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Monsoon Session Rajya Sabha : सिनेमेटोग्राफी बिल 2023 पेश, फिल्मों की 'यू', 'ए', 'यूए' कैटेगरी होगी खत्म

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Published : Jul 20, 2023, 4:43 PM IST

राज्यसभा में गुरुवार को केंद्र सरकार ने सिनेमेटोग्राफी बिल 2023 पेश किया. यह विधेयक अगर पारित हुआ, तो फिल्मों की यू, ए और यूए कैटेगरी खत्म हो जाएगी. अब फिल्मों को आयु-वर्ग के हिसाब से सर्टिफिकेट मिलेगा.

film cinematography, concept photo
फिल्म सिनेमेटोग्राफी (कॉन्सेप्ट फोटो)

नई दिल्ली : राज्यसभा में सरकार ने गुरुवार को सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 पेश किया, जिसमें फिल्मों का आयुवर्ग के हिसाब से वर्गीकरण का प्रस्ताव है. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दोपहर दो बजे के बाद उच्च सदन की बैठक फिर शुरू होने पर पहले सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2019 को वापस लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

ठाकुर ने इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ की अनुमति से सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 सदन में पेश किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस विधेयक को मानसून सत्र में पेश करने की अनुमति दी गयी थी. इस विधेयक में पायरेसी के जरिये फिल्मों को इंटरनेट पर प्रसारित किये जाने से रोकने का प्रावधान किया गया है. विधेयक में फिल्मों का वर्तमान यू, ए और यूए की व्यवस्था की बजाय आयु वर्ग के हिसाब से वर्गीकरण करने का प्रावधान किया गया है.

अभी तक जो व्यवस्था लागू है उसमें फिल्मों का यू प्रमाणपत्र के तहत बिना रोक के सार्वजनिक प्रदर्शन करने की अनुमति होती है. ए प्रमाणन वयस्क आयु वर्ग के दर्शकों के लिए, यूए प्रमाणन अभिभावकों की निगरानी में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए तथा एस प्रमाणन चिकित्सकों, वैज्ञानिकों जैसे विशेष श्रेणी के दर्शकों के लिए है.

आपको बता दें कि आज से मानसून सत्र की शुरुआत हुई है. हालांकि, आज किसी भी विषय पर बहस नहीं हो सकी. सभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा. विपक्षी दलों ने सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की कोशिश की. इससे पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन के मौजूदा सदस्य हरद्वार दुबे और तीन पूर्व सदस्यों दावा लामा, ऊषा मल्होत्रा और एस रामचंद्र रेड्डी के निधन का उल्लेख किया. इसके बाद सदस्यों ने दिवंगत वर्तमान एवं पूर्व सदस्यों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा.

सदन की बैठक आरंभ होने पर सभापति ने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा के लिए नियम 176 के तहत उन्हें 12 नोटिस मिले हैं और इनमें से आठ नोटिस मणिपुर हिंसा से संबंधित हैं. इसी दौरान सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. उन्होंने कहा कि इस नोटिस को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है. इस पर धनखड़ ने कहा कि चूंकि सरकार ने आगे आकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सहमति जताई है इसलिए चर्चा कराई जा सकती है. हालांकि, हंगामा नहीं रूका और कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. संसद के मानसून सत्र का आज पहला दिन है. इस सत्र का समापन 11 अगस्त को प्रस्तावित है. इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठक होनी हैं.

ये भी पढ़ें : Watch: मणिपुर घटना पर पीएम मोदी बोले-मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा है, बख्शे नहीं जाएंगे दोषी

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : राज्यसभा में सरकार ने गुरुवार को सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 पेश किया, जिसमें फिल्मों का आयुवर्ग के हिसाब से वर्गीकरण का प्रस्ताव है. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दोपहर दो बजे के बाद उच्च सदन की बैठक फिर शुरू होने पर पहले सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2019 को वापस लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

ठाकुर ने इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ की अनुमति से सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 सदन में पेश किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में इस विधेयक को मानसून सत्र में पेश करने की अनुमति दी गयी थी. इस विधेयक में पायरेसी के जरिये फिल्मों को इंटरनेट पर प्रसारित किये जाने से रोकने का प्रावधान किया गया है. विधेयक में फिल्मों का वर्तमान यू, ए और यूए की व्यवस्था की बजाय आयु वर्ग के हिसाब से वर्गीकरण करने का प्रावधान किया गया है.

अभी तक जो व्यवस्था लागू है उसमें फिल्मों का यू प्रमाणपत्र के तहत बिना रोक के सार्वजनिक प्रदर्शन करने की अनुमति होती है. ए प्रमाणन वयस्क आयु वर्ग के दर्शकों के लिए, यूए प्रमाणन अभिभावकों की निगरानी में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए तथा एस प्रमाणन चिकित्सकों, वैज्ञानिकों जैसे विशेष श्रेणी के दर्शकों के लिए है.

आपको बता दें कि आज से मानसून सत्र की शुरुआत हुई है. हालांकि, आज किसी भी विषय पर बहस नहीं हो सकी. सभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा. विपक्षी दलों ने सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की कोशिश की. इससे पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन के मौजूदा सदस्य हरद्वार दुबे और तीन पूर्व सदस्यों दावा लामा, ऊषा मल्होत्रा और एस रामचंद्र रेड्डी के निधन का उल्लेख किया. इसके बाद सदस्यों ने दिवंगत वर्तमान एवं पूर्व सदस्यों के सम्मान में कुछ पलों का मौन रखा.

सदन की बैठक आरंभ होने पर सभापति ने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा के लिए नियम 176 के तहत उन्हें 12 नोटिस मिले हैं और इनमें से आठ नोटिस मणिपुर हिंसा से संबंधित हैं. इसी दौरान सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. उन्होंने कहा कि इस नोटिस को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है. इस पर धनखड़ ने कहा कि चूंकि सरकार ने आगे आकर मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए सहमति जताई है इसलिए चर्चा कराई जा सकती है. हालांकि, हंगामा नहीं रूका और कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई. संसद के मानसून सत्र का आज पहला दिन है. इस सत्र का समापन 11 अगस्त को प्रस्तावित है. इस दौरान संसद के दोनों सदनों की कुल 17 बैठक होनी हैं.

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(पीटीआई-भाषा)

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