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पश्चिम बंगाल : दुबई से लौटे शेफ ने ट्रक को टू-टियर रेस्तरां में बदला

वैश्विक कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण उद्योग में आई मंदी के कारण दुबई से भारत लौटे थे एक शेफ ने एक ट्रक को एक मोबाइल टू-टियर रेस्तरां (mobile two tier restaurant) में बदल दिया है. इस अनोखे रेस्टोरेंट के फाउंडर पार्थ मंडल (Partha Mondal) हैं.

टू-टियर रेस्तरां
टू-टियर रेस्तरां
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Published : Jun 29, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 8:35 PM IST

कोलकाता : वैश्विक कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण आई मंदी के चलते दुबई से भारत लौटे थे एक शेफ ने एक ट्रक को एक मोबाइल टू-टियर रेस्तरां (mobile two tier restaurant) में बदल दिया है.

महामारी के कारण भीड़ (restriction on congregation ) पर लगे प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए, रेस्तरां को कार्यक्रमों के लिए किराए पर लिया जा सकता है. यह अनोखा मोबाइल रेस्टोरेंट ( unique mobile restaurant ) पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बर्दवान (पूर्वी) जिले के मेमारी में पहाड़ी इलाके में स्थित है.

ट्रक को टू-टियर वाहन में बदल दिया गया है. इसकी पहली मंजिल पर रेस्तरां की रसोई (kitchen of the restaurant) है, सीढ़ियों (staircases) से पहुंचा जा सकता है.

रसोई के करीब एक छत पर खुली हवा में भोजन की सुविधा है. जिसके चारों ओर रेलिंग लगी हुई है. यहां खाने की मेज (dining tables) और स्टूल लगे हैं. ऑर्डर किया गया खाना किचन में पकाया जाता है और फिर संबंधित टेबल पर खाना परोसा जाता है. सरल शब्दों में, दोस्तों के साथ कुछ स्वादिष्ट भोजन खाने के लिए यह एक शानदार जगह है.

दुबई से लौटे शेफ ने ट्रक को टू-टियर रेस्तरां में बदला

इस अनोखे रेस्टोरेंट के फाउंडर पार्थ मंडल (Partha Mondal) हैं. वह 2013 में होटल मैनेजमेंट (hotel management) में डिग्री हासिल करने के बाद दुबई चले गए और वहां एक होटल में शेफ की नौकरी कर ली. हालांकि तीव्र मंदी के कारण 2020 में उनकी नौकरी चली गई.

किसी तरह वह घर वापस आए. उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई और उनको मोबाइल रेस्टोरेंट (mobile restaurant) का ये अनोखा आइडिया आया.

पार्थ का कहना है, 'मेरी हमेशा से एक रेस्टोरेंट खोलने की इच्छा थी, लेकिन एक अलग तरीके से, फिर मैंने मोबाइल रेस्टोरेंट के बारे में सोचा और उसी हिसाब से एक ट्रक को टू-टियर बस में बदल दिया. वहां मैंने अपना मोबाइल रेस्टोरेंट शुरू किया.'

उन्होंने कहा कि दुबई में मैंने देखा है कि पका हुआ खाना वाहनों से लाया जाता है और फिर अलग-अलग जगहों पर बेचा जाता है. मैंने बस के पहले फ्लोर को 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ एक खुली हवा में रेस्तरां में बदल दिया.

पढ़ें - फर्जी टीकाकरण मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी 'नहीं बचनी चाहिए बड़ी मछली'

उन्होंने यह भी कहा कि उनके मोबाइल रेस्तरां को सीमित लोगों की छोटी कार्यक्रमों (gatherings of limited people) के लिए किराए पर लिया जा सकता है. रेस्तरां में भोजन वितरण की सुविधा भी है.

स्थानीय निवासी तारक करमाकर (Tarak Karmakar) ने कहा कि उन्होंने रेस्टोरेंट के लिए हाइड्रोलिक (hydraulic) का काम किया था. चलते समय, हाइड्रोलिक छत के नीचे होगा, एक सपाट आकार होगा. हालांकि स्थिर रहते हुए, उसी हाइड्रोलिक के माध्यम से यह दो स्तरीय बस के आकार का होगा.

वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद मुस्तफा के मुताबिक ऐसा रेस्टोरेंट वाकई अनोखा है. उन्होंने कहा कि लोग यहां स्वादिष्ट भोजन के साथ हैंगआउट का आनंद ले सकते हैं.

