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Whipped For State Prosperity छत्तीसगढ़ की खुशहाली के लिए बघेल ने झेला चाबुक का वार

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Published : Oct 25, 2022, 11:00 AM IST

Updated : Oct 25, 2022, 3:39 PM IST

CM Baghel got whipped for state prosperity हर साल की तरह इस साल भी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल दिवाली के दूसरे दिन दुर्ग जिले में होने वाली गौरा गौरी पूजा में शामिल हुए और सोटा (चाबुक ) सहने की परंपरा निभाई. सीएम बघेल ने इस बार 5 बार खुद को चाबुक मरवाया. Gaura Gauri Puja in Kumhari

Whipped For State Prosperity
सीएम बघेल ने खाया चाबुक

दुर्ग: दिवाली के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के कुम्हारी के जजंगिरी गांव पहुंचे. सीएम यहां गौरा गौरी पूजा में शामिल हुए और प्रदेश की खुशहाली के लिए सोटा (चाबुक) सहने की परंपरा निभाई. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हर साल बुजुर्ग भरोसा ठाकुर यह प्रहार करते थे. लेकिन उनके निधन के बाद इस परंपरा को उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाया.Bhupesh Baghel at Gaura Gauri Puja in Durg

सीएम बघेल ने खाया चाबुक

आदिवासियों का मिलता है आशीर्वाद: इस मौके पर सीएम ने कहा "लक्ष्मी पूजा की रात को गौरा गौरी की स्थापना की जाती है. आदिवासियों समाज नगर भ्रमण कर चौक में उसकी स्थापना करते हैं. गांवभर के लोग पूजा अर्चना कर नारियल चढ़ाते हैं. परंपरागत नृत्य संगीत भी होता है. उसके बाद विसर्जन करते हैं. आदिवासियों की परंपरा है. मैं लगातार हर साल आता हूं. ये मेरा सौभाग्य है. इसके जरिए आशीर्वाद मिलता है. उनका अपनापन मिलता है. आदिवासियों की परंपरा का निर्वहन भी होता है.

आदिवासियों की सोटा निभाने की परंपरा के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए बघेल

सीएम भूपेश बघेल ने गृहग्राम में मनाई दिवाली, लक्ष्मी माता से मांगा ये आशीर्वाद

दुर्ग: दिवाली के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दुर्ग जिले के कुम्हारी के जजंगिरी गांव पहुंचे. सीएम यहां गौरा गौरी पूजा में शामिल हुए और प्रदेश की खुशहाली के लिए सोटा (चाबुक) सहने की परंपरा निभाई. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. हर साल बुजुर्ग भरोसा ठाकुर यह प्रहार करते थे. लेकिन उनके निधन के बाद इस परंपरा को उनके बेटे बीरेंद्र ठाकुर ने निभाया.Bhupesh Baghel at Gaura Gauri Puja in Durg

सीएम बघेल ने खाया चाबुक

आदिवासियों का मिलता है आशीर्वाद: इस मौके पर सीएम ने कहा "लक्ष्मी पूजा की रात को गौरा गौरी की स्थापना की जाती है. आदिवासियों समाज नगर भ्रमण कर चौक में उसकी स्थापना करते हैं. गांवभर के लोग पूजा अर्चना कर नारियल चढ़ाते हैं. परंपरागत नृत्य संगीत भी होता है. उसके बाद विसर्जन करते हैं. आदिवासियों की परंपरा है. मैं लगातार हर साल आता हूं. ये मेरा सौभाग्य है. इसके जरिए आशीर्वाद मिलता है. उनका अपनापन मिलता है. आदिवासियों की परंपरा का निर्वहन भी होता है.

आदिवासियों की सोटा निभाने की परंपरा के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए बघेल

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Last Updated : Oct 25, 2022, 3:39 PM IST
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