ग्वालियर/श्योपुर। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से चीता अग्नि कूनो की सीमा से बाहर निकल गया है, आज चीता आवदा क्षेत्र में देखा गया है. फिलहाल ग्रामीणों में दहशत में आए हुए हैं कि यह क्षेत्र कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर है. सूत्रों की माने तो अग्नि चीता कूनो नेशनल पार्क की सीमा से 2 दिन से बाहर है, जिस पर कूनो की ट्रैकिंग टीम लगातार चीते पर नजर बनाए हुए है. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर चीता अग्नि के मूवमेंट पर नजर रख रही है.
इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाते चीते: चीता एक्सपर्ट और फॉरेस्ट की आधा दर्जन गाड़ियों के साथ वन विभाग कि टीमें चीते के गले में लगे कॉलर आईडी से चीते के ऊपर नजर बनाए हुए है. चीता एक्सपर्ट की मानें तो "चीता से इंसान को कोई खतरा नहीं है, चीते इंसानों पर हमला नहीं करते हैं. ऐसे में ग्रामीण कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएं, जिससे चीते को नुकसान पहुंच सकता हो."
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुराल आर का कहना है कि "अग्नि चीता रियल जॉन से बाहर है और वह बफर जोन के जंगल में ही है. हमारी ट्रैकिंग और वन विभाग की टीम लगातार चीते के ऊपर नजर बनाए हुए हैं, इसके पहले भी पवन चीता कूनो नेशनल पार्क से निकलकर रिहायसी इलाकों में होते हुए पोहरी और शिवपुरी के जंगल में जा पहुंचा था, जिसको तीन बार ट्रेंकुलाइज कर कूनो नेशनल पार्क के बाडे में लाया गया था. वहीं मादा चीता गामिनी भी कई दिन तक कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर रही थी, बाद में वह अपने आप कूनो नेशनल पार्क की सीमा में आ जाती थी."
चीतों को खुले जंगल में छोड़ने की कवायद शुरू: लगभग 100 दिनों से बड़े बाड़े में बंद चीतों को खुले जंगल में छोड़ने की कवायद शुरू हो चुकी है, इन तीन दिनों में चार चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया गया है. सर्वप्रथम कूनो के पारोंन जंगल में अग्नि और वायु चीते को छोड़ा गया था, जिसमें अग्नि चीता एक बार फिर कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर जा चुका है.