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चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है: नौसेना प्रमुख

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है, जिसने ना सिर्फ भारत की स्थल सीमा पर बल्कि समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है.

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आर हरि कुमार न्यूज़
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Published : Sep 21, 2022, 6:59 AM IST

Updated : Sep 21, 2022, 10:42 AM IST

नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने मंगलवार को कहा कि चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है, जिसने ना सिर्फ भारत की स्थल सीमा पर बल्कि समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में नियमित रूप से नजर रखे हुए है.

यहां ‘भारत की नौसेना क्रांति: एक सागरीय शक्ति बनने’ विषय पर एक कार्यक्रम में मुख्य भाषण देते हुए नौसेना प्रमुख ने देश के लिए पारंपरिक और अन्य सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की. उन्होंने यह भी कहा , 'आर्थिक संकट के बावजूद, पाकिस्तान ने अपना सैन्य आधुनिकीकरण जारी रखा है, खास तौर पर अपनी नौसेना का जो करीब 2030-2035 तक 50 प्लेटफार्म बल में तब्दील होने की राह पर है.'

उन्होंने कहा, 'इन पारंपरिक सैन्य चुनौतियों के कायम रहने के साथ-साथ आतंकवाद एक बड़ा सुरक्षा खतरा बना हुआ है क्योंकि इसका आकार व दायरा बढ़ना जारी है.' एडमिरल कुमार ने कहा कि प्रतिदिन के आधार पर प्रतिस्पर्धा हो रही है, ऐसे में संभावित विरोधियों के साथ युद्ध से कभी इनकार नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें-मैक्रों ने यूएन में कहा, पीएम नरेंद्र मोदी सही थे, जब उन्होंने कहा ये युद्ध का सही समय नहीं है

उन्होंने कहा, 'इस संबंध में, चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है और उसने न सिर्फ हमारी स्थल सीमा पर, बल्कि समुद्री लूट रोधी अभियानों के सहारे समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है ताकि वह हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की मौजूदगी को सामान्यीकृत कर सके. बाद में उन्होंने मंच पर बातचीत में कहा कि चीन हिंद महासागर में 2008 से है और जिबौती में एक सैन्य अड्डा भी बनाया है. साथ ही, वह क्षेत्र में श्रीलंका, म्यांमा और पाकिस्तान तथा अन्य देशों के समुद्र तटों पर भी विभिन्न बंदरगाह विकसित कर रहा. नौसेना प्रमुख ने कहा, 'हम हिंद महासागर क्षेत्र में उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं.

वर्ष 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगी नौसेना: एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा है कि जहाजों और पनडुब्बियों के उत्पादन से लेकर कलपुर्जों एवं हथियारों तक, भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगी. एडमिरल कुमार ने एक रक्षा सम्मेलन में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से बहुत कुछ सीखने को है, जिसमें नयी प्रौद्योगिकी, साइबर स्पेस और सभी तरह के गोला-बारूद का उपयोग देखा गया.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष ने किसी भी देश की रक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भता’ की आवश्यकता को रेखांकित किया है. ‘इंडिया डिफेंस कान्क्लेव’ 2022 के दौरान सवालों के जवाब में एडमिरल कुमार ने कहा, 2047 तक, हमारे पास एक पूर्ण स्वदेशी नौसेना होगी, चाहे वह जहाज हो, या पनडुब्बी, विमान, मानव रहित प्रणाली, हथियार आदि.'

उन्होंने कहा, 'हम पूरी तरह से 'आत्मनिर्भर’ नौसेना होंगे. यही हम लक्षित कर रहे हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण भारतीय नौसेना की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है, उन्होंने कहा, 'अब तक, हम पर कोई कड़ा दबाव नहीं है. हमारे पास पर्याप्त भंडार है. आज विमान या विमान की तैनाती के मामले में कोई कमी नहीं की गई है. हमने अपने देश के उद्योग से मदद लेने के लिए कदम उठाए हैं.'

नई दिल्ली: नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने मंगलवार को कहा कि चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है, जिसने ना सिर्फ भारत की स्थल सीमा पर बल्कि समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में नियमित रूप से नजर रखे हुए है.

यहां ‘भारत की नौसेना क्रांति: एक सागरीय शक्ति बनने’ विषय पर एक कार्यक्रम में मुख्य भाषण देते हुए नौसेना प्रमुख ने देश के लिए पारंपरिक और अन्य सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की. उन्होंने यह भी कहा , 'आर्थिक संकट के बावजूद, पाकिस्तान ने अपना सैन्य आधुनिकीकरण जारी रखा है, खास तौर पर अपनी नौसेना का जो करीब 2030-2035 तक 50 प्लेटफार्म बल में तब्दील होने की राह पर है.'

उन्होंने कहा, 'इन पारंपरिक सैन्य चुनौतियों के कायम रहने के साथ-साथ आतंकवाद एक बड़ा सुरक्षा खतरा बना हुआ है क्योंकि इसका आकार व दायरा बढ़ना जारी है.' एडमिरल कुमार ने कहा कि प्रतिदिन के आधार पर प्रतिस्पर्धा हो रही है, ऐसे में संभावित विरोधियों के साथ युद्ध से कभी इनकार नहीं किया जा सकता.

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उन्होंने कहा, 'इस संबंध में, चीन एक कठिन चुनौती बना हुआ है और उसने न सिर्फ हमारी स्थल सीमा पर, बल्कि समुद्री लूट रोधी अभियानों के सहारे समुद्री क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है ताकि वह हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की मौजूदगी को सामान्यीकृत कर सके. बाद में उन्होंने मंच पर बातचीत में कहा कि चीन हिंद महासागर में 2008 से है और जिबौती में एक सैन्य अड्डा भी बनाया है. साथ ही, वह क्षेत्र में श्रीलंका, म्यांमा और पाकिस्तान तथा अन्य देशों के समुद्र तटों पर भी विभिन्न बंदरगाह विकसित कर रहा. नौसेना प्रमुख ने कहा, 'हम हिंद महासागर क्षेत्र में उनकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए हैं.

वर्ष 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगी नौसेना: एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा है कि जहाजों और पनडुब्बियों के उत्पादन से लेकर कलपुर्जों एवं हथियारों तक, भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह से आत्मनिर्भर होगी. एडमिरल कुमार ने एक रक्षा सम्मेलन में कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष से बहुत कुछ सीखने को है, जिसमें नयी प्रौद्योगिकी, साइबर स्पेस और सभी तरह के गोला-बारूद का उपयोग देखा गया.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष ने किसी भी देश की रक्षा के लिए ‘आत्मनिर्भता’ की आवश्यकता को रेखांकित किया है. ‘इंडिया डिफेंस कान्क्लेव’ 2022 के दौरान सवालों के जवाब में एडमिरल कुमार ने कहा, 2047 तक, हमारे पास एक पूर्ण स्वदेशी नौसेना होगी, चाहे वह जहाज हो, या पनडुब्बी, विमान, मानव रहित प्रणाली, हथियार आदि.'

उन्होंने कहा, 'हम पूरी तरह से 'आत्मनिर्भर’ नौसेना होंगे. यही हम लक्षित कर रहे हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण भारतीय नौसेना की आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है, उन्होंने कहा, 'अब तक, हम पर कोई कड़ा दबाव नहीं है. हमारे पास पर्याप्त भंडार है. आज विमान या विमान की तैनाती के मामले में कोई कमी नहीं की गई है. हमने अपने देश के उद्योग से मदद लेने के लिए कदम उठाए हैं.'

Last Updated : Sep 21, 2022, 10:42 AM IST
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