बेंगलुरु/तिरुवनंतपुरम : वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधवन नायर (space scientist G Madhavan Nair) ने गुरुवार को कहा कि चंद्रमा तक पहुंचने के चंद्रयान-3 मिशन को सभी पहलुओं पर सफल होना चाहिए ताकि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक अहम पड़ाव पार कर सके. उन्होंने चांद की सतह पर 'सॉफ्ट लैंडिंग' को बेहद मुश्किल और जटिल करार दिया.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने बातचीत में कहा कि यह अभियान इसरो के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने करीब चार साल पहले चंद्रयान-2 की 'सॉफ्ट लैंडिंग' के दौरान आई समस्याओं से सबक लेते हुए वर्तमान अभियान में कई उपाय किए हैं और प्रणालियों को मजबूत किया है. वर्ष 2003 से इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग में सचिव के रूप में छह साल के कार्यकाल के तहत 25 सफल अभियानों को पूरा करने वाले नायर ने कहा, 'इस क्षण मैं केवल इतना कह सकता हूं कि यह मिशन सभी तरह से सफल होना चाहिए ताकि हम अंतरिक्ष अन्वेषण में एक प्रमुख मील का पत्थर पार कर सकें.'
इसरो की 23 अथवा 24 अगस्त को यान की 'सॉफ्ट लैंडिग' की योजना के बारे में पूछे जाने पर नायर ने कहा कि 'यह बहुत कठिन तथा जटिल प्रक्रिया है और हम इसे पहली बार अज्ञात क्षेत्र में करने जा रहे हैं. काफी बेसब्री है. हमें धर्य रखकर इसे देखना चाहिए.' नायर ने कहा, 'आमतौर पर कुछ गलत नहीं होना चहिए. इस खेल में हम कुछ नहीं कह सकते. ये बड़ी घटना है, जिसमें बहुत सारी उप प्रणालियां और घटक साथ में काम कर रहे हैं. यहां तक कि अगर कहीं भी कोई हल्की सी भी गड़बड़ होती है तो हम मुश्किल में पड़ सकते हैं. हमें वाकई सावधानी बरतने की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'इस वक्त प्रक्षेपण पूर्व की तैयारियां चल रही हैं, उम्मीद करता हूं कि वे सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक गौर करेंगे और खामी मिलने पर उसे दूर करेंगे.'