छिंदवाड़ा : कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई (Online Class) के दौरान गरीब परिवार के बच्चे के लिए मोबाइल खरीदना मुश्किल था. ऐसे में पढ़ाई में आर्थिक तंगी बीच में ना आए इसलिए छिंदवाड़ा की एक शिक्षिका ने मोबाइल बैंक (Mobile Bank) बनाकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करावाई. दरअसल लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान स्कूल बंद थे. सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के आदेश दिए. लेकिन सोनाखार के सरकारी स्कूल (Government School) में कई ऐसे बच्चे थे, जिनके पास ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल नहीं था.
ऐसे में शिक्षिका भावना शर्मा (Teacher Bhavna Sharma) ने नवाचार कर मोबाइल बैंक तैयार किया. भावना ने खुद और अपने दोस्तों के मोबाइल कुछ समय के लिए उधार लेकर बच्चों को दिए, जिससे बच्चे ऑनलाइन क्लास का हिस्सा बन सके. शिक्षिका का यह नवाचार काम आया और उन्होंने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया.
लाइब्रेरी की तरह ही काम करता है मोबाइल बैंक
शिक्षिका भावना शर्मा के द्वारा बनाया गया मोबाइल बैंक लाइब्रेरी की तरह ही काम करता है. भावना शर्मा के साथ कुछ सहयोगी के मोबाइल और ऐसे बच्चे जो सक्षम हैं वे अपनी पढ़ाई के बाद अपने मोबाइल भावना मैडम की बैंक में जमा करते हैं, ताकि दूसरे बच्चे पढ़ाई कर सकें. मोबाइल जमा होने के बाद जरूरतमंद बच्चे उन मोबाइल से पढ़ाई करते है और वापस कर देते हैं. जिस तरह लाइब्रेरी से पुस्तक पढ़ने के बाद वापस कर दी जाता है वैसे ही मोबाइल बैंक काम करता है. इसके लिए शिक्षिका ने रजिस्टर भी मेंटेन किया है.
50 से 60 बच्चे लेते हैं मोबाइल बैंक का फायदा
स्कूल में करीब 50 से 60 बच्चे ऐसे हैं जिनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. कोरोना महामारी के दौरान रोजगार के संकट के चलते इन परिवारों के लिए महंगे मोबाइल खरीदना मुश्किल काम था. ऐसे समय में इन परिवारों के लिए शिक्षिका भावना शर्मा द्वारा बनाए गए मोबाइल बैंक की योजना किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है.
क्लास के दौरान शिक्षिका के मन में आया विचार
शिक्षिका भावना ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब स्कूल बंद थे, सरकार ने मार्गदर्शी क्लास शुरू की थी. ताकि ऐसे बच्चे जिन्हें घर में पढ़ाई समझ नहीं आ रही थी वह कुछ घंटों के लिए स्कूल में जाकर शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकते थे. ऐसे में जब आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे स्कूल पहुंचे तो वे कोर्स में काफी पिछड़ चुके थे, क्योंकि उनके पास मोबाइल नहीं थे. ऐसी परिस्थिति देखकर शिक्षिका भावना शर्मा के मन में विचार आया कि वे खाली समय में जब उनके मोबाइल में कोई काम नहीं होता तो इतने समय के लिए ऐसे बच्चों को मोबाइल देकर उनकी पढ़ाई में मदद कर सकती हैं.
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए हुआ चयन
5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन अच्छे काम करने वाले शिक्षकों का सम्मान किया जाता है. मध्य प्रदेश सरकार ने भी ऐसे शिक्षकों की सूची जारी की है. जिसमें भावना शर्मा का चयन किया गया है. उन्हें शिक्षक दिवस के दिन राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया जाएगा. शिक्षिका का कहना है कि जब उन्होंने काम शुरू किया था तो उन्हें ज्ञात भी नहीं था कि वे किसी पुरस्कार के लिए काम कर रही हैं. बस उन्होंने बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए काम शुरू किया.