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भारत दौरे पर आ रहे चीन के विदेश मंत्री, एलएसी गतिरोध के बाद पहली यात्रा

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी संघर्ष (Galwan valley clash) के बाद पहली बार चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आ रहे हैं (chinese foreign minister Wang Yi india visit). शुक्रवार को उनकी विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल के साथ बैठक होगी. वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

Wang Yi
चीन के विदेश मंत्री वांग यी
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Published : Mar 24, 2022, 3:37 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 8:11 PM IST

नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन संकट पर अपनी स्थिति बदलने के लिए भारत पर पश्चिमी सहयोगियों के पूरे दबाव के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के गुरुवार शाम भारत आने की उम्मीद है. अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी संघर्ष के बाद से किसी उच्च-स्तरीय चीनी अधिकारी की यह पहली यात्रा होगी. सूत्रों के अनुसार वांग यी, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल शुक्रवार को सीमा मुद्दे, यूक्रेन-रूसी संकट और ब्रिक्स प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.

हालांकि वांग यी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी या नहीं, इस पर विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. नई दिल्ली में बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान वांग यी की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'विदेश मंत्रालय को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. बीजिंग ने भी अब तक यात्रा पर कुछ भी पुष्टि नहीं की है.'

ओआईसी भाषण में कश्मीर के जिक्र को लेकर भारत ने जताया एतराज : हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में ओआईसी (OIC) भाषण में चीनी विदेश मंत्री के कश्मीर के संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि, 'चीन सहित अन्य देशों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.' चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा चीन के प्रस्ताव के तहत हो रहा है. चीनी विदेश मंत्री विशेष रूप से इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद के आधिकारिक दौरे पर थे.

इस बीच चीनी विदेश मंत्री आज इस्लामाबाद से काबुल पहुंचे. पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से किसी चीनी मंत्री की काबुल की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. वांग का 25-27 मार्च तक काठमांडू जाने का भी कार्यक्रम है. सितंबर 2020 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन के दौरान मास्को में व्यापक बातचीत की थी. उसी दौरान पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद को हल करने के लिए पांच सूत्री सहमति बनी थी. दोनों विदेश मंत्रियों ने पिछले साल जुलाई में ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में एससीओ की एक अन्य बैठक के इतर द्विपक्षीय बैठक भी की थी, जिसमें सीमा विवाद पर ध्यान दिया गया था. दोनों नेता सितंबर में दुशांबे में फिर मिले थे.

पढ़ें- क्या भारत-चीन के लिए 'छिपा हुआ वरदान' है रूस-यूक्रेन युद्ध

पढ़ें- भारत और चीन 15वें दौर की सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों का हल करने में नाकाम रहे

नई दिल्ली : रूस-यूक्रेन संकट पर अपनी स्थिति बदलने के लिए भारत पर पश्चिमी सहयोगियों के पूरे दबाव के बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के गुरुवार शाम भारत आने की उम्मीद है. अप्रैल 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी संघर्ष के बाद से किसी उच्च-स्तरीय चीनी अधिकारी की यह पहली यात्रा होगी. सूत्रों के अनुसार वांग यी, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल शुक्रवार को सीमा मुद्दे, यूक्रेन-रूसी संकट और ब्रिक्स प्रक्रिया पर चर्चा करेंगे.

हालांकि वांग यी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी या नहीं, इस पर विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. नई दिल्ली में बुधवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान वांग यी की संभावित यात्रा के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'विदेश मंत्रालय को अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. बीजिंग ने भी अब तक यात्रा पर कुछ भी पुष्टि नहीं की है.'

ओआईसी भाषण में कश्मीर के जिक्र को लेकर भारत ने जताया एतराज : हालांकि, विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में ओआईसी (OIC) भाषण में चीनी विदेश मंत्री के कश्मीर के संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि, 'चीन सहित अन्य देशों को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.' चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा चीन के प्रस्ताव के तहत हो रहा है. चीनी विदेश मंत्री विशेष रूप से इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को इस्लामाबाद के आधिकारिक दौरे पर थे.

इस बीच चीनी विदेश मंत्री आज इस्लामाबाद से काबुल पहुंचे. पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से किसी चीनी मंत्री की काबुल की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है. वांग का 25-27 मार्च तक काठमांडू जाने का भी कार्यक्रम है. सितंबर 2020 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन के दौरान मास्को में व्यापक बातचीत की थी. उसी दौरान पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद को हल करने के लिए पांच सूत्री सहमति बनी थी. दोनों विदेश मंत्रियों ने पिछले साल जुलाई में ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में एससीओ की एक अन्य बैठक के इतर द्विपक्षीय बैठक भी की थी, जिसमें सीमा विवाद पर ध्यान दिया गया था. दोनों नेता सितंबर में दुशांबे में फिर मिले थे.

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Last Updated : Mar 24, 2022, 8:11 PM IST
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