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चेन्नई : हिरासत में मौत का मामला, सामने आया एक और सीसीटीवी फुटेज

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Published : May 3, 2022, 11:55 AM IST

Updated : May 3, 2022, 1:42 PM IST

विग्नेश (25 वर्ष) को चेन्नई में कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में 18 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था. तब मामले की जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वी विग्नेश की मंगलवार (19 अप्रैल) को मौत हो गई. तब पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज तो किया था, लेकिन विग्नेश को प्रताड़ित किए जाने के आरोपों से इनकार किया था. पुलिस का कहना था कि किसी बीमारी के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और उसकी मौत हो गई.

Chennai custodial death
हिरासत में मौत का मामला

चेन्नई (तमिलनाडु) : चेन्नई के सचिवालय कॉलोनी पुलिस स्टेशन में 19 अप्रैल को हिरासत में मारे गए 25 वर्षीय विग्नेश के मामले में एक नया वीडियो सामने आया है. नए सीसीटीवी फूटेज में विग्नेश पुलिस से भागता हुआ नजर आ रहा है. पुलिस उसका पीछा कर रही है. वीडियो में तिरुवल्लिकेनी के एक झुग्गी निवासी विग्नेश को भागते हुए पकड़े जाने पर पुलिस से पिटते हुए भी देखा जा सकता है. विग्नेश (25 वर्ष) को चेन्नई में कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में 18 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था. तब मामले की जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वी विग्नेश की मंगलवार (19 अप्रैल) को मौत हो गई. तब पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज तो किया था, लेकिन विग्नेश को प्रताड़ित किए जाने के आरोपों से इनकार किया था. पुलिस का कहना था कि किसी बीमारी के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और उसकी मौत हो गई.

हिरासत में मौत का मामला, सामने आया एक और सीसीटीवी फुटेज

अधिकारी ने कहा कि एक सामान्य जांच के दौरान विग्नेश और उसके दोस्त को पकड़ा गया था. उनके पास के चाकू और गांजा बरामद हुआ था. तभी विग्नेश ने भागने की कोशिश की. लेकिन तुरंत ही उसे पकड़ लिया गया. अधिकारी ने दावा किया कि विग्नेश ने कबूल किया था कि गांजे के पैकेट, लगभग 10 ग्राम प्रत्येक, उनके उपभोग के लिए थे न कि बिक्री के लिए. अधिकारी ने बताया कि थाने में पूछताछ के दौरान विग्नेश को दौरा पड़ा और वह गिर गया. उन्हें पास के अस्पताल और बाद में सरकारी किलपौक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. जबकि एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें पहले से ही मामूली चोटें थीं (पुलिस स्टेशन लाए जाने से पहले). हमें बताया गया है कि पुलिस की प्रताड़ना के कारण कोई बाहरी चोट नहीं आई है. लेकिन हम सही कारण जानने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विग्नेश को हिरासत में लेने वाले थाना प्रभारी व दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है.

स्टालिन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की घोषणा की: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने 26 अप्रैल को मानवीय आधार पर विग्नेश के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच पूरी तरह से और निष्पक्ष होगी. साथ ही, उन्होंने विधानसभा को सूचित किया कि सरकार सुरेश के चिकित्सा खर्च को वहन करेगी, जिसे 18 अप्रैल को सचिवालय कॉलोनी पुलिस द्वारा विग्नेश के साथ कथित तौर पर उनके कब्जे से गांजा पीने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में एक पुलिस उप-निरीक्षक, एक कांस्टेबल और एक होमगार्ड कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. मामले को आगे की जांच के लिए अपराध शाखा सीआईडी ​​पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था.

