हैदराबाद : सिविल सेवा का वह उम्मीदवार 22 सितंबर को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के साक्षात्कार में बैठने के लिए तैयार है जिसके फेफड़ों का 80 प्रतिशत हिस्सा कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद खराब हो गया था और उसे करीब चार महीनों तक एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) पर रहना पड़ा था. अब वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया है. रचाकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश भागवत ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी.
ईसीएमओ लंबे समय तक किसी मरीज को हृदय और श्वसन संबंधी सहयोग प्रदान करने की तकनीक है. पिछले साल यूपीएससी मेन्स परीक्षा पास करने वाले देवानंद तेलगोटे को अगस्त में साक्षात्कार देना था लेकिन यहां केआईएमएस अस्पताल में इलाज कराने के कारण वह साक्षात्कार नहीं दे सके. उन्हें बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी.
परिवार के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले तेलगोटे (26) उन 500 उम्मीदवारों में से एक हैं जिनका परीक्षा पास करने के लिए भागवत मार्गदर्शन कर रहे थे. वह अप्रैल में दिल्ली में रहते हुए कोविड-19 से संक्रमित हुए. उन्होंने कई डॉक्टरों से और अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन कोई राहत नहीं मिली. भागवत की सलाह पर उन्हें यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया.
भागवत ने बताया, 'उन्हें 15 मई को महाराष्ट्र से हवाई एम्बुलेंस के जरिए केआईएमएस अस्पताल लाया गया और ईसीएमओ पर रखा गया क्योंकि उनकी हालत बेहद खराब थी. तेलगोटे के दोस्तों और रिश्तेदारों ने उनके इलाज के खर्च के लिए लोगों से एक करोड़ रुपये जुटाए. वह अब पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और साक्षात्कार देने के लिए तैयार हैं.'
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अस्पताल सूत्रों ने बताया कि परिवार ने उन्हें हैदराबाद स्थित अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया था क्योंकि उनके फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ा था. अस्पताल ने कहा, 'उस समय तक उनके फेफड़ों का 80 प्रतिशत हिस्सा खराब हो गया था...फेफड़ों के प्रतिरोपण की भी योजना थी. लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप अटवार और उनकी टीम ने करीब चार महीनों तक ईसीएमओ सपोर्ट पर उनका इलाज किया.'
देवानंद के भाई किरण तेलगोटे ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि उनका भाई साक्षात्कार पास कर लेगा.
(पीटीआई-भाषा)