तेलुगु अनुवाद 'सत्य शोधना' पुस्तक का विमोचन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गांधीजी, अहिंसक पथ पर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करके एक आम आदमी से 'महात्मा' बने.

प्रधान न्यायाधीश ने महात्मा गांधी की आत्मकथा के तेलुगु अनुवाद का विमोचन किया

उन्होंने कहा, दुनियाभर में कई आंदोलन और संघर्ष हुए जिनमें से ज्यादातर हिंसक थे. लेकिन गांधीजी ने अहिंसा के माध्यम से दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया. उनके अहिंसा के मार्ग का कई लोगों ने अनुसरण करते हुए संघर्षों का नेतृत्व किया है. उन्होंने बताया कि गांधीजी 1921 और 1933 में दो बार तिरुपति की यात्रा की थी. उन्होंने कहा, 'यह प्रशंसनीय है कि गांधी की आत्मकथा तेलुगु में प्रकाशित की गई है. इससे आने वाली पीढ़ियों को उनकी सादगी और महानता से अवगत कराया जा सकेगा.'

बता दें, इस पुस्तक को तिरुपति के विधायक भुमना करुणाकर रेड्डी द्वारा प्रकाशित कराया गया है. इस अवसर पर विधायक भुमना करुणाकर रेड्डी, तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी (प्रभारी) धर्म रेड्डी, चित्तूर के जिला कलेक्टर एम हरि नारायणन एवं तिरुपति के जिला कलेक्टर केवी रमना रेड्डी आदि उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें- CJI एनवी रमना का मात्र 10 दिन बचा कार्यकाल, पेगासस और महाराष्ट्र समेत पांच महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला अपेक्षित

तिरुपति: भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने शुक्रवार को महात्मा गांधी की आत्मकथा 'द स्टोरी ऑफ माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ' का तेलुगु अनुवाद 'सत्य शोधना' पुस्तक का विमोचन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गांधीजी, अहिंसक पथ पर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करके एक आम आदमी से 'महात्मा' बने.

प्रधान न्यायाधीश ने महात्मा गांधी की आत्मकथा के तेलुगु अनुवाद का विमोचन किया

उन्होंने कहा, दुनियाभर में कई आंदोलन और संघर्ष हुए जिनमें से ज्यादातर हिंसक थे. लेकिन गांधीजी ने अहिंसा के माध्यम से दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया. उनके अहिंसा के मार्ग का कई लोगों ने अनुसरण करते हुए संघर्षों का नेतृत्व किया है. उन्होंने बताया कि गांधीजी 1921 और 1933 में दो बार तिरुपति की यात्रा की थी. उन्होंने कहा, 'यह प्रशंसनीय है कि गांधी की आत्मकथा तेलुगु में प्रकाशित की गई है. इससे आने वाली पीढ़ियों को उनकी सादगी और महानता से अवगत कराया जा सकेगा.'

बता दें, इस पुस्तक को तिरुपति के विधायक भुमना करुणाकर रेड्डी द्वारा प्रकाशित कराया गया है. इस अवसर पर विधायक भुमना करुणाकर रेड्डी, तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी (प्रभारी) धर्म रेड्डी, चित्तूर के जिला कलेक्टर एम हरि नारायणन एवं तिरुपति के जिला कलेक्टर केवी रमना रेड्डी आदि उपस्थित रहे.

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