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MP Chhindwara Mayor 2022: शादियों में जूठी प्लेट उठाने वाला बना महापौर, संघर्ष की कहानी सुनकर रह जाएंगे हैरान

मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा नगरीय निकाय चुनाव में गरीब परिवार के बेटे विक्रम आहके महापौर का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीत गए हैं. आइए जानते हैं विक्रम के संघर्ष की कहानी- (Chhindwara Mayor 2022) (congress tribal leader vikram ahake) ( vikram ahake struggle story)

Chhindwara Mayor Vikram Ahake
छिंदवाड़ा महापौर विक्रम आहाके
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Published : Jul 19, 2022, 8:13 PM IST

छिंदवाड़ा। कोई भी सफलता के पीछे संघर्षों की एक बड़ी कहानी होती है, ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश में सबसे कम उम्र के छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर बने विक्रम आहाके की. 31 साल के विक्रम के छिंदवाड़ा महापौर बनने के पीछे उनका संघर्ष सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.(Chhindwara Mayor 2022) (congress tribal leader vikram ahake) ( vikram ahake struggle story)

छिंदवाड़ा महापौर विक्रम आहाके के संघर्ष की कहानी

पढ़ाई के दौरान कैटरिंग का काम: नवनियुक्त महापौर विक्रम आहाके ने बताया कि,"पढ़ाई के दौरान छुट्टियों के दिन में, मैं अपने परिवार का हाथ बंटाने के लिए छिंदवाड़ा में एक कैटरिंग सर्विस करने वाले व्यक्ति के पास काम करता था. इस दौरान मैंने शादियों के अलावा दूसरे सार्वजनिक कार्यक्रमों में जूठे बर्तन उठाने से लेकर, खाना परोसने तक का काम किया. इसके साथ ही मैंने मकानों के लिए नीव के गड्ढे खोदे, मेरी मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं उन्हें हर महीने 425 रुपए वेतन मिलता था. घर का खर्चा चलना मुश्किल होता था, इसलिए परिवार का खर्च चलाने के लिए मुझे काम करना पड़ता था."

सीआरपीएफ में दो बार लगी नौकरी कमलनाथ से प्रभावित होकर समाज सेवा की ठानी: छिंदवाड़ा महापौर विक्रम ने बताया कि, "मेरी सीआरपीएफ में दो बार नौकरी लग चुकी थी और एक बार पुलिस में, लेकिन मैंने समाज सेवा करने का फैसला लिया. मैं सीआरपीएफ की नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर लेकर कमलनाथ के पास पहुंचा. इस दौरान मैंने उनसे कहा कि मैं आपके साथ जुड़कर समाज सेवा करना चाहता हूं, जिसके बाद मैंने राजनीति में आ गया."

Rahul Gandhi praised Chhindwara mayor
छिंदवाड़ा महापौर की राहुल गांधी ने की तारीफ

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेस की शानदार जीत, विक्रम आहाके बने महापौर

राहुल गाँधी ने की तारीफ: नवनियुक्त महापौर की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उनके पिता एक छोटे किसान हैं, सामान्य से परिवार से आने वाले विक्रम आहके की खेतों में काम करने से लेकर लकड़िया लाने तक की तस्वीरें वायरल हो रही है. इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा कि, "मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं, पिता जी किसान हैं और बेटा 'महापौर' है. मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है, कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है. विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के 'जिला सचिव' के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे. हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके जी पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रुरत."

छिंदवाड़ा। कोई भी सफलता के पीछे संघर्षों की एक बड़ी कहानी होती है, ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश में सबसे कम उम्र के छिंदवाड़ा नगर निगम के महापौर बने विक्रम आहाके की. 31 साल के विक्रम के छिंदवाड़ा महापौर बनने के पीछे उनका संघर्ष सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे.(Chhindwara Mayor 2022) (congress tribal leader vikram ahake) ( vikram ahake struggle story)

छिंदवाड़ा महापौर विक्रम आहाके के संघर्ष की कहानी

पढ़ाई के दौरान कैटरिंग का काम: नवनियुक्त महापौर विक्रम आहाके ने बताया कि,"पढ़ाई के दौरान छुट्टियों के दिन में, मैं अपने परिवार का हाथ बंटाने के लिए छिंदवाड़ा में एक कैटरिंग सर्विस करने वाले व्यक्ति के पास काम करता था. इस दौरान मैंने शादियों के अलावा दूसरे सार्वजनिक कार्यक्रमों में जूठे बर्तन उठाने से लेकर, खाना परोसने तक का काम किया. इसके साथ ही मैंने मकानों के लिए नीव के गड्ढे खोदे, मेरी मां आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं उन्हें हर महीने 425 रुपए वेतन मिलता था. घर का खर्चा चलना मुश्किल होता था, इसलिए परिवार का खर्च चलाने के लिए मुझे काम करना पड़ता था."

सीआरपीएफ में दो बार लगी नौकरी कमलनाथ से प्रभावित होकर समाज सेवा की ठानी: छिंदवाड़ा महापौर विक्रम ने बताया कि, "मेरी सीआरपीएफ में दो बार नौकरी लग चुकी थी और एक बार पुलिस में, लेकिन मैंने समाज सेवा करने का फैसला लिया. मैं सीआरपीएफ की नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर लेकर कमलनाथ के पास पहुंचा. इस दौरान मैंने उनसे कहा कि मैं आपके साथ जुड़कर समाज सेवा करना चाहता हूं, जिसके बाद मैंने राजनीति में आ गया."

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छिंदवाड़ा महापौर की राहुल गांधी ने की तारीफ

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राहुल गाँधी ने की तारीफ: नवनियुक्त महापौर की मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उनके पिता एक छोटे किसान हैं, सामान्य से परिवार से आने वाले विक्रम आहके की खेतों में काम करने से लेकर लकड़िया लाने तक की तस्वीरें वायरल हो रही है. इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा कि, "मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं, पिता जी किसान हैं और बेटा 'महापौर' है. मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है, कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है. विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के 'जिला सचिव' के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे. हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके जी पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रुरत."

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