चंबा: 29 जून की रात जोत रोड पर पुलिस को एक कार जली हालात में मिली, जिसमें एक व्यक्ति का अवेशष भी मिला. शुरुआती जांच में मृतक की पहचान नुरपुर निवासी बीएसएफ जवान अमित राणा के रूप में हुई, लेकिन जब पुलिस ने मामले में जांच की तो केस कुछ और निकला. कार में जलकर जिस अमित की कथित रुप से मौत हुई थी, वह जिंदा निकला. मामले में पुलिस ने आरोपी को बंगलुरु से गिरफ्तार किया है. मामले का खुलासा चंबा एसपी अभिषेक यादव ने किया.
जली हुई कार में मिली BSF जवान की कथित लाश: 28-29 जून की आधी रात जोत रोड पर एक कार जली हुई हालत में मिली, जिसमें सवार एक व्यक्ति की बुरी तरह से जलकर मौत हो गई थी. सूचना पर पहुंची पुलिस को शुरुआती छानबीन में पता चला कि यह कार नुरपुर निवासी बीएसएफ जवान अमित राणा की है और उसकी कार में जलकर मौत हो गई है. कहानी सुनने में जितनी सिंपल लग रही है, असल में यह मामला उतना ही उलझा हुआ है. जिसे सुलझाने में पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए. क्योंकि कथित तौर पर जिस अमित राणा की कार में जलकर मौत हुई, वो असल में जिंदा निकला. इस राज से पर्दा तब उठा जब पुलिस ने मामले में कई संदेहास्पद और खटकने वाली तथ्यों को खंगालना शुरू किया. जिसके बाद इस साजिश का हर परत दर परत खुलकर सामने आने लगा.
मामले में पुलिस को भी कर दिया हैरान: आपने हत्या, लूट और क्राइम की कई कहानी सुनी और देखी होगी, लेकिन शायद ही कभी कार में आग लगाकर और किसी की लाश को जलाकर अपनी मौत का साजिश रचने वाले शख्स के बारे में सुना होगा. ये मामला चबां जिले का है, जहां बीएसएफ जवान अमित राणा की एक कार में जलकर कथित रूप से मौत हो गई थी. 28-29 जून को चंबा पुलिस को जोत मार्ग पर एक जली हुई कार मिली और कार के अंदर एक जली लाश भी मिली. पहले तो पुलिस को भी लगा कि कार में आग लगने से उसमें सवार की शख्स की जलकर मौत हो गई है, लेकिन कुछ खटकने वाले तथ्यों को पुलिस ने जब खंगाना शुरू किया तो मामला कुछ और ही निकला.
क्राइम साइट पर खटका पुलिस को मिले तथ्य: पुलिस को साइट पर कार पूरी तरीके से जली हुई हालत में मिली, लेकिन उसका नंबर प्लेट कार से अलग सड़क पर बिल्कुल सही हालत में मिला. वहीं, कार का न तो एक्सीडेंट हुआ था और नहीं कार खाई में गिरी थी. पुलिस को कार सड़क पर खड़ी मिली, जिससे पुलिस को शक हुआ कि अगर कार में आग लगी भी तो सवार खुद को कैसे नहीं बचा पाया ? वहीं, कार के अंदर मिली बॉडी के अवशेष भी पूरे नहीं थे. जिससे पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि किसी ने सोची समझी साजिश की तहत इस घटना को अंजाम दिया है.
पुलिस को पूछताछ मिला सुराग: अब पुलिस की चुनौती थी कि इस मामले का खुलासा कैसे हो और कैसे इस घटना को अंजाम देने वाले को पकड़ा जाए. पुलिस ने जब अमित राणा के घरवालों ने पूछताछ कि तो उन्होंने बताया कि बीएसएफ जवान उन्हें नूरपुर से चंबा की ओर जाने की बात कहकर निकला था. जबकि हादसा जोत रोड पर हुआ था. घटना को लेकर और संदेह तब हुआ, जब पूरी जल चुकी गाड़ी की नंबर प्लेट सेफ थी. पुलिस ने सबसे पहले जोत से चंबा की ओर रात को जाने वाली बस के चालकों से बात की, जिसमें पता चला कि घटना की रात करीब 2 बजे एक शख्स चंबा के लिए चढ़ा था.
पुलिस ने चंबा बस स्टैंड में खंगाला सीसीटीवी: जिसके बाद पुलिस चंबा बस स्टैंड पहुंची और सीसीटीवी को खंगाला, जिसमें कथित रूप से 29 जून को जिसकी मौत हुई थी, वह फुटेज में जिंदा दिखा. जिसके बाद ने पुलिस ने अमित के करीबी दोस्तों के बारे में पता लगाने की कोशिश की, जिसमें पता चला कि उसका एक दोस्त पेशे से ड्राइवर है और दक्षित भारत में ट्रक चलाने का काम करता है. जांच के दौरान पुलिस को शक हुआ कि कथित रूप से मरा अमित अपने इसी दोस्त के साथ है. जिसके बाद एक पुलिस टीम गठित कर बंगलुरू भेजा. जहां टीम को पता चला कि अमित राणा अपने दोस्त के साथ ट्रक से बंगलुरू से चेन्नई की ओर जा रहा है. जिसके बाद रास्ते में पुलिस ने अमित राणा को पकड़ लिया. अब पुलिस अमित राणा को लेकर चंबा पहुंची है.
आरोपी ने बताया साजिश के पीछे की कहानी: पुलिस ने जब आरोपी से बात कि तो उसने बताया कि उसके ऊपर करीब 40 लाख का लोन था और वह उसे चुका नहीं पाता, जिसकी वजह से उसने अपनी झूठी मौत की साजिश रची थी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ कर रही है. वहीं, गाड़ी से मिले हड्डियों के अवशेष को जांच के लिए पुलिस ने फॉरेंसिक लैब भेज दिया है. अब पुलिस पता करने में जुटी है कि कार में आरोपी ने आखिर किसे जलाया.
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