सरकारी स्कूल के बाहर बच्चों ने किया प्रदर्शन. अलीगढ़: अलीगढ़ के एक गांव में सरकारी शिक्षक और शिक्षिका का ट्रांसफर होने से गांव के लोग दुखी हो गए. ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल का दरवाजा बंद कर दिया और शिक्षक और शिक्षिका को पकड़े कर रोने लगे. गांव के लोगों का कहना है कि जब से दोनों शिक्षक सरकारी स्कूल में आए हैं, गांव के बच्चों का भविष्य सुधर रहा है. वहीं, बीएसए ने जनभावना को देखते हुए दोनों शिक्षकों का तबादला आदेश रद कर दिया है.
प्रभारी अध्यापक सुनील कुमार और सहायक अध्यापिका गुंजन गुप्ता का तबादला बीएसए ने किया निरस्त. तहसील अतरौली के विकासखंड बिजौली के गांव शफीपुर में प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी अध्यापक सुनील कुमार और सहायक अध्यापिका गुंजन गुप्ता का तबादला होने से गांव के लोग विरोध पर उतर आए. गांव के लोग टीचरों का तबादला होने से नाराज थे और गांव के लोगों ने रोना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं गांव के लोगों ने स्कूल के दरवाजे पर ताला डाल दिया.शिक्षक और शिक्षिका को स्कूल से नहीं जाने दिया. गांव के लोगों का कहना है कि वह शिक्षक और शिक्षिका को यहां से जाने नहीं देंगे, क्योंकि शिक्षक गांव के बच्चों को बहुत अच्छी तरीके से शिक्षा देते हैं. छात्र भी टीचरों के पढ़ाने से काफी प्रभावित हैं. इतना ही नहीं गांव के लोग शिक्षकों के प्रति अपनी संवेदनाएं रखते नजर आये. गांव के बूढ़े बुजुर्गों का कहना है कि जब से ये इन टीचरों ने गांव में आकर बच्चों को पढ़ना शुरू किया है तब से उनके बच्चों को काफी अच्छी शिक्षा मिल रही है, इतना ही नहीं 5 वर्ष पहले स्कूल में 18 छात्र थे लेकिन अब इन दोनों शिक्षकों के द्वारा गांव के सभी बच्चों को स्कूल में लाने का काम किया गया है.
अब स्कूल में 85 छात्रों से अधिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.वहीं, शिक्षकों के तबादले से छात्र काफी दुखी नजर आए. टीचरों के तबादले की सूचना मिलने के बाद से छात्रों की आंखों में आंसू थे. इतना ही नहीं गांव के ज्यादातर लोग स्कूल पर पहुंच गए और ट्रांसफर आदेश वापस लेने के लिए नारेबाजी की. गांव के बुजुर्ग और शिक्षित लोगों का कहना है कि पहले तो गांव में बच्चों को पढ़ाई नहीं कराई जाती थी. जब से गांव के सरकारी स्कूल में ये दोनों शिक्षक आए हैं तब से गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा रही है, लेकिन शिक्षा विभाग नहीं चाहता कि गांव के बच्चे पढ़ लिख कर आगे बढ़ सकें. दोनों शिक्षकों का तबादला राजगांव कर दिया गया. शफीपुर सरकारी स्कूल में दोनों पिछले पांच साल से पढ़ा रहे है.