पढ़ें : हिरासत में मौत का मामला : SC ने हिमाचल के पूर्व IG को जमानत देने से किया इनकार

पुलिस ने की हिरासत में हुई मौत को छुपाने की कोशिश : इधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विग्नेश के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि चेन्नई पुलिस ने हिरासत में हुई मौत को छुपाने की कोशिश की. विग्नेश के बड़े भाई विनोद ने बताया कि परिवार को विग्नेश के नियोक्ता द्वारा 1 लाख रुपया दिया गया. नियोक्ता ने बताया कि ये पैसे पुलिस ने दिए हैं. विग्नेश शहर के मरीना बीच पर लोगों को घुड़सवारी कराता था. विग्नेश के भाई विनोद ने बताया कि पुलिस ने सीधे पैसे नहीं दिए. विग्नेश रंजीत नामक एक व्यक्ति के घोड़े के स्टाल में वर्षों से काम कर रहा था. रंजीत ने मुझे फोन किया और बताया कि तुम्हारे भाई ने मेरे साथ बहुत मेहनत की है. उन्होंने कहा कि मैं इंस्पेक्टर से जो भी पैसा प्राप्त कर सकता हूं, मैं आपको दूंगा और इसे दाह संस्कार के लिए उपयोग करूंगा. उसने हमें 1 लाख रुपए दिए.

कड़ी सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार : कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार में शामिल हुए विग्नेश के दोस्त ने कहा कि कृष्णमपेट श्मशान में भारी सुरक्षा थी, पुलिस कर्मी बड़ी संख्या में थे और कई लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विनोद और विग्नेश के छोटे भाई सूर्या को पुलिस वाहन में श्मशान घाट लाया गया. अंतिम संस्कार के बाद पुलिस कर्मी उनके साथ श्मशान घाट से बाहर निकले. विग्नेश के साथ गिरफ्तार हुए सुरेश के पिता करपगम ने कहा कि परिवार को शव का दाह संस्कार करने के लिए कहा गया था न कि दफनाने के लिए. जबकि परिवार की परंपरा के मुताबिक शव को दफनाया जाना था. विग्नेश के छोटे और बड़े भाई को अंदर रखा गया था. उनकी मौसी की बेटी ने लाश मांगी, लेकिन पुलिस ने नहीं दी. उन्होंने कहा कि वे सीधे शव को श्मशान घाट लाएंगे. वे एक वाहन में शव रखकर आए थे. भाइयों को शव के पास बैठने को कहा गया. पुलिस ने कहा कि शव दफनाओ मत. उसका दाह संस्कार कर दो. करपगम के अनुसार बुधवार शाम को विग्नेश के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस कर्मियों ने विनोद के परिवार के सदस्यों को सूचित किया कि जज ने उन्हें 1 लाख रुपए का भुगतान करने के लिए कहा है और उनसे इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है.

चेन्नई (तमिलनाडु) : चेन्नई के सचिवालय कॉलोनी पुलिस स्टेशन में 19 अप्रैल को हिरासत में मारे गए 25 वर्षीय विग्नेश के मामले में एक नया वीडियो सामने आया है. नए सीसीटीवी फूटेज में विग्नेश पुलिस से भागता हुआ नजर आ रहा है. पुलिस उसका पीछा कर रही है. वीडियो में तिरुवल्लिकेनी के एक झुग्गी निवासी विग्नेश को भागते हुए पकड़े जाने पर पुलिस से पिटते हुए भी देखा जा सकता है. विग्नेश (25 वर्ष) को चेन्नई में कथित तौर पर ड्रग्स रखने के आरोप में 18 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था. तब मामले की जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वी विग्नेश की मंगलवार (19 अप्रैल) को मौत हो गई. तब पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज तो किया था, लेकिन विग्नेश को प्रताड़ित किए जाने के आरोपों से इनकार किया था. पुलिस का कहना था कि किसी बीमारी के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और उसकी मौत हो गई.

हिरासत में मौत का मामला, सामने आया एक और सीसीटीवी फुटेज

अधिकारी ने कहा कि एक सामान्य जांच के दौरान विग्नेश और उसके दोस्त को पकड़ा गया था. उनके पास के चाकू और गांजा बरामद हुआ था. तभी विग्नेश ने भागने की कोशिश की. लेकिन तुरंत ही उसे पकड़ लिया गया. अधिकारी ने दावा किया कि विग्नेश ने कबूल किया था कि गांजे के पैकेट, लगभग 10 ग्राम प्रत्येक, उनके उपभोग के लिए थे न कि बिक्री के लिए. अधिकारी ने बताया कि थाने में पूछताछ के दौरान विग्नेश को दौरा पड़ा और वह गिर गया. उन्हें पास के अस्पताल और बाद में सरकारी किलपौक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. जबकि एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें पहले से ही मामूली चोटें थीं (पुलिस स्टेशन लाए जाने से पहले). हमें बताया गया है कि पुलिस की प्रताड़ना के कारण कोई बाहरी चोट नहीं आई है. लेकिन हम सही कारण जानने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि विग्नेश को हिरासत में लेने वाले थाना प्रभारी व दो अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी है.

