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China Spy Balloon : 'चीनी जासूसी गुब्बारे ने भारत के सैन्य ठिकानों की भी जानकारी जुटाई'

चीनी जासूसी गुब्बारे से भारत भी प्रभावित हुआ है. यह दावा अमेरिकी अखबार ने किया है. उनके अनुसार चीनी गुब्बारे ने भारत के सैन्य ठिकानों की जानकारी जुटाई है. पढ़ें पूरी खबर.

chinese spy balloon
चीनी जासूसी गुब्बारा
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Published : Feb 9, 2023, 1:09 PM IST

नई दिल्ली : चीनी जासूसी गुब्बारा की छाया अब भारत पर भी पड़ने लगी है. सूत्रों के अनुसार चीनी जासूसी गुब्बारे नें भारत के सैन्य ठिकानों की भी इमेज प्राप्त की है. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भारत और जापान सहित कई देशों को निशाना बनाते हुए जासूसी गुब्बारों का एक बेड़ा संचालित किया है.

उल्लेखनीय यह है कि यह जानकारी अमेरिकी सेना द्वारा उनके यहां संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर मंडरा रहे एक चीनी निगरानी जहाज को मार गिराए जाने के बाद आई.अमेरिकी अधिकारियों ने अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलिना के तट से एक लड़ाकू जेट द्वारा मार गिराए गए चीनी निगरानी गुब्बारे की खोज के बारे में भारत सहित अपने दोस्तों और सहयोगियों को जानकारी दी है.

अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक चीनी स्पाइ गुब्बारे ने भारत, जापान, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस सहित अन्य कई देशों की अलग-अलग सैन्य ठिकानों की जानकारी जुटाई है. अखबार के अनुसार इसे चीन के दक्षिणी तट हैनान प्रांत से संचालित किया गया था.

अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि ये गुब्बारे पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं, जो निगरानी संचालन करने के लिए विकसित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये गुब्बारे दूसरे देशों की संप्रभुता का भी उल्लंघन करते हैं.

वाशिंगटन पोस्ट लिखता है कि हाल के वर्षों में, हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार गुब्बारे देखे गए हैं. उन्होंने यह भी लिखा है कि ट्रंप प्रशासन के दौरान चार में से तीन घटनाएं हुईं, लेकिन हाल ही में चीनी निगरानी एयरशिप के रूप में पहचान की गई थी.

पूरे मामले पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि चीन ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पांच महाद्वीपों के कई देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है. भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कई देशों के साथ-साथ अपने ही लोगों के लिए एक विरोधी इकाई बन गई है. उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को यह स्पष्ट करना एक चुनौती है कि उसका बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून और दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है.

चीन ने दावा किया है कि यह मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था, लेकिन उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह किस सरकारी विभाग या कंपनी का था. कृष्णमूर्ति (49) ने चीन पर सदन की नवगठित समिति की पहली बैठक के बाद कहा, 'हम इसे बर्दाशत नहीं कर सकते. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम (सीपीपी को) स्पष्ट संदेश दें और साथ ही आक्रामकता को रोकें.'

राजा कृष्णमूर्ति को हाल ही चीन पर सदन की समिति का रैंकिंग सदस्य बनाया गया है. इसका गठन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी द्वारा 118वीं कांग्रेस (संसद) में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अमेरिका के समक्ष पेश की जाने वाली - आर्थिक, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा- चुनौतियों का सामना करने और उनसे निपटने के तरीकों पर विचार करने के लिये किया गया है. यह पहली बार है कि किसी भारतीय-अमेरिकी को रैंकिंग सदस्य या समिति का अध्यक्ष, सदन या सीनेट में स्थायी समिति या प्रवर समिति का सदस्य बनाया गया है.

ये भी पढ़ें : Chinese Balloons Flying Over US Territory : अमेरिकी क्षेत्र में चीनी गुब्बारों के उड़ने के चार मामले पहले भी पाए गए : पेंटागन

(पीटीआई)

नई दिल्ली : चीनी जासूसी गुब्बारा की छाया अब भारत पर भी पड़ने लगी है. सूत्रों के अनुसार चीनी जासूसी गुब्बारे नें भारत के सैन्य ठिकानों की भी इमेज प्राप्त की है. एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने भारत और जापान सहित कई देशों को निशाना बनाते हुए जासूसी गुब्बारों का एक बेड़ा संचालित किया है.

उल्लेखनीय यह है कि यह जानकारी अमेरिकी सेना द्वारा उनके यहां संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर मंडरा रहे एक चीनी निगरानी जहाज को मार गिराए जाने के बाद आई.अमेरिकी अधिकारियों ने अटलांटिक महासागर में दक्षिण कैरोलिना के तट से एक लड़ाकू जेट द्वारा मार गिराए गए चीनी निगरानी गुब्बारे की खोज के बारे में भारत सहित अपने दोस्तों और सहयोगियों को जानकारी दी है.

अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक चीनी स्पाइ गुब्बारे ने भारत, जापान, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस सहित अन्य कई देशों की अलग-अलग सैन्य ठिकानों की जानकारी जुटाई है. अखबार के अनुसार इसे चीन के दक्षिणी तट हैनान प्रांत से संचालित किया गया था.

अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि ये गुब्बारे पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं, जो निगरानी संचालन करने के लिए विकसित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये गुब्बारे दूसरे देशों की संप्रभुता का भी उल्लंघन करते हैं.

वाशिंगटन पोस्ट लिखता है कि हाल के वर्षों में, हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सास और गुआम में कम से कम चार गुब्बारे देखे गए हैं. उन्होंने यह भी लिखा है कि ट्रंप प्रशासन के दौरान चार में से तीन घटनाएं हुईं, लेकिन हाल ही में चीनी निगरानी एयरशिप के रूप में पहचान की गई थी.

पूरे मामले पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि चीन ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पांच महाद्वीपों के कई देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है. भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कई देशों के साथ-साथ अपने ही लोगों के लिए एक विरोधी इकाई बन गई है. उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) को यह स्पष्ट करना एक चुनौती है कि उसका बार-बार अंतरराष्ट्रीय कानून और दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है.

चीन ने दावा किया है कि यह मौसम विज्ञान अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला गुब्बारा था, लेकिन उसने यह बताने से इनकार कर दिया कि यह किस सरकारी विभाग या कंपनी का था. कृष्णमूर्ति (49) ने चीन पर सदन की नवगठित समिति की पहली बैठक के बाद कहा, 'हम इसे बर्दाशत नहीं कर सकते. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम (सीपीपी को) स्पष्ट संदेश दें और साथ ही आक्रामकता को रोकें.'

राजा कृष्णमूर्ति को हाल ही चीन पर सदन की समिति का रैंकिंग सदस्य बनाया गया है. इसका गठन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी द्वारा 118वीं कांग्रेस (संसद) में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अमेरिका के समक्ष पेश की जाने वाली - आर्थिक, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा- चुनौतियों का सामना करने और उनसे निपटने के तरीकों पर विचार करने के लिये किया गया है. यह पहली बार है कि किसी भारतीय-अमेरिकी को रैंकिंग सदस्य या समिति का अध्यक्ष, सदन या सीनेट में स्थायी समिति या प्रवर समिति का सदस्य बनाया गया है.

ये भी पढ़ें : Chinese Balloons Flying Over US Territory : अमेरिकी क्षेत्र में चीनी गुब्बारों के उड़ने के चार मामले पहले भी पाए गए : पेंटागन

(पीटीआई)

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