नई दिल्ली: चिराग पासवान (Chirag Paswan) को 12 जनपथ वाला सरकारी बंगला (12 Janpath, Bungalow) खाली करना पड़ सकता है. 1990 में रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) जब केंद्रीय मंत्री बने थे. तब यह बंगला उनको आवंटित हुआ था. रामविलास का निधन पिछले साल अक्टूबर महीने में हुआ था. करीब 30 साल से पासवान परिवार इस बंगले में रह रहा है.
यह सरकारी बंगला केंद्र सरकार के शहरी मंत्रालय का है. यह केंद्रीय मंत्री या कम से कम पांच बार के सांसद के लिए बंगला है. चिराग दूसरी बार सांसद बने हैं, उस लिहाज से उनको यह बंगला खाली करना पड़ सकता है. 2009 के लोकसभा चुनाव में राम विलास पासवान हाजीपुर से चुनाव हार गए थे, तब उनको यह बंगला खाली करने के लिए कहा गया था लेकिन उस वक्त राजद सुप्रीमो लालू यादव ने उनको राज्यसभा में भेज दिया था जिसके चलते उनका यह बंगला बरकरार रहा.
सूत्रों के अनुसार, चिराग को दो बार नोटिस भी आ चुका है कि इस बंगले को खाली कर दीजिये. दूसरी तरफ चिराग गुट के नेताओं का मानना है कि भाजपा से संबंध खराब हो चुके हैं इसलिए यह बंगला खाली करना पड़ सकता है. चिराग मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हैं.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही लोजपा में बड़ी टूट हुई थी. चिराग के चाचा व सांसद पशुपति पारस के साथ कुल पांच सांसद अलग हो गए. सांसदों ने पारस को संसदीय दल का नेता चिराग की जगह बना दिया. उधर, पारस अपने गुट के लोगों के साथ बैठक कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग की जगह बन गये. चिराग ने भी लोजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलायी जिसमें 95 फीसदी सदस्य मौजूद थे.
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चिराग ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया. लोजपा दो खेमों में बंट चुकी है. एक खेमा पशुपति पारस का है और दूसरा खेमा चिराग का है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा बता रहे हैं. मामला चुनाव आयोग में है. वहीं पारस को LJP कोटे से केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया है. इस कारण चिराग BJP से नाराज बताए जा रहे हैं. इससे यह भी साफ है कि बीजेपी पारस के साथ है.