हैदराबाद: देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी निगाहें श्रीहरिकोटा पर टिकी हुई हैं. लेकिन इस बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि चंद्रयान-3 भारत के लिए ऐसे और अधिक अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू करने और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा. चंद्रयान-3 को शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा. इसरो से सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक रामकृष्ण नागरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चंद्रयान-3 सफल होगा, क्योंकि पिछले मिशन से सबक सीखा गया है.
नागरी ने कहा कि चंद्रयान-2 की आंशिक सफलता के बाद यह मिशन इसरो के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. पिछले मिशन में हमारी क्रैश लैंडिंग हुई थी, लेकिन अब सहज लैंडिंग के लिए तंत्र विकसित हो गया है. इस बार हम जरूर सफल होंगे. मिशन से आम लोगों को मिलने वाले फायदों पर चर्चा करते हुए नागरी ने बताया कि कोई भी अंतरिक्ष गतिविधियां समुदाय के समग्र विकास में बहुत योगदान देती हैं.
नागरी ने कहा कि जब मैं 1971 में इसरो में शामिल हुआ था तो लोग पूछते थे कि अंतरिक्ष गतिविधियों से आम लोगों को क्या लाभ होगा. लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, हमने देखा है कि कैसे इसरो ने वाणिज्यिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले उपग्रहों को लॉन्च करके समुदाय में योगदान दिया. इसी तरह इस तरह के प्रयोगों से मानवता को बहुत बड़ा लाभ होगा.
पूर्व वैज्ञानिक ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान इसरो ने सैन्य टुकड़ियों की आवाजाही के बारे में रक्षा मंत्रालय के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी. इसका फायदा मौसम विभाग को तो मिला ही, दूरसंचार क्षेत्र को भी काफी फायदा हुआ. अंतरिक्ष गतिविधियों में भारत की प्रगति पर बोलते हुए, नागरी ने कहा कि रूस और चीन के बाद भारत दौड़ में है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि एक दिन हम उनके बराबर होंगे और विकासशील देशों को उनके उपग्रह प्रक्षेपण और अन्य गतिविधियों में सहायता प्रदान करेंगे.