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चामराजनगर जिला प्रशासन ऑक्सीजन आपदा के लिए जिम्मेदार : हाई कोर्ट - HC पैनल की रिपोर्ट

कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चामराजनगर जिला प्रशासन चवराजनगर कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई 24 रोगियों की मौत के लिए जिम्मेदार है.

चामराजनगर जिला प्रशासन
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Published : May 13, 2021, 6:33 PM IST

चामराजनगर : कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चवराजनगर कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 24 रोगियों की मौत के लिए चामराजनगर जिला प्रशासन जिम्मेदार है.

पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिला कलेक्टर ऐसी कठिन परिस्थिति में नेतृत्व और सक्रियता दिखाने में विफल रहे. पैनल ने कहा, चामराजनगर के डीसी ऑक्सीजन आपदा के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि मैसूर के डीसी को जिम्मेदार नहीं मानते हुए क्लीन चिट दे दी गई.

पढ़ें - आईआईटी वैज्ञानिकों के गणित अनुसार कोरोना की दूसरी लहर चरम की ओर

रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाज के दौरान मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाई. मृतकों की केस शीट भी इस बिंदु को इंगित करती है. पैनल ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों के मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा.

पैनल ने कहा कि मैसूर में ऑक्सीजन सिलेंडर को भरने वाले संयंत्र से अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए जिला प्रशासन और अस्पताल के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी. लेकिन वे इसकी आपूर्ति कराने में नाकाम रहे, जिसकी वजह से लोगों की कीमती जान चली गई.

हालांकि, पैनल ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मैसूर जिला कलेक्टर रोहिणी सिंधुरी ने चामराजनगर जिले को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी थी.

चामराजनगर : कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चवराजनगर कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 24 रोगियों की मौत के लिए चामराजनगर जिला प्रशासन जिम्मेदार है.

पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिला कलेक्टर ऐसी कठिन परिस्थिति में नेतृत्व और सक्रियता दिखाने में विफल रहे. पैनल ने कहा, चामराजनगर के डीसी ऑक्सीजन आपदा के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि मैसूर के डीसी को जिम्मेदार नहीं मानते हुए क्लीन चिट दे दी गई.

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रिपोर्ट में कहा गया है कि इलाज के दौरान मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाई. मृतकों की केस शीट भी इस बिंदु को इंगित करती है. पैनल ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों के मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा.

पैनल ने कहा कि मैसूर में ऑक्सीजन सिलेंडर को भरने वाले संयंत्र से अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए जिला प्रशासन और अस्पताल के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी. लेकिन वे इसकी आपूर्ति कराने में नाकाम रहे, जिसकी वजह से लोगों की कीमती जान चली गई.

हालांकि, पैनल ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मैसूर जिला कलेक्टर रोहिणी सिंधुरी ने चामराजनगर जिले को ऑक्सीजन की आपूर्ति रोक दी थी.

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