बेंगलुरु: ट्विटर ने सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में कहा कि केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन किए बगैर ट्वीट, सामग्री और अकाउंट्स के संबंध में ब्लॉक करने के आदेश जारी किए. ट्विटर ने कहा कि उसके अधिकारों पर भी असर पड़ा तथा उसने केंद्र द्वारा लागू गोपनीयता के खंड को भी चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी, जिनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया गया था. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर कर रखी है.
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ट्विटर ने ट्वीट, सामग्री तथा उपयोगकर्ताओं के अकाउंट ब्लॉक करने के केंद्र के कई आदेशों को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. ट्विटर ने दावा किया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने उपयोगकर्ताओं को सूचित किए बिना ब्लॉक करने का आदेश दिया और यहां तक कि ट्विटर को भी उपयोगकर्ताओं को सूचित करने की अनुमति नहीं दी गई. उच्च न्यायालय ने ट्विटर द्वारा जमा किए गए सीलबंद लिफाफे की सामग्री की जांच की, जिसमें सामग्री, ट्वीट और ट्विटर खातों पर सरकार के अवरुद्ध आदेश शामिल थे. बाद में अदालत ने सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी.