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सीएम तीरथ का माफीनामा, बोले- फटी जींस पहनने वालों से कोई परहेज नहीं - मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत फटी जींस वाले बयान मामले पर माफी मांगते हुए कहा है कि वे ऐसे लोगों से माफी मांगते हैं, जो उनके बयान से आहत हुए हैं. हालांकि, इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें फटी जींस पहनने वालों से कोई परहेज या आपत्ति नहीं है.

सीएम तीरथ
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Published : Mar 19, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Mar 19, 2021, 6:06 PM IST

देहरादून : फटी जींस पर अपने बयान को लेकर देश भर में आलोचना झेल रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी बात अगर किसी को बुरी लगी हो तो वह उससे क्षमा मांगते हैं.

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उन्हें जींस से कोई ऐतराज नहीं है और वह खुद भी जींस पहनते थे. उन्होंने कहा कि फटी जींस पहनने की बात उन्होंने संस्कारों के परिप्रेक्ष्य में कही थी. उन्होंने कहा, अगर किसी को लगता है कि फटी जींस ही पहननी है तो मुझे उससे कोई ऐतराज नहीं है. अगर किसी को बुरा लगता है तो मैं उनसे क्षमा मांगता हूं.

उन्होंने कहा कि अगर हम बच्चों में संस्कार और अनुशासन पैदा करेंगे तो वे भविष्य में कभी असफल नहीं होंगे.

स्वयं को सामान्य ग्रामीण परिवेश से आया व्यक्ति बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल के दिनों में जब उनकी पैंट फट जाती थी तो उन्हें डर लगता था कि कहीं गुरूजी डांटेंगे तो नहीं, दंड तो नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि यह अनुशासन और संस्कार था कि हम फटी पैंट पर पैबंद लगाकर स्कूल जाते थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कहीं वह बच्चों को नशे जैसी बुरी विकृतियों से दूर करने को लेकर आयोजित किया गया था और उन्होंने बच्चों को इससे बचाने के लिए घर पर संस्कार देने की बात कही.

रावत ने कहा कि उन्होंने कहा था कि आजकल बच्चे चार—पांच हजार की महंगी जींस घर लाते हैं और उसे कैंची मार लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी भी बेटी है और यह मुझ पर भी लागू होता है. मैंने घर पर संस्कारों की बात कही है, वातावरण कैसा हो. केवल किताबी ज्ञान नहीं, बच्चों में संस्कार भी पैदा करना चाहिए. चाहे वह लड़का हो या लड़की.

रावत का यह ताजा बयान पिछले तीन दिन से देश भर में उनके फटी जींस और पहनावे को लेकर एक कार्यक्रम में दिए बयान पर मचे बवाल को थामने का प्रयास माना जा रहा है क्योंकि इससे भाजपा भी स्वयं को असहज स्थिति में पा रही थी.

इससे पहले, बृहस्पतिवार को उनकी पत्नी रश्मि त्यागी रावत भी उनके बचाव में सामने आई थीं और कहा था कि उनके बयान को पूरे संदर्भ में प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है.

मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.

उन्होंने इस संबंध में एक घटना का भी उल्लेख किया और कहा कि एक बार जब वह हवाई जहाज में बैठे तो उनके साथ एक महिला बैठी थीं जो गम बूट पहने हुई थीं, उनकी जींस घुटनों पर फटी थी, हाथों में कई कड़े थे और उनके साथ दो बच्चे भी थे. रावत ने कहा कि वह महिला एनजीओ चलाती हैं जो समाज के बीच में जाती हैं और स्वयं उनके दो बच्चे हैं लेकिन घुटने फटे हुए हैं तो ऐसे में वह क्या संस्कार देंगीं.

पढ़ें - हिना हनीफा : परिवार की बेरुखी, कोर्ट से मिली आस, आंखों में आईपीएस का सपना

इस बीच, उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देहरादून की सड़कों पर आज फटी जींस पहनकर मुख्यमंत्री रावत के बयान का विरोध किया. इस प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी शामिल हुए.

कांग्रेस नेता शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि यह केवल प्रदेश का नहीं बल्कि देश की महिलाओं के सम्मान का सवाल है और एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की घटिया बयानबाजी बिल्कुल माफी योग्य नहीं है.

