नई दिल्ली : आज मोदी कैबिनेट का विस्तार होने वाला है. बिहार से लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति पारस को भी मंत्री बनाया जा रहा है. इसको लेकर LJP सांसद चिराग पासवान ने आपत्ति जताई है. उन्होंने इसके खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
जमुई से सांसद चिराग पासवान ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट कर दी है. उन्होंने लिखा कि लोकसभा स्पीकर ने पशुपति पारस को लोजपा का नेता सदन माना था. हमने स्पीकर के समक्ष पुनर्विचार याचिका भी दी है, जो अभी विचाराधीन है. हमने इसके खिलाफ आज दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट
चिराग पासवान ने एक के बाद एक लगातार चार ट्वीट किए. उन्होंने लिखा, लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फैसले, जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस को लोजपा का नेता सदन माना था, के फैसले के खिलाफ आज दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है.
लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशुपति पारस को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है.
'LJP का कोई लेना देना नहीं'
प्रधानमंत्री जी के इस अधिकार का पूर्ण सम्मान है कि वे अपनी टीम में किसे शामिल करते हैं और किसे नहीं, लेकिन जहां तक LJP का सवाल है, पारस हमारे दल के सदस्य नहीं हैं. पार्टी को तोड़ने जैसे कार्यों को देखते हुए उन्हें मंत्री, उनके गुट से बनाया जाए तो LJP का कोई लेना देना नहीं है.
पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है.
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