काठमांडू : चीनी राजदूत होउ यान्की को चीन द्वारा नेपाल को भेजा गया नया तोहफा सौंपते हुए देखा गया. दरअसल, चीन ने नेपाल को सिनोफार्म-विकसित कोविड टीके की 800,000 खुराक भेजी हैं. नेपाल जिसे लोगों को टीका लगाने के लिए कोविड वैक्सीन की सख्त आवश्यकता है. चीन के इस कदम से नेपाल में सिनोफर्म वैक्सीन के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त हो सकता है.
सोमवार सुबह नेपाल एयरलाइंस का जेट विमान कोविड वैक्सीन की कीमती खुराक लेकर बीजिंग से जैसे ही पहुंचे, राजदूत होउ यान्की उन्हें रिसीव करने के लिए काठमांडू एयरपोर्ट पहुंची. उन्होंने मुस्कुराते हुए नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री हृदयेश त्रिपाठी को टीके सौंपे.
नेपाल जो कि टीकाकरण के दूसरे चरण को शुरू करने की तैयारी कर रहा है, दिल्ली और बीजिंग स्पष्ट रूप से लगभग 30 मिलियन लोगों के हिमालयी राष्ट्र में अपनी वैक्सीन कूटनीति को आगे बढ़ा रहे हैं.
इस बीच केपी ओली सरकार ने एक साल में 18 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक व्यक्ति को को कोविड टीका देना लगाने की योजना बनाई है.
इस सप्ताह के शुरू में नेपाल को नेपाल-भारत सेना सहयोग पैकेज के रूप में भारत ने कोविड वैक्सीन की 100,000 खुराक दी थीं.
उल्लेखनीय है कि चीनी टीका आने से बहुत पहले, यह भारत ही था, जिसने जनवरी में काठमांडू को उपहार के रूप में कोविशील्ड वैक्सीन की दस लाख खुराक को भेजीं थीं.
उसके बाद नेपाल ने कोवैक्स के तहत और अधिक कोविड वैक्सीन की खेप प्राप्त कीं, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सह-नेतृत्व वाली एक अंतर्राष्ट्रीय पहल है
अपने दूसरे चरण के टीकाकरण से पहले नेपाल को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से और अधिक टीके मिलने का इंतजार है, जो दुनिया भर के कई देशों में डिलिवरी सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.
अब तक नेपाल ने 1.7 मिलियन लोगों को टीका लगाया है और वह एक वर्ष के भीतर अपने 30 मिलियन लोगों में से 20 मिलियन का टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहता है.
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नेपाल को चीन से उपहार के रूप में कितनी खुराक मिल सकती हैं और भारत-निर्मित कोविशील्ड की तुलना में चीनी वैक्सीन कितना महंगा है.
नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के प्रवक्ता प्रोफेसर डॉ जागेश्वर गौतम का कहना है कि नेपाल सरकार कोविड वैक्सीन पाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. हम अपने लोगों के लिए पर्याप्त कोविड -19 वैक्सीन प्राप्त करने के लिए विभिन्न एजेंसियों और सरकारों के साथ बातचीत कर रहे हैं.
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गौतम के अनुसार कोविड वैक्सीन की खरीद के लिए 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता पाने के लिए नेपाल एशियाई विकास बैंक के साथ भी बातचीत कर रहा है. हाल ही में विश्व बैंक ने नेपाल को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और कोविड से लड़ने के लिए 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को मंजूरी दी थी.
इस बीच जैसे ही चीनी टीके नेपाल पहुंचे नेपाली नेटिजन्स उत्साहित हो गए. इस बारे में काठमांडू के एक पत्रकार को ट्विटर पर लिखा कि यह जानकर खुशी हुई कि चीनी वैक्सीन, बीजिंग से भी आई है. अब हमें एक हाथ में भारतीय कोविड और दूसरे हाथ में चीनी वैक्सीन मिलेगी.
जोक्स को छोड़ दिया जाए, तो एक बात स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में नेपाल दिल्ली और बीडिंग से आर अधिक कोविड वैक्सीन मिलने की उम्मीद है.