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उत्तराखंड में बांस बल्ली के सहारे चल रही जिंदगानी, स्कूल जाने के लिए यहां बच्चे रोज खेलते हैं मौत का खेल

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है. यहां स्कूल जाने के लिए बच्चों रोज मौत के रास्ते से गुजरते हैं, जिस जुगाड़ के सहारे बच्चे उफनते बरसाती नाले को पार करते हैं, वो किसी मौत के खेल से कम नहीं है.

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उत्तराखंड में बांस बल्ली के सहारे चल रही जिंदगानी
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Published : Aug 18, 2022, 5:48 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 6:03 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में बारिश के बाद हालत बद से बदतर हो चुके हैं. कई मार्ग बीते एक हफ्ते से बंद पड़े हुए हैं. ऐसे में इलाकों के लोगों के लिए आवाजाही करना मुश्किल हो गया है. सबसे ज्यादा मुश्किलें स्कूल जाने वाले बच्चों को उठानी पड़ रही (children cross rainy drain) है. क्योंकि रास्ता बंद होने की वजह से उनके लिए जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है, वो किसी मौत के रास्ते से कम नहीं (cross rainy drain with wooden block) है. ऐसे ही एक वीडियो उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड इलाके सामने आया है.

मोरी विकासखंड के गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में 22 गांवों को जोड़ने वाला मोरी सांकरी मुख्य मोटर मार्ग फपराला खड्ड के पास बंद पड़ा है. मार्ग बंद होने से पर्यटकों सहित क्षेत्रीय ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई है. ग्रामीण मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से से जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. एक सप्ताह से बंद मोटर मार्ग के बहाल न होने से ग्रामीणों में रोष है.

उत्तराखंड में बांस बल्ली के सहारे चल रही जिंदगानी.
पढ़ें- उत्तराखंड के कई जिलों में 19-20 अगस्त को भारी बारिश, येलो अलर्ट जारी

मोटर मार्ग बंद होने से ग्रामीणों ने वैकल्पिक मार्ग तैयार किया है. वैकल्पिक मार्ग के तौर पर ग्रामीणों को उफनता बरसाती नाला पार करना पड़ रहा है. उफनते बरसाती नाले को पार करने के लिए ग्रामीणों को सिर्फ बल्ली का सहारा है. एक सिंगल बल्ली के सहारे जुगाड़बाजी कर ग्रामीण और स्कूल जाने वाले बच्चे उफनते बरसाती नाले को पार कर रहे हैं. बल्ली के सहारे बरसाती नाला पार करते हुए यदि जारा सा भी बैलेंस बिगड़ गया तो आदमी सीधे नाले में गिरेगा. ऐसे में यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे शहर ले जाना नामुमकिन है.

वहीं मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को आ रही परेशानी पर मोरी लोक निर्माण विभाग के अभियंता रविंद्र सिंह का कहना है कि फपराला खड्ड के क्षतिग्रस्त हिस्से की निविदा लगा दी गई है, जिसकी खुलने की तिथि 22 अगस्त रखी गई है. जल्द फपराला खड्ड खोलने के लिए कार्य प्रारंभ किया जाएगा. फिलहाल पैदल आवागमन के लिए खड्ड में वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में बारिश के बाद हालत बद से बदतर हो चुके हैं. कई मार्ग बीते एक हफ्ते से बंद पड़े हुए हैं. ऐसे में इलाकों के लोगों के लिए आवाजाही करना मुश्किल हो गया है. सबसे ज्यादा मुश्किलें स्कूल जाने वाले बच्चों को उठानी पड़ रही (children cross rainy drain) है. क्योंकि रास्ता बंद होने की वजह से उनके लिए जो वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है, वो किसी मौत के रास्ते से कम नहीं (cross rainy drain with wooden block) है. ऐसे ही एक वीडियो उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड इलाके सामने आया है.

मोरी विकासखंड के गोविंद वन्यजीव विहार राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में 22 गांवों को जोड़ने वाला मोरी सांकरी मुख्य मोटर मार्ग फपराला खड्ड के पास बंद पड़ा है. मार्ग बंद होने से पर्यटकों सहित क्षेत्रीय ग्रामीणों की आवाजाही बंद हो गई है. ग्रामीण मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से से जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. एक सप्ताह से बंद मोटर मार्ग के बहाल न होने से ग्रामीणों में रोष है.

उत्तराखंड में बांस बल्ली के सहारे चल रही जिंदगानी.
पढ़ें- उत्तराखंड के कई जिलों में 19-20 अगस्त को भारी बारिश, येलो अलर्ट जारी

मोटर मार्ग बंद होने से ग्रामीणों ने वैकल्पिक मार्ग तैयार किया है. वैकल्पिक मार्ग के तौर पर ग्रामीणों को उफनता बरसाती नाला पार करना पड़ रहा है. उफनते बरसाती नाले को पार करने के लिए ग्रामीणों को सिर्फ बल्ली का सहारा है. एक सिंगल बल्ली के सहारे जुगाड़बाजी कर ग्रामीण और स्कूल जाने वाले बच्चे उफनते बरसाती नाले को पार कर रहे हैं. बल्ली के सहारे बरसाती नाला पार करते हुए यदि जारा सा भी बैलेंस बिगड़ गया तो आदमी सीधे नाले में गिरेगा. ऐसे में यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे शहर ले जाना नामुमकिन है.

वहीं मार्ग बंद होने से ग्रामीणों को आ रही परेशानी पर मोरी लोक निर्माण विभाग के अभियंता रविंद्र सिंह का कहना है कि फपराला खड्ड के क्षतिग्रस्त हिस्से की निविदा लगा दी गई है, जिसकी खुलने की तिथि 22 अगस्त रखी गई है. जल्द फपराला खड्ड खोलने के लिए कार्य प्रारंभ किया जाएगा. फिलहाल पैदल आवागमन के लिए खड्ड में वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.

Last Updated : Aug 18, 2022, 6:03 PM IST
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