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चिराग ने हाजीपुर से शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा', समर्थकों का उमड़ा जनसैलाब - रामविलास पासवान जयंती

लोजपा संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान की कर्मभूमि हाजीपुर के सुल्तानपुर से चिराग पासवान ने आशीर्वाद यात्रा शुरू की. इस यात्रा में समर्थकों का जनसैलाब उमड़ा. चिराग पासवान ने कहा कि पिता के निधन के बाद अपनों ने ही धोखा देकर उन्हें अनाथ बना दिया है.

आशीर्वाद यात्रा
आशीर्वाद यात्रा
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Published : Jul 6, 2021, 1:01 AM IST

वैशाली : लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की कर्मभूमि हाजीपुर (बिहार) से सोमवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपनी आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) शुरू की. चिराग की इस यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा.

आशीर्वाद यात्रा शुरू करने से पहले हाजीपुर के सुल्तानपुर में आयोजित जयंती समारोह में उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि हाजीपुर की पहचान रामविलास पासवान से है और रामविलास पासवान की पहचान हाजीपुर से है.

चिराग ने हाजीपुर से शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा'चिराग ने हाजीपुर से शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा'

जमुई से सांसद चिराग ने कहा, हाजीपुर को मेरे पिता हमेशा मां कह कर पुकारते रहे थे. हाजीपुर ने उन्हें खास पहचान और मुकाम दिया. आज मैं अपने पिता की उसी कर्मभूमि से अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू कर रहा हूं.

चिराग ने लोगों से मांगा समर्थन
चिराग पासवान ने कहा कि जब तक उनके पिता जिंदा थे, परिवार को एक सूत्र में बांधे रखा. लेकिन, उनके निधन के बाद उन्हें अपनों ने ही धोखा देकर अनाथ बना दिया. उन्होंने कार्यक्रम में उमड़े जनसैलाब से समर्थन मांगा. जवाब में लोगों ने हाथ उठाकर उनका साथ देने का वादा किया.

चिराग ने कहा कि 1977 में जब रामविलास पासवान ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी, उस वक्त उन्होंने हाजीपुर के सुल्तानपुर से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. तब से लेकर अंतिम समय तक हाजीपुर का उन्हें अपार स्नेह मिला. आज उसी धरती से उनके बेटे होने के नाते वह अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू कर रहे हैं.

हाजीपुर में हुआ भव्य स्वागत
पटना से हाजीपुर पहुंचते ही चिराग पासवान का भव्य स्वागत हुआ. गांधी सेतु पार करते ही उनका काफिला और लंबा हो गया. आगे-आगे कार से चल रहे चिराग पासवान लोगों का अभिवादन कर रहे थे. उनके पीछे गाड़ियों की लंबी लाइन थी. काफिले में 500 से ज्यादा गाड़ियां थीं. वहीं, हजारों समर्थक सड़क पर फूल-माला लेकर उनके स्वागत के लिए जुटे हुए थे. उनके काफिले में समर्थकों की भीड़ ऐसी कि हाजीपुर-पटना मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया.

दूर-दूर तक सिर्फ गाड़ियों की लंबी लाइन और उनके स्वागत में खड़े लोग ही नजर आ रहे थे. उन्होंने जढुआ में चुहरमल बाबा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. गांधी सेतु से लेकर कार्यक्रम स्थल तक कई स्थानों पर उनका भव्य स्वागत किया गया.

सुरक्षा में मुस्तैद रहे पुलिस पदाधिकारी
चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट था. कार्यक्रम स्थल के अलावा विभिन्न प्वाइंट्स पर पुलिस पदाधिकारी और जवान प्रतिनियुक्त थे. सदर एसडीपीओ राघव दयाल खुद सुरक्षा की कमान संभाल रहे थे. वहीं, लोजपा संस्थापक की जयंती और आशीर्वाद यात्रा में लोजपा चिराग गुट का दम देखने को मिला. कार्यक्रम में उमड़ी लोगों की भारी भीड़ से चिराग पासवान और उनके समर्थक काफी उत्साहित नजर आए.

