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Bihar Politics: क्या बिहार में फिर होगा बड़ा उलटफेर.. विधायकों से वन टू वन क्यों मिल रहे सीएम नीतीश ?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता की मुहिम के बीच में अचानक अपने विधायकों और सांसदों से मिलने लगे हैं. मुख्यमंत्री के अचानक सांसदों और विधायकों से मिलने पर कई तरह के कयास राजनीतिक गलियारों में लगाए जा रहे हैं. मिलने वाले विधायक-सांसद इसे रूटीन बैठक बताने से गुरेज नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह भी कह रहे हैं कि चुनाव के लिए हम लोग तैयार हैं. पढ़ें, पूरी खबर.

नीतीश कुमार
नीतीश कुमार
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Published : Jul 2, 2023, 8:06 PM IST

क्या बिहार में फिर कोई सियासी उलटफेर होने वाली है, सुनिए पार्टी नेताओं की जुबानी

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अचानक विधायकों और सांसदों से मिलने की वजह क्या है, यह ना तो मिलने वाले सांसद-विधायक ही बता रहे हैं और ना ही पार्टी के नेता. लेकिन, जब से उपेंद्र कुशवाहा बयान दे रहे हैं कि जदयू के सांसद और विधायक उनके और बीजेपी के संपर्क में हैं. बीजेपी के नेता और चिराग पासवान की तरफ से भी इसी तरह का बयान आ रहा है. इसके बाद नीतीश कुमार को कहीं ना कहीं पार्टी के बिखरने का डर है.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: 'JDU में भगदड़ है.. इसलिए विधायकों से मिल रहे हैं नीतीश'- सुशील मोदी

"नीतीश कुमार जब भी संकट में होते हैं विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करते हैं. ऐसे तो किसी को लगाते नहीं है. लालू प्रसाद यादव का भी दबाव होगा और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी बिखर ना जाए इसका भी डर होगा. क्योंकि नीतीश कुमार को भी पता है कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता आसान नहीं है. इसलिए आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला फिर से ले लें नीतीश कुमार तो आश्चर्य नहीं होगा."- प्रियरंजन, वरिष्ठ पत्रकार

ईटीवी भारत GFX.
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नाराजगी दूर करने की कोशिश: नीतीश कुमार पिछले साल एनडीए से निकलकर महागठबंधन में शामिल हुए थे. उसके बाद से लगातार नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं. 23 जून को नीतीश कुमार की पहल पर ही 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी. यह भी तय हुआ था कि अगली बैठक शिमला में होगी लेकिन शरद पवार ने अगली बैठक 13 -14 जुलाई को बेंगलुरु में करने की घोषणा की. बेंगलुरु वाली बैठक भी अब टलने की सूचना आ रही है. ऐसे में एक तरफ जहां विपक्षी दलों की एकजुटता भी अधर में है दूसरी तरफ पार्टी के अंदर नाराजगी नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.

मन टटोल रहे हैं: राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार विधायकों और सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं. उनका मन टटोल रहे हैं. ऐसे मिलने वाले सांसद में से जहानाबाद के चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी का कहना है कि मुख्यमंत्री ज्ञान वर्धन के लिए बुला रहे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने का निर्देश भी दे रहे हैं. हम लोग नीतीश कुमार के साथ मजबूती से एकजुट हैं. इसी तरह का बयान विधायकों ने और अन्य दूसरे सांसदों ने भी दिया.

ईटीवी भारत GFX.
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भविष्य की तलाश में जदयू के सांसद-विधायक: सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी के एक विधायक ने पिछले दिनों चिराग पासवान से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार ने उस विधायक को बुलाकर सफाई भी ली है. लेकिन नीतीश कुमार जिस प्रकार से विधायक और सांसद से एक-एक कर मिल रहे हैं इस मुलाकात पर बीजेपी की तरफ से निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार को अपने विधायकों और सांसदों पर भरोसा नहीं है और इसलिए बुलाकर भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, कब तक भरोसा दिलाएंगे सांसद और विधायक अपने अपने भविष्य की तलाश में हैं.

क्या बिहार में फिर कोई सियासी उलटफेर होने वाली है, सुनिए पार्टी नेताओं की जुबानी

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अचानक विधायकों और सांसदों से मिलने की वजह क्या है, यह ना तो मिलने वाले सांसद-विधायक ही बता रहे हैं और ना ही पार्टी के नेता. लेकिन, जब से उपेंद्र कुशवाहा बयान दे रहे हैं कि जदयू के सांसद और विधायक उनके और बीजेपी के संपर्क में हैं. बीजेपी के नेता और चिराग पासवान की तरफ से भी इसी तरह का बयान आ रहा है. इसके बाद नीतीश कुमार को कहीं ना कहीं पार्टी के बिखरने का डर है.

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"नीतीश कुमार जब भी संकट में होते हैं विधायकों और सांसदों के साथ बैठक करते हैं. ऐसे तो किसी को लगाते नहीं है. लालू प्रसाद यादव का भी दबाव होगा और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी बिखर ना जाए इसका भी डर होगा. क्योंकि नीतीश कुमार को भी पता है कि 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों की एकजुटता आसान नहीं है. इसलिए आने वाले दिनों में कोई बड़ा फैसला फिर से ले लें नीतीश कुमार तो आश्चर्य नहीं होगा."- प्रियरंजन, वरिष्ठ पत्रकार

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नाराजगी दूर करने की कोशिश: नीतीश कुमार पिछले साल एनडीए से निकलकर महागठबंधन में शामिल हुए थे. उसके बाद से लगातार नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं. 23 जून को नीतीश कुमार की पहल पर ही 15 विपक्षी दलों की बैठक हुई थी. यह भी तय हुआ था कि अगली बैठक शिमला में होगी लेकिन शरद पवार ने अगली बैठक 13 -14 जुलाई को बेंगलुरु में करने की घोषणा की. बेंगलुरु वाली बैठक भी अब टलने की सूचना आ रही है. ऐसे में एक तरफ जहां विपक्षी दलों की एकजुटता भी अधर में है दूसरी तरफ पार्टी के अंदर नाराजगी नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.

मन टटोल रहे हैं: राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार विधायकों और सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं. उनका मन टटोल रहे हैं. ऐसे मिलने वाले सांसद में से जहानाबाद के चंदेश्वर सिंह चंद्रवंशी का कहना है कि मुख्यमंत्री ज्ञान वर्धन के लिए बुला रहे हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयार रहने का निर्देश भी दे रहे हैं. हम लोग नीतीश कुमार के साथ मजबूती से एकजुट हैं. इसी तरह का बयान विधायकों ने और अन्य दूसरे सांसदों ने भी दिया.

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भविष्य की तलाश में जदयू के सांसद-विधायक: सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी के एक विधायक ने पिछले दिनों चिराग पासवान से मुलाकात की थी. नीतीश कुमार ने उस विधायक को बुलाकर सफाई भी ली है. लेकिन नीतीश कुमार जिस प्रकार से विधायक और सांसद से एक-एक कर मिल रहे हैं इस मुलाकात पर बीजेपी की तरफ से निशाना साधा जा रहा है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि नीतीश कुमार को अपने विधायकों और सांसदों पर भरोसा नहीं है और इसलिए बुलाकर भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन, कब तक भरोसा दिलाएंगे सांसद और विधायक अपने अपने भविष्य की तलाश में हैं.

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