रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. भाजपा ने बूथों को मजबूत करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बूथ में युवाओं को साधने के लिए भाजपा ने पहले 1 बूथ 20 यूथ नाम से अभियान चलाकर बूथ में युवाओं की टीम तैयार की. वहीं अब महिलाओं को साधने के लिए भाजपा 1 बूथ 10 महिलाओं की टीम तैयार कर रही है. भाजपा ने इन महिलाओं की टीम को कमल सखी का नाम लिया है.
छत्तीसगढ़ की आधी आबादी पर बीजेपी की नजर: छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा की सीटों में 22 ऐसी सीटें हैं. जहां महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है. इन 22 सीटों में से 19 सीटें कांग्रेस के पास है. वहीं 2020 के अनुमानित जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ में 3 करोड़ 21 लाख 99 हजार 722 लोग हैं. जिसमें अनुमानित महिलाओं की जनसंख्या 1 करोड़ 60 लाख 27 हज़ार 84 है. प्रदेश में होने वाले चुनाव में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. यही वजह है कि 2023 विधानसभा चुनाव में सभी पार्टी अब महिलाओं को साधने में जुटी है.
छत्तीसगढ़ के चुनावों में महिलाओं की भूमिका
• प्रदेश में कुल भाजपा महिला सदस्यों की संख्या : प्रदेश में लगभग 2 लाख 25 हजार महिला भाजपा कार्यकर्ता हैं.
• प्रदेश में कुल भाजपा महिला विधायकों की संख्या : प्रदेश में कुल 15 महिला विधायक , जिसमें 12 कांग्रेस महिला विधायक हैं. वहीं 1 भाजपा महिला विधायक है.
• कुल भाजपा सांसदों की संख्या : प्रदेश में टोटल 11 लोकसभा की सीटें हैं. जिसमे 3 महिला संसद हैं. 2 बीजेपी महिला लोकसभा सांसद , 1 कांग्रेस महिला संसद है. प्रदेश में 5 राज्यसभा सीटें हैं. जिसमे भाजपा की 1 महिला संसद है.
• कुल भाजपा महिला महापौर की संख्या : प्रदेश में कुल 14 नगर निगम है. जिसमें 5 महिला महापौर हैं. सभी 5 महिला महापौर कांग्रेस की हैं. प्रदेश में भाजपा की एक भी महापौर नहीं है.
• भाजपा ने कितने महिलाओं को सांसद को टिकट दिया : लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 2 महिलाओं को चुनाव में खड़ा किया था और दोनों महिलाओं ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है.
• 4 साल पहले भाजपा में महिला सदस्यों की संख्या कितनी थी : प्रदेश में पिछले चुनाव तक भाजपा में 40 हजार से 50 हजार महिला कार्यकर्ता थी.
• कमल सखी : प्रदेश में 23 हजार 632 बूथ हैं. कमल सखी अभियान के तहत भाजपा महिला मोर्चा हर बूथ में 10 महिलाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. ये कमल सखी 2023 विधानसभा चुनाव में बूथ में महिलाओं को चुनाव के लिए तैयार करेंगी.
मिशन 2023 में कमल सखी की भूमिका अहम होगी: भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ ममता साहू ने बताया कि " भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने कमल सखी नाम से एक अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत भाजपा महिला मोर्चा प्रत्येक बूथ में 10 महिलाओं को अपने साथ जोड़ेगी. इन महिलाओं का काम बूथ में महिलाओं को अपने साथ जोड़ने का होगा. प्रदेश के बहुत से बूथों में हमारे कमल सखी बना लिए गए हैं. कुछ बूथ ऐसे हैं जहां कमल सखी बनाने का काम चल रहा है. छत्तीसगढ़ 2023 विधानसभा चुनाव में कमल सखी ही हमारे चुनाव जिताने में हिडन चाबी साबित होंगी. 2023 विधानसभा चुनाव हम महिला मोर्चा के दम पर ही जीतेंगे.
"छत्तीसगढ़ में महिलाएं हो रहीं प्रताड़ित": भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ ममता साहू ने बताया कि " छत्तीसगढ़ में महिलाएं अब जागरूक हो गई हैं. कांग्रेस सरकार ने गंगाजल हाथ में रखकर शराबबंदी की कसम खाई थी. लेकिन शराबबंदी करना तो छोड़ दीजिए, शराब की होम डिलीवरी भी चालू हो गई. इससे छत्तीसगढ़ का हर घर परिवार बर्बाद हो रहा है. प्रदेश में महिलाएं आक्रोशित हैं. अब महिलाएं तय करेंगी प्रदेश में किसकी होगी सरकार बनेगी. 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा की कमल सखी पूरी तरह प्रयास करेगी कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बने"
"मोदी सरकार की सबसे बड़ी फॉलोवर महिलाएं": वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी ने बताया कि " समाज में एक बड़ा हिस्सा महिलाओं का है. महिलाओं का योगदान राजनीति और समाज में महत्वपूर्ण है. महिला वर्ग को जोड़े बिना सरकार में आना कठिन काम है. इसलिए भाजपा महिलाओं को साधने के लिए रणनीति बनाते हुए नजर आ रही है. इसके पहले भी यह माना जाता है कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी फॉलोवर महिलाएं हैं. उस वर्ग को प्रदेश में जोड़े रखने के लिए भाजपा रणनीति बना रही है. हमेशा से भाजपा पर यह आरोप लगता रहा है कि प्रदेश में जिस तरह से महिला वर्ग को भाजपा में जोड़ना चाहिए वह नहीं जुड़ पाईं हैं. इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा महिलाओं को साधने की कोशिश दमखम से कर रही है.
घर और परिवार की डोर महिलाओं के हाथ में रहती है: वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहते हैं कि " बढ़ती हुई महंगाई और बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच घर और परिवार में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. ऐसा माना जाता है कि इस वर्ग को जो साध लेता है सरकार में आने के रास्ते उसके लिए तय हो जाते हैं. इसलिए इस रणनीति के तहत भाजपा इस तरह के कदम उठाते हुए दिखती है. अन्य राजनीतिक दलों की भी कोशिश यही रहती है कि किस तरह महिलाओं को जोड़ा जाए. महिला शक्ति को अपने साथ जोड़ने से पूरा परिवार जुड़ता है. इसी दृष्टिकोण से यह रणनीति विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बनाई है"