देहरादून : फटी जींस पर अपने बयान को लेकर देश भर में आलोचना झेल रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि उनकी बात अगर किसी को बुरी लगी हो तो वह उससे क्षमा मांगते हैं.

मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उन्हें जींस से कोई ऐतराज नहीं है और वह खुद भी जींस पहनते थे. उन्होंने कहा कि फटी जींस पहनने की बात उन्होंने संस्कारों के परिप्रेक्ष्य में कही थी. उन्होंने कहा, अगर किसी को लगता है कि फटी जींस ही पहननी है तो मुझे उससे कोई ऐतराज नहीं है. अगर किसी को बुरा लगता है तो मैं उनसे क्षमा मांगता हूं.

उन्होंने कहा कि अगर हम बच्चों में संस्कार और अनुशासन पैदा करेंगे तो वे भविष्य में कभी असफल नहीं होंगे.

स्वयं को सामान्य ग्रामीण परिवेश से आया व्यक्ति बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल के दिनों में जब उनकी पैंट फट जाती थी तो उन्हें डर लगता था कि कहीं गुरूजी डांटेंगे तो नहीं, दंड तो नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि यह अनुशासन और संस्कार था कि हम फटी पैंट पर पैबंद लगाकर स्कूल जाते थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस कार्यक्रम में उन्होंने यह बातें कहीं वह बच्चों को नशे जैसी बुरी विकृतियों से दूर करने को लेकर आयोजित किया गया था और उन्होंने बच्चों को इससे बचाने के लिए घर पर संस्कार देने की बात कही.

रावत ने कहा कि उन्होंने कहा था कि आजकल बच्चे चार—पांच हजार की महंगी जींस घर लाते हैं और उसे कैंची मार लेते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी भी बेटी है और यह मुझ पर भी लागू होता है. मैंने घर पर संस्कारों की बात कही है, वातावरण कैसा हो. केवल किताबी ज्ञान नहीं, बच्चों में संस्कार भी पैदा करना चाहिए. चाहे वह लड़का हो या लड़की.

रावत का यह ताजा बयान पिछले तीन दिन से देश भर में उनके फटी जींस और पहनावे को लेकर एक कार्यक्रम में दिए बयान पर मचे बवाल को थामने का प्रयास माना जा रहा है क्योंकि इससे भाजपा भी स्वयं को असहज स्थिति में पा रही थी.

इससे पहले, बृहस्पतिवार को उनकी पत्नी रश्मि त्यागी रावत भी उनके बचाव में सामने आई थीं और कहा था कि उनके बयान को पूरे संदर्भ में प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है.

मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री रावत ने कहा था कि संस्कारों के अभाव में युवा अजीबोगरीब फैशन करने लगे हैं और घुटनों पर फटी जींस पहनकर खुद को बड़े बाप का बेटा समझते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे फैशन में लड़कियां भी पीछे नहीं हैं.

उन्होंने इस संबंध में एक घटना का भी उल्लेख किया और कहा कि एक बार जब वह हवाई जहाज में बैठे तो उनके साथ एक महिला बैठी थीं जो गम बूट पहने हुई थीं, उनकी जींस घुटनों पर फटी थी, हाथों में कई कड़े थे और उनके साथ दो बच्चे भी थे. रावत ने कहा कि वह महिला एनजीओ चलाती हैं जो समाज के बीच में जाती हैं और स्वयं उनके दो बच्चे हैं लेकिन घुटने फटे हुए हैं तो ऐसे में वह क्या संस्कार देंगीं.

पढ़ें - हिना हनीफा : परिवार की बेरुखी, कोर्ट से मिली आस, आंखों में आईपीएस का सपना

इस बीच, उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देहरादून की सड़कों पर आज फटी जींस पहनकर मुख्यमंत्री रावत के बयान का विरोध किया. इस प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी शामिल हुए.

कांग्रेस नेता शिल्पी अरोड़ा ने कहा कि यह केवल प्रदेश का नहीं बल्कि देश की महिलाओं के सम्मान का सवाल है और एक मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की घटिया बयानबाजी बिल्कुल माफी योग्य नहीं है.

Last Updated : Mar 19, 2021, 6:06 PM IST
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