यह भी पढ़ें- चिराग का मांझी को बड़ा झटका, HAM के कार्यकारी अध्यक्ष रहे धीरेंद्र मुन्ना LJP में शामिल

वैशाली : लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की कर्मभूमि हाजीपुर (बिहार) से सोमवार को चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अपनी आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) शुरू की. चिराग की इस यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा.

आशीर्वाद यात्रा शुरू करने से पहले हाजीपुर के सुल्तानपुर में आयोजित जयंती समारोह में उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान को श्रद्धासुमन अर्पित किए. इसके बाद आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि हाजीपुर की पहचान रामविलास पासवान से है और रामविलास पासवान की पहचान हाजीपुर से है.

चिराग ने हाजीपुर से शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा'चिराग ने हाजीपुर से शुरू की 'आशीर्वाद यात्रा'

जमुई से सांसद चिराग ने कहा, हाजीपुर को मेरे पिता हमेशा मां कह कर पुकारते रहे थे. हाजीपुर ने उन्हें खास पहचान और मुकाम दिया. आज मैं अपने पिता की उसी कर्मभूमि से अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू कर रहा हूं.

चिराग ने लोगों से मांगा समर्थन
चिराग पासवान ने कहा कि जब तक उनके पिता जिंदा थे, परिवार को एक सूत्र में बांधे रखा. लेकिन, उनके निधन के बाद उन्हें अपनों ने ही धोखा देकर अनाथ बना दिया. उन्होंने कार्यक्रम में उमड़े जनसैलाब से समर्थन मांगा. जवाब में लोगों ने हाथ उठाकर उनका साथ देने का वादा किया.

चिराग ने कहा कि 1977 में जब रामविलास पासवान ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी, उस वक्त उन्होंने हाजीपुर के सुल्तानपुर से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. तब से लेकर अंतिम समय तक हाजीपुर का उन्हें अपार स्नेह मिला. आज उसी धरती से उनके बेटे होने के नाते वह अपनी आशीर्वाद यात्रा शुरू कर रहे हैं.

हाजीपुर में हुआ भव्य स्वागत
पटना से हाजीपुर पहुंचते ही चिराग पासवान का भव्य स्वागत हुआ. गांधी सेतु पार करते ही उनका काफिला और लंबा हो गया. आगे-आगे कार से चल रहे चिराग पासवान लोगों का अभिवादन कर रहे थे. उनके पीछे गाड़ियों की लंबी लाइन थी. काफिले में 500 से ज्यादा गाड़ियां थीं. वहीं, हजारों समर्थक सड़क पर फूल-माला लेकर उनके स्वागत के लिए जुटे हुए थे. उनके काफिले में समर्थकों की भीड़ ऐसी कि हाजीपुर-पटना मार्ग पूरी तरह से जाम हो गया.

दूर-दूर तक सिर्फ गाड़ियों की लंबी लाइन और उनके स्वागत में खड़े लोग ही नजर आ रहे थे. उन्होंने जढुआ में चुहरमल बाबा की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. गांधी सेतु से लेकर कार्यक्रम स्थल तक कई स्थानों पर उनका भव्य स्वागत किया गया.

सुरक्षा में मुस्तैद रहे पुलिस पदाधिकारी
चिराग पासवान की आशीर्वाद यात्रा को लेकर पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट था. कार्यक्रम स्थल के अलावा विभिन्न प्वाइंट्स पर पुलिस पदाधिकारी और जवान प्रतिनियुक्त थे. सदर एसडीपीओ राघव दयाल खुद सुरक्षा की कमान संभाल रहे थे. वहीं, लोजपा संस्थापक की जयंती और आशीर्वाद यात्रा में लोजपा चिराग गुट का दम देखने को मिला. कार्यक्रम में उमड़ी लोगों की भारी भीड़ से चिराग पासवान और उनके समर्थक काफी उत्साहित नजर आए.

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