तिरुपति: भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने शुक्रवार को महात्मा गांधी की आत्मकथा 'द स्टोरी ऑफ माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ' का तेलुगु अनुवाद 'सत्य शोधना' पुस्तक का विमोचन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गांधीजी, अहिंसक पथ पर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करके एक आम आदमी से 'महात्मा' बने.
उन्होंने कहा, दुनियाभर में कई आंदोलन और संघर्ष हुए जिनमें से ज्यादातर हिंसक थे. लेकिन गांधीजी ने अहिंसा के माध्यम से दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया. उनके अहिंसा के मार्ग का कई लोगों ने अनुसरण करते हुए संघर्षों का नेतृत्व किया है. उन्होंने बताया कि गांधीजी 1921 और 1933 में दो बार तिरुपति की यात्रा की थी. उन्होंने कहा, 'यह प्रशंसनीय है कि गांधी की आत्मकथा तेलुगु में प्रकाशित की गई है. इससे आने वाली पीढ़ियों को उनकी सादगी और महानता से अवगत कराया जा सकेगा.'
बता दें, इस पुस्तक को तिरुपति के विधायक भुमना करुणाकर रेड्डी द्वारा प्रकाशित कराया गया है. इस अवसर पर विधायक भुमना करुणाकर रेड्डी, तिरुमाला-तिरुपति देवस्थानम के कार्यकारी अधिकारी (प्रभारी) धर्म रेड्डी, चित्तूर के जिला कलेक्टर एम हरि नारायणन एवं तिरुपति के जिला कलेक्टर केवी रमना रेड्डी आदि उपस्थित रहे.
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