अमरावती : तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को पार्टी कार्यालयों पर हुए हमलों के विरोध में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय मंगलागिरी में 36 घंटे का धरना शुरू किया और आंध्र प्रदेश के लोगों को ड्रग माफिया और अलोकतांत्रिक और फासीवादी शासन से बचाने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की है. विपक्ष के नेता ने अनुच्छेद 356 को लागू करने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश अपनी वर्तमान स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए एक उपयुक्त मामला है.
उन्होंने दावा किया कि तेदेपा ने पहले कभी ऐसी मांग नहीं की थी और कुछ लोगों द्वारा छिटपुट गलतियों को नजरअंदाज करने की आवश्यकता को देखते हुए इस तरह की मांग करने की उसकी आदत नहीं थी. उन्होंने कहा, "जगनमोहन रेड्डी सरकार की चूक ने सारी हदें पार कर दीं. पूरे राज्य और देश का भविष्य अब दांव पर है."
पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के समर्थकों द्वारा पार्टी कार्यालयों और नेताओं पर मंगलवार के हमलों के विरोध में धरना शुरू किया था. 'राज्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई' शीर्षक से विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की गई.
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी अपनी सरकार के अत्याचारों, चौतरफा भ्रष्टाचार और सभी संवैधानिक संस्थानों पर हमलों के खिलाफ जनता में बढ़ती नाराजगी को लेकर अधीर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को तेदेपा के मुख्य कार्यालय पर हमला कोई छिटपुट, अलग-थलग घटना नहीं थी, बल्कि ढाई साल के अराजक और दमनकारी शासन की परिणति थी.
पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए तेदेपा प्रमुख ने केंद्र को याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के गांजा माफिया की काली गतिविधियां राज्य तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और अन्य राज्यों में फैल गई हैं. उन्होंने कहा कि ड्रग्स का खतरा राष्ट्र के लिए एक बड़ा खतरा है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ड्रग्स की आपूर्ति करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए तेदेपा नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
नायडू ने इस बात पर अफसोस जताया कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद राज्य में नई ऊंचाईयों पर पहुंच रहा है. "एक संसद सदस्य हिरासत में यातना का शिकार हो गया. वाईएसआरसीपी के अपने सांसद रघु राम राजू को गैरकानूनी हिरासत में ले लिया और पीटा. जगन शासन ने अदालतों, चुनाव आयोग, विपक्षी दलों और आम जनता की स्वायत्तता पर अनगिनत हमले किए गये. दलित डॉक्टर डॉ सुधाकर को मास्क मांगने पर उनकी मृत्यु तक मनोवैज्ञानिक और आर्थिक प्रताड़ना दी गई."
नायडू ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. उन्होंने तेदेपा कार्यालयों पर हमलों को लोकतंत्र पर हमला करार दिया. उन्होंने दावा किया कि हमले पूर्व नियोजित थे और इसका उद्देश्य पार्टी को खत्म करना था. उन्होंने दोहराया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पुलिस महानिदेशक को फोन किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि तेदेपा पार्टी के नेता पट्टाभि राम के घर पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई. विशाखापत्तनम, हिंदूपुर और कडप्पा में पार्टी कार्यालयों सहित कई स्थानों पर हमले हुए. तेदेपा कार्यालयों और नेताओं को निशाना बनाया गया. उन्होंने सरकार से पूछा, "वे कह रहे हैं कि पट्टाभि राम द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अपमानजनक थी. क्या आप जगन और उनके मंत्रियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर बहस के लिए तैयार हैं."
उन्होंने कहा कि तेदेपा कार्यालयों और नेताओं पर हमले हुए, लेकिन पुलिस ने उनके खिलाफ मामले दर्ज किए. तेदेपा कार्यालय में एक घुसपैठिए को पकड़ा गया और पुलिस को सौंप दिया गया, लेकिन तेदेपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. साथ ही यह भी कहा कितेदेपा प्रत्येक पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देती है. कुछ अधिकारियों के कारण पुलिस विभाग का नाम खराब हो रहा है.