रेस्त्रां में आईं सिमरोन बिश्वकर्मा ने कहा, 'पहली बार मैं इस तरह के एक रेस्तरां में आया हूं. मैंने भोजन पर अपने दोस्तों के साथ चैट सेशन (chat session) का आनंद लिया.'

कोलकाता : वैश्विक कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण आई मंदी के चलते दुबई से भारत लौटे थे एक शेफ ने एक ट्रक को एक मोबाइल टू-टियर रेस्तरां (mobile two tier restaurant) में बदल दिया है.

महामारी के कारण भीड़ (restriction on congregation ) पर लगे प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए, रेस्तरां को कार्यक्रमों के लिए किराए पर लिया जा सकता है. यह अनोखा मोबाइल रेस्टोरेंट ( unique mobile restaurant ) पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बर्दवान (पूर्वी) जिले के मेमारी में पहाड़ी इलाके में स्थित है.

ट्रक को टू-टियर वाहन में बदल दिया गया है. इसकी पहली मंजिल पर रेस्तरां की रसोई (kitchen of the restaurant) है, सीढ़ियों (staircases) से पहुंचा जा सकता है.

रसोई के करीब एक छत पर खुली हवा में भोजन की सुविधा है. जिसके चारों ओर रेलिंग लगी हुई है. यहां खाने की मेज (dining tables) और स्टूल लगे हैं. ऑर्डर किया गया खाना किचन में पकाया जाता है और फिर संबंधित टेबल पर खाना परोसा जाता है. सरल शब्दों में, दोस्तों के साथ कुछ स्वादिष्ट भोजन खाने के लिए यह एक शानदार जगह है.

दुबई से लौटे शेफ ने ट्रक को टू-टियर रेस्तरां में बदला

इस अनोखे रेस्टोरेंट के फाउंडर पार्थ मंडल (Partha Mondal) हैं. वह 2013 में होटल मैनेजमेंट (hotel management) में डिग्री हासिल करने के बाद दुबई चले गए और वहां एक होटल में शेफ की नौकरी कर ली. हालांकि तीव्र मंदी के कारण 2020 में उनकी नौकरी चली गई.

किसी तरह वह घर वापस आए. उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई और उनको मोबाइल रेस्टोरेंट (mobile restaurant) का ये अनोखा आइडिया आया.

पार्थ का कहना है, 'मेरी हमेशा से एक रेस्टोरेंट खोलने की इच्छा थी, लेकिन एक अलग तरीके से, फिर मैंने मोबाइल रेस्टोरेंट के बारे में सोचा और उसी हिसाब से एक ट्रक को टू-टियर बस में बदल दिया. वहां मैंने अपना मोबाइल रेस्टोरेंट शुरू किया.'

उन्होंने कहा कि दुबई में मैंने देखा है कि पका हुआ खाना वाहनों से लाया जाता है और फिर अलग-अलग जगहों पर बेचा जाता है. मैंने बस के पहले फ्लोर को 50 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ एक खुली हवा में रेस्तरां में बदल दिया.

पढ़ें - फर्जी टीकाकरण मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी 'नहीं बचनी चाहिए बड़ी मछली'

उन्होंने यह भी कहा कि उनके मोबाइल रेस्तरां को सीमित लोगों की छोटी कार्यक्रमों (gatherings of limited people) के लिए किराए पर लिया जा सकता है. रेस्तरां में भोजन वितरण की सुविधा भी है.

स्थानीय निवासी तारक करमाकर (Tarak Karmakar) ने कहा कि उन्होंने रेस्टोरेंट के लिए हाइड्रोलिक (hydraulic) का काम किया था. चलते समय, हाइड्रोलिक छत के नीचे होगा, एक सपाट आकार होगा. हालांकि स्थिर रहते हुए, उसी हाइड्रोलिक के माध्यम से यह दो स्तरीय बस के आकार का होगा.

वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद मुस्तफा के मुताबिक ऐसा रेस्टोरेंट वाकई अनोखा है. उन्होंने कहा कि लोग यहां स्वादिष्ट भोजन के साथ हैंगआउट का आनंद ले सकते हैं.

रेस्त्रां में आईं सिमरोन बिश्वकर्मा ने कहा, 'पहली बार मैं इस तरह के एक रेस्तरां में आया हूं. मैंने भोजन पर अपने दोस्तों के साथ चैट सेशन (chat session) का आनंद लिया.'

Last Updated : Jun 29, 2021, 8:35 PM IST
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