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Chandrayaan -3 : चांद पर लैंडर ने फिर किया कमाल, 40 सेंटीमीटर की छलांग लगाकर फिर से की सॉफ्ट लैंडिंग - चंद्रयान 3 मिशन विक्रम रोवर प्रज्ञान

भारत का चंद्रयान-3 मिशन लगातार ऐसी खबरें दे रहा है, जिसने सबकी जिज्ञासा बढ़ा दी है. अब खबर है कि लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक छलांग लगा ली. लैंडर को जब कमांड दिया गया, तब इसने लगभग 40 सेंटीमीटर की छलांग लगाई और फिर सतह पर स्थापित हो गया. वैज्ञानिकों ने इसे बड़ी कामयाबी माना है. इसका मतलब है कि यदि भारत चांद पर अपना मानव मिशन भेजता है, तो इसे सफलता मिलने की संभावन बढ़ गई है.

chandrayaan mission
चंद्रयान 3 मिशन
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2023, 12:37 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 6:23 PM IST

बेंगलुरु : चंद्रयान मिशन ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की. हमारे लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर छलांग लगाई. इसके बाद वह सफलतापूर्वक लैंड भी कर गया. मानव मिशन के लिए इस उपलब्धि के आंकड़ों को सुरक्षित किया गया है.

  • Chandrayaan-3 Mission:
    🇮🇳Vikram soft-landed on 🌖, again!

    Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.

    On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI

    — ISRO (@isro) September 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, लैंडर को इसरो से कमांड दिया गया, जिसके बाद लैंडर का इंजन ऑन हो गया. उसने 35-40 सेंमी तक उछाल लगाई और फिर सॉफ्ट लैंडिंग की. इस सबकुछ स्मूथली हुआ. वैज्ञानिकों ने इस एक्सपेरिमेंट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, इसके बाद इसकी जानकारी सबको दी. उन्होंने कहा कि हमारा एक्सपेरिमेंट सफल रहा.

इसरो ने बताया कि हमारा विक्रम लैंडर अपने उद्देश्य, ऑबजेक्टिव, में पूरी तरह सफल रहा. उन्होंने कहा कि जितना हमने सोचा था, उससे कहीं अधिक काम हुआ. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह एक्सपेरिमेंट महत्वपूर्ण है, क्योंकि भविष्य में हम वहां से सैंपल लेकर रिटर्न भी हो सकते हैं और ऐसा हुआ तो मानव मिशन में हमें बड़ी कामयाबी मिलेगी.

इसरो के मुताबिक लैंडर पूरी तरह से सुरक्षित है, वह सही काम कर रहा है, उसके सारे यंत्र सही रिस्पॉंस कर रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार छलांग लगाने से पहले लैंडर के सारे पेलोड्स को बंद कर दिया गया था. उसके रैंप और चास्टे को भी क्लोज किया गया. छलांग लगाने के बाद जब लैंडिंग हुई, तब इसे फिर से खोल दिया गया. छलांग लगाने के बाद लैंडिंग की चुनौती थी, लेकिन हमें इसमें कामयाबी मिली.

दो दिन पहले रोवर प्रज्ञान को स्लीपिंग मॉड में डाला गया था. चांद पर जब अगली सुबह होगी, तब प्रज्ञान का पेलोड फिर से एक्टिव हो सकता है. वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि हमारा प्रज्ञान फिर से एक्टिव हो सकता है, यदि ऐसा हुआ तो भारत की यह बड़ी उपबल्धि होगी. चांद पर धरती के 14 दिनों के बराबर एक दिन होती है, रात भी इतनी ही बड़ी होती है. अब वहां पर रात शुरू होने वाली है.

आपको बता दें कि हमारे लैंडर और रोवर दोनों में ही सौर पैनल लगे हुए हैं. सूर्य की रोशनी पड़ते ही ये एक्टिव हो जाते हैं. इसलिए जब तक बैटरी सपोर्ट करता रहेगा, तब तक दोनों ही एक्टिव रहेंगे.

चंद्रयान-3 के पेलोड 22 सितंबर तक हुए निष्क्रिय : उधर, चंद्र मिशन के 'विक्रम' लैंडर के चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि अब चंद्रयान के पेलोड निष्क्रय हो गए हैं.

इसरो ने कहा कि सफल 'होप' परीक्षण में विक्रम लैंडर को एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर उतारा गया और इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को भविष्य के चंद्र मिशनों में मदद मिलेगी जहां पृथ्वी पर नमूने भेजे जा सकते हैं और इससे भी महत्वपूर्ण कि उन मानव मिशनों में मदद मिल सकती है जिनकी योजना बनाई जा रही है.

इसरो ने सोमवार को घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजे सुप्तावस्था में चला गया.