स्टालिन ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की घोषणा की: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने 26 अप्रैल को मानवीय आधार पर विग्नेश के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की जांच पूरी तरह से और निष्पक्ष होगी. साथ ही, उन्होंने विधानसभा को सूचित किया कि सरकार सुरेश के चिकित्सा खर्च को वहन करेगी, जिसे 18 अप्रैल को सचिवालय कॉलोनी पुलिस द्वारा विग्नेश के साथ कथित तौर पर उनके कब्जे से गांजा पीने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में एक पुलिस उप-निरीक्षक, एक कांस्टेबल और एक होमगार्ड कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. मामले को आगे की जांच के लिए अपराध शाखा सीआईडी ​​पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था.

पढ़ें : हिरासत में मौत का मामला : SC ने हिमाचल के पूर्व IG को जमानत देने से किया इनकार

पुलिस ने की हिरासत में हुई मौत को छुपाने की कोशिश : इधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विग्नेश के परिवार वालों ने आरोप लगाया कि चेन्नई पुलिस ने हिरासत में हुई मौत को छुपाने की कोशिश की. विग्नेश के बड़े भाई विनोद ने बताया कि परिवार को विग्नेश के नियोक्ता द्वारा 1 लाख रुपया दिया गया. नियोक्ता ने बताया कि ये पैसे पुलिस ने दिए हैं. विग्नेश शहर के मरीना बीच पर लोगों को घुड़सवारी कराता था. विग्नेश के भाई विनोद ने बताया कि पुलिस ने सीधे पैसे नहीं दिए. विग्नेश रंजीत नामक एक व्यक्ति के घोड़े के स्टाल में वर्षों से काम कर रहा था. रंजीत ने मुझे फोन किया और बताया कि तुम्हारे भाई ने मेरे साथ बहुत मेहनत की है. उन्होंने कहा कि मैं इंस्पेक्टर से जो भी पैसा प्राप्त कर सकता हूं, मैं आपको दूंगा और इसे दाह संस्कार के लिए उपयोग करूंगा. उसने हमें 1 लाख रुपए दिए.

कड़ी सुरक्षा में हुआ अंतिम संस्कार : कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार में शामिल हुए विग्नेश के दोस्त ने कहा कि कृष्णमपेट श्मशान में भारी सुरक्षा थी, पुलिस कर्मी बड़ी संख्या में थे और कई लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विनोद और विग्नेश के छोटे भाई सूर्या को पुलिस वाहन में श्मशान घाट लाया गया. अंतिम संस्कार के बाद पुलिस कर्मी उनके साथ श्मशान घाट से बाहर निकले. विग्नेश के साथ गिरफ्तार हुए सुरेश के पिता करपगम ने कहा कि परिवार को शव का दाह संस्कार करने के लिए कहा गया था न कि दफनाने के लिए. जबकि परिवार की परंपरा के मुताबिक शव को दफनाया जाना था. विग्नेश के छोटे और बड़े भाई को अंदर रखा गया था. उनकी मौसी की बेटी ने लाश मांगी, लेकिन पुलिस ने नहीं दी. उन्होंने कहा कि वे सीधे शव को श्मशान घाट लाएंगे. वे एक वाहन में शव रखकर आए थे. भाइयों को शव के पास बैठने को कहा गया. पुलिस ने कहा कि शव दफनाओ मत. उसका दाह संस्कार कर दो. करपगम के अनुसार बुधवार शाम को विग्नेश के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस कर्मियों ने विनोद के परिवार के सदस्यों को सूचित किया कि जज ने उन्हें 1 लाख रुपए का भुगतान करने के लिए कहा है और उनसे इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है.

Last Updated : May 3, 2022, 1:42 PM IST
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