नई दिल्ली: भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी डोमनिका में जमानत मिलने के बाद एंटीगुआ एवं बारबुडा पहुंच गया है. डोमनिका में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश के आरोप में वह 51 दिन तक वहां पर हिरासत में रहा. भारत से फरार होने के बाद चोकसी 2018 से एंटीगुआ एवं बारबुडा में रह रहा है, उसने वहां की नागरिकता भी ले ली है.
चोकसी के खिलाफ डोमनिका में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करने का आरोप है, जबकि उसके वकीलों ने दावा किया है कि यह उसके अपहरण की साजिश थी. डोमिनिका उच्च न्यायालय ने चोकसी (62) को उसका इलाज कराने के लिए जमानत दी है. एंटीगुआ न्यूज रूम की खबर के मुताबिक अदालत ने 10 हजार ईस्टर्न कैरेबिनयन डॉलर (करीब पौने तीन लाख रुपये) जमानत राशि के रूप में देने के बाद चोकसी को एंटीगुआ जाने की अनुमति दी.
चोकसी ने जमानत मांगते हुए अपनी चिकित्सकीय रिपोर्ट भी अदालत में पेश की थी, जिसमें ‘सीटी स्कैन’ भी शामिल था. रिपोर्ट में उनके ‘हेमाटोमा’ (मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है) संबंधी स्थिति बिगड़ने की बात कही गई थी. चिकित्सकों ने 'न्यूरोलॉजिस्ट' और एक 'न्यूरोसर्जिकल' सलाहकार द्वारा चोकसी की चिकित्सा स्थिति की तत्काल समीक्षा कराने की सलाह दी थी. 'सीटी स्कैन' की रिपोर्ट 29 जून की थी, जिस पर डोमनिका के प्रिंसेस मार्गरेट हॉस्पिटल के चिकित्सकों येरंडी गाले गुटिरेज़ और रेने गिल्बर्ट वेरानेस ने हस्ताक्षर किए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि इलाज की ये सुविधाएं फिलहाल डोमनिका में उपलब्ध नहीं हैं.
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले में वांछित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी 23 मई को एंटीगुआ एवं बारबुडा से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था. बाद में उसे पड़ोसी देश डोमिनिका में गैरकानूनी रूप से दाखिल होने के आरोप में हिरासत में लिया गया था.
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चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया है कि 23 मई को एंटीगुआ के जोली हार्बर से उसका कुछ पुलिसकर्मियों ने अपहरण कर लिया था. ये पुलिसकर्मी एंटीगुआ तथा भारत के नागरिक लग रहे थे, जो एक नौका में उसे डोमनिका ले गए.
पीटीआई-भाषा