ये भी पढ़ें : Chandrayaan 3 Update: फुल बैटरी के साथ स्लीप मोड में गया रोवर, 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही करेगा 'गुड मॉर्निंग'

(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

बेंगलुरु : चंद्रयान मिशन ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की. हमारे लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर छलांग लगाई. इसके बाद वह सफलतापूर्वक लैंड भी कर गया. मानव मिशन के लिए इस उपलब्धि के आंकड़ों को सुरक्षित किया गया है.

  • Chandrayaan-3 Mission:
    🇮🇳Vikram soft-landed on 🌖, again!

    Vikram Lander exceeded its mission objectives. It successfully underwent a hop experiment.

    On command, it fired the engines, elevated itself by about 40 cm as expected and landed safely at a distance of 30 – 40 cm away.… pic.twitter.com/T63t3MVUvI

    — ISRO (@isro) September 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल, लैंडर को इसरो से कमांड दिया गया, जिसके बाद लैंडर का इंजन ऑन हो गया. उसने 35-40 सेंमी तक उछाल लगाई और फिर सॉफ्ट लैंडिंग की. इस सबकुछ स्मूथली हुआ. वैज्ञानिकों ने इस एक्सपेरिमेंट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, इसके बाद इसकी जानकारी सबको दी. उन्होंने कहा कि हमारा एक्सपेरिमेंट सफल रहा.

इसरो ने बताया कि हमारा विक्रम लैंडर अपने उद्देश्य, ऑबजेक्टिव, में पूरी तरह सफल रहा. उन्होंने कहा कि जितना हमने सोचा था, उससे कहीं अधिक काम हुआ. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह एक्सपेरिमेंट महत्वपूर्ण है, क्योंकि भविष्य में हम वहां से सैंपल लेकर रिटर्न भी हो सकते हैं और ऐसा हुआ तो मानव मिशन में हमें बड़ी कामयाबी मिलेगी.

इसरो के मुताबिक लैंडर पूरी तरह से सुरक्षित है, वह सही काम कर रहा है, उसके सारे यंत्र सही रिस्पॉंस कर रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार छलांग लगाने से पहले लैंडर के सारे पेलोड्स को बंद कर दिया गया था. उसके रैंप और चास्टे को भी क्लोज किया गया. छलांग लगाने के बाद जब लैंडिंग हुई, तब इसे फिर से खोल दिया गया. छलांग लगाने के बाद लैंडिंग की चुनौती थी, लेकिन हमें इसमें कामयाबी मिली.

दो दिन पहले रोवर प्रज्ञान को स्लीपिंग मॉड में डाला गया था. चांद पर जब अगली सुबह होगी, तब प्रज्ञान का पेलोड फिर से एक्टिव हो सकता है. वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि हमारा प्रज्ञान फिर से एक्टिव हो सकता है, यदि ऐसा हुआ तो भारत की यह बड़ी उपबल्धि होगी. चांद पर धरती के 14 दिनों के बराबर एक दिन होती है, रात भी इतनी ही बड़ी होती है. अब वहां पर रात शुरू होने वाली है.

आपको बता दें कि हमारे लैंडर और रोवर दोनों में ही सौर पैनल लगे हुए हैं. सूर्य की रोशनी पड़ते ही ये एक्टिव हो जाते हैं. इसलिए जब तक बैटरी सपोर्ट करता रहेगा, तब तक दोनों ही एक्टिव रहेंगे.

चंद्रयान-3 के पेलोड 22 सितंबर तक हुए निष्क्रिय : उधर, चंद्र मिशन के 'विक्रम' लैंडर के चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि अब चंद्रयान के पेलोड निष्क्रय हो गए हैं.

इसरो ने कहा कि सफल 'होप' परीक्षण में विक्रम लैंडर को एक बार फिर चंद्रमा की सतह पर उतारा गया और इस परीक्षण से वैज्ञानिकों को भविष्य के चंद्र मिशनों में मदद मिलेगी जहां पृथ्वी पर नमूने भेजे जा सकते हैं और इससे भी महत्वपूर्ण कि उन मानव मिशनों में मदद मिल सकती है जिनकी योजना बनाई जा रही है.

इसरो ने सोमवार को घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन का विक्रम लैंडर भारतीय समयानुसार सुबह करीब आठ बजे सुप्तावस्था में चला गया.

ये भी पढ़ें : Chandrayaan 3 Update: फुल बैटरी के साथ स्लीप मोड में गया रोवर, 22 सितंबर को सूर्योदय के साथ ही करेगा 'गुड मॉर्निंग'

(एक्स्ट्रा इनपुट एजेंसी)

Last Updated : Sep 4, 2023, 6:23 PM IST
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