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चेन्नई कस्टम ने बरामद की 400 साल पुरानी नृत्य मुद्रा वाली गणेश प्रतिमा

तमिलनाडु में कस्टम विभाग को बड़ी सफलता मिली है. कस्टम विभाग ने नृत्य मुद्रा वाली पीतल की गणेश प्रतिमा बरामद की है. दावा किया जा रहा है कि ये 400 साल पुरानी गणेश प्रतिमा है.

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Published : Nov 3, 2021, 6:26 PM IST

नृत्य मुद्रा वाली गणेश प्रतिमा
नृत्य मुद्रा वाली गणेश प्रतिमा

चेन्नई: कस्टम विभाग के अधिकारियों ने कांचीपुरम के एक घर से नृत्य मुद्रा वाली पीतल की गणेश प्रतिमा (Ganesha statue) जब्त की है. प्रतिमा का वजन 130 किलोग्राम है और यह 5.25 फीट ऊंची है. चेन्नई हवाई अड्डे के सीमा शुल्क अधिकारियों को गोपनीय सूचना मिली थी कि कांचीपुरम में गणेश प्रतिमा की तस्करी की जा रही है और इसे विदेश में बेचने की तैयारी है. सीमा शुल्क अधिकारी फिलहाल पूरे मामले में शामिल लोगों की तलाश कर रहे हैं.

यह मूर्ति 400 साल पुरानी है. उल्लेखनीय है कि चेन्नई कस्टम द्वारा जब्त की गई यह अब तक की सबसे ऊंची प्रतिमा है. कस्टम अधिकारियों के अनुसार, चेन्नई हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों को मिली यह सबसे बड़ी मूर्ति है.

5.25 फीट की ऊंचाई और 130 किलोग्राम वजन की मूर्ति को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ पुरातनता और कला खजाने अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं किया गया था.

एक प्रेस में कहा गया है कि मूर्ति पर टूट-फूट के निशान मिले हैं, जो लंबे समय से इसके इस्तेमाल का संकेत दे रहे हैं. मूर्ति की जब्ती सीमा शुल्क विभाग द्वारा सबसे बड़ी जब्ती है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि मूर्ति को चेन्नई से कांचीपुरम तस्करी के लिए भेजा गया था.

पढ़ें- चेन्नई कस्टम विभाग ने सिंगापुर भेजी जी रही लाल चंदन की लकड़ी जब्त की

मूर्ति की जांच करने वाले एएसआई अधिकारियों ने मूर्ति के विवरण के आधार पर इसे विजयनगर-नायक काल की 400 साल से अधिक पुरानी घोषित किया. 'नृत्य' मुद्रा गणपति को भगवान गणपति के विभिन्न रूपों में से 15 वां रूप माना जाता है. इस रूप की पूजा करने से नृत्य और ललित कला में दक्षता और सफलता मिलती है.

चेन्नई: कस्टम विभाग के अधिकारियों ने कांचीपुरम के एक घर से नृत्य मुद्रा वाली पीतल की गणेश प्रतिमा (Ganesha statue) जब्त की है. प्रतिमा का वजन 130 किलोग्राम है और यह 5.25 फीट ऊंची है. चेन्नई हवाई अड्डे के सीमा शुल्क अधिकारियों को गोपनीय सूचना मिली थी कि कांचीपुरम में गणेश प्रतिमा की तस्करी की जा रही है और इसे विदेश में बेचने की तैयारी है. सीमा शुल्क अधिकारी फिलहाल पूरे मामले में शामिल लोगों की तलाश कर रहे हैं.

यह मूर्ति 400 साल पुरानी है. उल्लेखनीय है कि चेन्नई कस्टम द्वारा जब्त की गई यह अब तक की सबसे ऊंची प्रतिमा है. कस्टम अधिकारियों के अनुसार, चेन्नई हवाई अड्डे पर सीमा शुल्क अधिकारियों को मिली यह सबसे बड़ी मूर्ति है.

5.25 फीट की ऊंचाई और 130 किलोग्राम वजन की मूर्ति को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के साथ पुरातनता और कला खजाने अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं किया गया था.

एक प्रेस में कहा गया है कि मूर्ति पर टूट-फूट के निशान मिले हैं, जो लंबे समय से इसके इस्तेमाल का संकेत दे रहे हैं. मूर्ति की जब्ती सीमा शुल्क विभाग द्वारा सबसे बड़ी जब्ती है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि मूर्ति को चेन्नई से कांचीपुरम तस्करी के लिए भेजा गया था.

पढ़ें- चेन्नई कस्टम विभाग ने सिंगापुर भेजी जी रही लाल चंदन की लकड़ी जब्त की

मूर्ति की जांच करने वाले एएसआई अधिकारियों ने मूर्ति के विवरण के आधार पर इसे विजयनगर-नायक काल की 400 साल से अधिक पुरानी घोषित किया. 'नृत्य' मुद्रा गणपति को भगवान गणपति के विभिन्न रूपों में से 15 वां रूप माना जाता है. इस रूप की पूजा करने से नृत्य और ललित कला में दक्षता और सफलता मिलती है.

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