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चीन को गलवान झड़प में कहीं ज्यादा नुकसान हुआ : ऑस्ट्रेलिया के अखबार का दावा

साल 2020 में 15-16 जून को गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने भी स्वीकार किया था कि इस झड़प में उसके पांच अधिकारी मारे गए थे.

Galwan clash
गलवान झड़प
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Published : Feb 3, 2022, 3:17 AM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था. साथ ही, कई चीनी सैनिक तेज धारा वाली नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे. ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार में बुधवार को यह दावा किया. 'द क्लैक्सन' की खबर में अनाम शोधकर्ताओं और चीन के ब्लॉगरों का हवाला दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से उन्होंने अपना नाम उजागर नहीं किया, लेकिन उन्होंने जो पता लगाया उससे गलवान की घटना पर पर्याप्त रौशनी पड़ती हुई प्रतीत होती है. खबर में कहा गया है, 'चीन को हुए नुकसान के दावे नए नहीं हैं लेकिन सोशल मीडिया शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा दिए गए साक्ष्यों से, जिन पर द क्लैक्सन की खबर आधारित है, ऐसा प्रतीत होता है कि चीन को हुआ नुकसान बीजिंग द्वारा बताये गए चार सैनिकों से कहीं ज्यादा था.' खबर में कहा गया कि इससे यह भी पता चलता है कि बीजिंग उस झड़प के बारे में चर्चा नहीं करने के लिए किस हद तक जा सकता है.

यह भी पढ़ें- गलवान हिंसा का नया वीडियो जारी कर बेनकाब हुआ चीन

बता दें, साल 2020 में 15-16 जून को गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने भी स्वीकार किया था कि इस झड़प में उसके पांच अधिकारी मारे गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गलवान घाटी में 2020 में हुई झड़प में चीन को उससे कहीं ज्यादा नुकसान हुआ था, जितना कि उसने दावा किया था. साथ ही, कई चीनी सैनिक तेज धारा वाली नदी पार करते हुए अंधेरे में डूब गए थे. ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार में बुधवार को यह दावा किया. 'द क्लैक्सन' की खबर में अनाम शोधकर्ताओं और चीन के ब्लॉगरों का हवाला दिया गया है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा कारणों से उन्होंने अपना नाम उजागर नहीं किया, लेकिन उन्होंने जो पता लगाया उससे गलवान की घटना पर पर्याप्त रौशनी पड़ती हुई प्रतीत होती है. खबर में कहा गया है, 'चीन को हुए नुकसान के दावे नए नहीं हैं लेकिन सोशल मीडिया शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा दिए गए साक्ष्यों से, जिन पर द क्लैक्सन की खबर आधारित है, ऐसा प्रतीत होता है कि चीन को हुआ नुकसान बीजिंग द्वारा बताये गए चार सैनिकों से कहीं ज्यादा था.' खबर में कहा गया कि इससे यह भी पता चलता है कि बीजिंग उस झड़प के बारे में चर्चा नहीं करने के लिए किस हद तक जा सकता है.

यह भी पढ़ें- गलवान हिंसा का नया वीडियो जारी कर बेनकाब हुआ चीन

बता दें, साल 2020 में 15-16 जून को गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. चीन ने भी स्वीकार किया था कि इस झड़प में उसके पांच अधिकारी मारे गए थे.

(पीटीआई-भाषा)

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