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नशीली दवाओं का उपयोग रोकने के लिए 13 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देगा केंद्र

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, 5.7 करोड़ से अधिक व्यक्ति नशीली दवाओं से प्रभावित हैं. शराब पर निर्भरता और उनके शराब के दुरुपयोग के लिए मदद की जरूरत है. लगभग 25 लाख लोग भांग की निर्भरता से पीड़ित हैं और लगभग 77 लाख लोगों को ओपियम के दुरुपयोग के लिए मदद की आवश्यकता है.

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Published : Feb 13, 2021, 9:50 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) को मजबूत करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत 272 जिलों में लगभग 13000 युवा स्वयंसेवकों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ समुदाय के लोगों के रूप में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. NMBA को और मजबूत बनाया जाएगा और ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत इसे जारी रखा जाएगा.

इस अभियान में 272 जिलों में 13000 युवा स्वयंसेवकों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामुदायिक मोबलाइजर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. सामाजिक न्याय और रोजगार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य केंद्र की स्थापना करके देश के हर जिले में एक मजबूत तंत्र प्रदान करना है. सरकारी अस्पतालों में ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर (डीडीएसी), एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटीज (एटीएफ) और अन्य सविधाएं जोड़ी जाएंगी.

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट अनुमान 260 करोड़
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 11.80 लाख लाभार्थियों को लाभ देने के लिए राशि मंजूर की गई है. आधिकारिक बयान के अनुसार, 272 जिलों के चयन के मापदंड के बारे में पूछा गया है. अधिकारियों ने कहा कि नशीली दवाओं के व्यसनों की ठोस संख्या और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से यह जानने के लिए कि 'ड्रग्स की आपूर्ति कहां से हो रही है, 'नेशनल सर्वे ऑन एक्स्टेंट एंड पैटर्न ऑफ सब्सटेंस यूज इन इंडिया' से डेटा निकाला गया था.

यह भी पढ़ें-गहलोत सरकार के गले की फांस बनी राजनीतिक नियुक्तियां

उन्होंने कहा कि 272 जिलों में से प्रत्येक में कम से कम 50 स्वयंसेवकों का चयन किया जाएगा और उन्हें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामुदायिक वालिंटियर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) को मजबूत करने का निर्णय लिया है. जिसके तहत 272 जिलों में लगभग 13000 युवा स्वयंसेवकों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ समुदाय के लोगों के रूप में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. NMBA को और मजबूत बनाया जाएगा और ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत इसे जारी रखा जाएगा.

इस अभियान में 272 जिलों में 13000 युवा स्वयंसेवकों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामुदायिक मोबलाइजर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा. सामाजिक न्याय और रोजगार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य केंद्र की स्थापना करके देश के हर जिले में एक मजबूत तंत्र प्रदान करना है. सरकारी अस्पतालों में ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर (डीडीएसी), एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटीज (एटीएफ) और अन्य सविधाएं जोड़ी जाएंगी.

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट अनुमान 260 करोड़
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 11.80 लाख लाभार्थियों को लाभ देने के लिए राशि मंजूर की गई है. आधिकारिक बयान के अनुसार, 272 जिलों के चयन के मापदंड के बारे में पूछा गया है. अधिकारियों ने कहा कि नशीली दवाओं के व्यसनों की ठोस संख्या और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो से यह जानने के लिए कि 'ड्रग्स की आपूर्ति कहां से हो रही है, 'नेशनल सर्वे ऑन एक्स्टेंट एंड पैटर्न ऑफ सब्सटेंस यूज इन इंडिया' से डेटा निकाला गया था.

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उन्होंने कहा कि 272 जिलों में से प्रत्येक में कम से कम 50 स्वयंसेवकों का चयन किया जाएगा और उन्हें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामुदायिक वालिंटियर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा.

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