जयपुर. राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है.शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि ईडी एक ऐसी एजेंसी है, जो देश की सबसे प्रीमियर जांच एजेंसी में से एक है, लेकिन आज उनकी ये हालत हो गई है कि एक प्रदेश के मुख्यमंत्री को यहां तक कहना पड़ा की ईडी कुत्तों की तरह घूम रही है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुंगली में चुनावी सभा के दौरान कहा था कि आज सड़कों पर जितने कुत्ते बिल्ली नहीं उससे ज्यादा ईडी और आईटी वाले घूम रहे हैं. मुंगेली में सीएम भूपेश बघेल ने नामांकन रैली के दौरान यह बात कही.
गहलोत ने कहा कि इस बयान से ये समझा जा सकता है की एक मुख्यमंत्री को ऐसा कमेंट क्यों करना पड़ा? मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की राजस्थान में भी ईडी चुनाव के समय कार्रवाई कर रही है क्योंकि राजस्थान में सरकार ने बेहतरीन काम किया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार का मतलब तरक्की,भरोसा और विश्वास बन गया है. यही कारण है कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ भी ईडी को आगे कर दिया गया है.
DA बढाने और दीपावली पर बोनस का प्रस्ताव: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया हो, लेकिन आज अपनी 7 गारंटियों के जरिए गहलोत ने अपना प्री मेनिफेस्टो जारी कर दिया. इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इलेक्शन कमिशन से इस बात की मांग रखी, कि हम चाहते हैं कि कर्मचारियों को राहत मिले.इसके लिए केंद्र के अनुसार उन्हें बढ़ा हुआ डीए मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमने DA( महंगाई भत्ता) बढ़ाने के लिए फैसला ले लिया और इसे कमेटी को भेज दिया है. वहीं दिवाली बोनस को लेकर भी उन्होंने यही बात कही कि कमेटी के जरिए उन्होंने ये प्रस्ताव चुनाव आयोग को भिजवाया है, क्योंकि पिछले चुनाव में जब राजस्थान में भाजपा की सरकार थी तो इसी तरीके का फैसला हुआ था.
डोटासरा बोले जेल में डाला तो भी आऊंगा जीतकरः वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने खुद पर हुई कार्रवाई को लेकर कहा कि पेपर लीक के मामले में ही परिवर्तन निदेशालय ने उनसे पूछताछ की. उन्होंने कहा कि मुझसे एक भी सवाल नहीं पूछा गया, केवल मेरा एक फोन और मेरे दोनों बेटों के फोन जब्त किए गए. डोटासरा ने कहा कि हमें इस बात से आपत्ति नहीं है कि ईडी यह कार्रवाई क्यों कर रही है? हमें आपत्ति इस बात से है कि पेपर लीक का यह मामला ढाई साल पुराना है तो फिर चुनाव के ठीक पहले ही उन्हें यह बात याद क्यों आई?. पहले यह कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्होंने मांग की कि प्रवर्तन निदेशालय यह बताए कि मेरे और मेरे परिजनों के परिवार में उन्हें क्या मिला?. उन्होंने कहा कि चाहे मुझे जेल में भी डाल दिया गया तो भी मैं जेल से जीत कर आऊंगा.