छठ पूजा 2022 की तैयारियां शुरू हो गयी हैं. इसके लिए अभी से लोग तरह तरह की सावधानियां बरत रहे हैं. हमारे धर्म शास्त्रों व पुराणों के साथ साथ लोक कथाओं में छट पूजा को लेकर तरह तरह की सावधानियों को बरतने की बातें बतायी जाती है. मत्स्य पुराण और नारद पुराण में छठ पर्व का विशेष महत्व बताया गया है. यह महापर्व कई सौ सालों से सावधानी के साथ मनाया जा रहा है. छठ मैय्या की विधि विधान से पूजा के दौरान इन सावधानियों को बरतना अनिवार्य है, अन्यथा आपकी पूजा खंडित हो जाती है.
चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व के लिए कुछ कठोर नियमों का पालन किया जाता है. जिनको हर छठ मैय्या की पूजा करने वाला भक्त जरुर ध्यान देता है. ऐसा करने से छठ माता अपने भक्तों पर जल्द प्रसन्न हो जाती हैं. इसलिए माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा में कुछ बातों विशेष का ध्यान रखना जरूरी है. यदि आप छठ पर्व मना रहे हैं तो भूलकर भी ऐसी गलतियां न करें...
प्रसाद की पवित्रता का ध्यान
छठ पर्व में पूजा व प्रसाद की पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है. पूजा में शामिल होने वाले बर्तनों और सामानों को कभी भी जूठे और गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए. किसी और खाने पीने वाले अन्न व सामान को छूने के बाद बिना हाथ धोए छठ की चीजों को नहीं छूना चाहिए. हमेशा हाथ साफ करके ही छठ पूजा के सामान को हाथ को छूना चाहिए. इसीलिए सारी व्रती महिलाएं एकांत में रहते हुए छठ पूजा के प्रसाद व सामान तैयार करती हैं.
जूठा न हो कोई सामान
छठ पर्व की मान्यता है कि यदि आप छठ माता को जो भी फल या सामान खरीद कर छठ पूजा के नाम पर लाते हैं. उसमें से कोई भी सामान किसी को खाना नहीं चाहिए. या किसी और कार्य में पूजा के पहले उपयोग में नहीं लाया जाना चाहिए अन्यथा वह जूठा हो जाता है. इस व्रत भी खंडित हो जाता है. अगर पेड़ों पर फल और फूल को पशु-पक्षी ने अगर जूठा किया है या कटा व टूटा हो तो उसे भी मां को अर्पित नहीं करना चाहिए. फल-फूल साफ और शुद्ध हों, तभी छठ पूजा में उसका इस्तेमाल होना चाहिए.
केवल तभी बनाया जाता है प्रसाद
छठ पूजा के लिए चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के लिए सभी को खास सावधानी बरतनी होती है. कोशिश यही करनी चाहिए कि व्रत रहने वाली महिलाएं या पुरुष ही इसका प्रसाद तैयार करें. तभी वह प्रसाद शुद्ध माना जाता है.
घर में लहसुन प्याज का न हो इस्तेमाल
नहाय खाय से लेकर आखिरी दिन तक चलने वाली पूजा में खास तौर से चार दिनों तक घर परिवार में लहसुन प्याज का न हो इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस पर्व में अगर जो व्रत नहीं भी रख रहे हों, उनको भी लहसुन-प्याज के सेवन करने से बचना चाहिए और पवित्रता का पालन करना चाहिए. इस दौरान सात्विक भोजन करना बेहतर होता है.
इसे भी पढ़ें.. छठ पूजा 2022 : ऐसी हैं लोक आस्था के महापर्व छठ को मनाए जाने की पौराणिक कथाएं
छठ व्रती के लिए बिस्तर
छठ पूजा साधना का पर्व माना जाता है. छठ की पूजा करने वाले को घर परिवार के दैनिक उपयोग में आने वाले बेड, गद्दा या पलंग पर नहीं सोना चाहिए. चार दिन तक व्रत करने वाले को भूमि पर आसन बिछाकर या किसी लकड़ी की साफ सुथरी चौकी पर ही सोने की कोशिश करनी चाहिए. इससे शारीरिक और मानसिक रूप से सकारात्मक असर दिखता है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप